सरकारी अस्पताल और अधिकृत संस्थाएं कर सकती हैं 20 हफ्ते का गर्भपात
जिला प्रशिक्षण केंद्र में एमपीटी एक्ट 1971 पर सेमिनार का आयोजन किया।
सरकारी अस्पताल और अधिकृत संस्थाएं कर सकती हैं 20 हफ्ते का गर्भपात
जागरण संवाददाता, जींद: जिला प्रशिक्षण केंद्र में एमपीटी एक्ट 1971 पर सेमिनार का आयोजन किया। सेमिनार की अध्यक्षता एडीजे डॉ. अशोक कुमार ने की। सिविल सर्जन डॉ. मंजू कादयान ने भी एमटीपी एक्ट की धाराओं के बारे में बताते हुए कहा कि एमटीपी (मेडिकल टर्मिनेशन प्रेगनेंसी) एक्ट के तहत कानूनी रूप से 20 सप्ताह तक के गर्भ का गर्भपात स्वास्थ्य विभाग की ओर से अधिकृत संस्थाओं तथा सरकारी अस्पतालों में कराया जा सकता है। 12 सप्ताह के गभर्पात को एक चिकित्सक के परामर्श पर कराया जा सकता है। 12 से 20 सप्ताह के गर्भ का गभर्पात दो चिकित्सक के परामर्श पर करवाया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग ने जिले के 19 प्राइवेट अस्पतालों को एमटीपी करने के लिए अधिकृत किया हुआ है। इसके अलावा किसी भी अन्य संस्था या स्थान पर गभर्पात करवाना गैर कानूनी है। अधिकृत स्वास्थ्य संस्थाओं पर एमटीपी करने के लिए अधिकृत डॉक्टर का होना अनिवार्य है। इसके लिए कम से कम एमबीबीएस डॉक्टर, जिसने एमटीपी की अधिकृत केंद्र से ट्रेनिग ली हो या स्त्री रोग विशेषज्ञ हो और वो डॉक्टर राज्य की मेडिकल परिषद में रजिस्टर्ड होना चाहिए। कोई भी अन्य चिकित्सा पद्धति से इलाज करने वाला डॉक्टर एमटीपी करने के लिए इस एक्ट के अंतर्गत गभर्पात करने के लिए मान्य नहीं है। डिप्टी सिविल सर्जन व पीएनडीटी नोडल अधिकारी डॉ. प्रभुदयाल ने एमटीपी करवाने की शर्तों के बारे में बताया। सेमिनार में पुलिस विभाग स्वास्थ्य विभाग व न्याय विभाग ने मिलकर कानूनी रूप से आपस में विचार विमर्श करके कानूनी अड़चनों के बारे में चर्चा की गई।