खापों की मांग- सरकार अंतरजातीय विवाह को दे बढ़ावा
खाप पंचायतों ने हिंदू मैरिज एक्ट में बदलाव करने और खुद को लोक अदालत का दर्जा देने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा दिया जाए।
जेएनएन, जींद। प्रदेश की खाप पंचायतों ने खाप पंचायतें अंतरजातीय विवाह के समर्थन किया है। खाप पंचायतों ने प्रदेश सरकार को अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहन देने के लिए शगुन राशि बढ़ाने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से कहा है कि हिंदू मैरिज एक्ट में बदलाव किया जाए।इसमें एक गांव, गुहांड और एक गोत्र में शादी न होने का प्रावधान किया जाए। इसके साथ ही खापों को लोक अदालत का दर्जा दिया है।
इसको लेकर खाप पंचायतों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मिलने के लिए समय मांगा है। कंडेला में खाप प्रधान टेकराम कंडेला की अध्यक्षता में हुई खापों की बैठक में कहा गया कि एक गांव और एक गोत्र में शादी होने से गांवों में तनाव बढ़ रहा है। खाप पंचायतें इन शादियों पर रोक नहीं लगा सकती लेकिन हिंदू मैरिज एक्ट में बदलाव हो जाता है तो कानूनन ऐसी शादियों पर पाबंदी लग जाएगी। इसके लिए खापें लंबे समय से मांग कर रही हैं।
पढ़ें : जज्बे से जीता जग : 13 में शादी व15 की उम्र बनी मां, 18 में बनी पहलवान
खराब हो रहा भाईचारा
टेकराम कंडेला ने कहा कि अभी हिंदू मैरिज एक्ट के तहत एक गांव और एक गोत्र में शादी हो सकती है। इससे आपस में भाईचारा खराब हो जाता है। ऐसी शादियां करने वालों को सरकार से सुरक्षा मिल जाती है। सहमति से शादी पर भी पंचायत किसी को कुछ कह नहीं सकती।
खाप प्रतिनिधियों ने कहा कि प्रदेश सरकार को अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देना चाहिए। इससे सामाजिक समरसता ज्यादा बढ़ेगी। खापों ने कभी भी इसका विरोध नहीं किया। प्रदेश सरकार ने बीते साल मुख्यमंत्री सामाजिक समरसता अंतरजातीय विवाह शगुन योजना के तहत मिलने वाली राशि को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख एक हजार रुपये किया था। खापों की मांग है कि इस राशि को दो लाख रुपये करना चाहिए।
पढ़ें : पति के बाहर जाते ही धमक आता था पड़ाेसी और फिर बनाता था हवस का शिकार
फरवरी में बुलाएंगे महापंचायत
टेकराम कंडेला ने कहा कि फरवरी के आखिरी सप्ताह या मार्च के पहले हफ्ते में गांव कंडेला में महापंचायत बुलाई जाएगी। इसमें पूरे उत्तर भारत से किसान संगठनों के अलावा सामाजिक संगठनों को भी बुलाया जाएगा। महापंचायत में हिंदू मैरिज एक्ट में बदलाव करने के लिए सरकार पर दबाव डालने की रणनीति बनाई जाएगी। इसके अलावा जैविक खेती को बढ़ावा देने पर चर्चा होगी। किसान की आर्थिक सेहत सुधारने के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करवाने पर चर्चा होगी।
कहा, समाज में खापों की महत्वपूर्ण भूमिका
खाप प्रतिनिधियों ने कहा कि समाज में शुरू से खापों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। खापों ने गांवों में बड़े से बड़े विवाद आपसी भाईचारे और सहमति से सुलझाए हैं। इसलिए खापों को लोक अदालत का दर्जा दिया जाना चाहिए ताकि अदालतों में लंबित पड़े लाखों केसों को पंचायतों में निपटारा किया जा सके।
खापों की मीङ्क्षटग में नौगामा खाप प्रधान कुलदीप ढुल, भाकियू प्रधान हजूरा सिंह कंडेला, भ्याण खाप के प्रधान राजकुमार बालक, भाकियू के प्रदेश सचिव नफे ङ्क्षसह ईगराह, छोटूराम शिक्षा समिति के पूर्व प्रधान ईश्वर सिंह लोहचब, अजमेर सिंह दालमवाला, धीरा सरपंच दालमवाला, ब्लॉक समिति के सदस्य विनोद शाहपुर भी मौजूद थे।