शराबबंदी पर पंचायतों की बेरुखी, सरकार ने भी नहीं भेजी नई गाइडलाइन
प्रदेश सरकार ने गांवों में शराबबंदी के लिए ग्राम सभा के प्रस्ताव पास करने की प्रक्रिया को तो अपना लिया है लेकिन अभी तक जिला आबकारी एवं कराधान विभाग के पास नई गाइडलाइन नहीं भेजी है।
प्रदीप घोघड़ियां, जींद
प्रदेश सरकार ने गांवों में शराबबंदी के लिए ग्राम सभा के प्रस्ताव पास करने की प्रक्रिया को तो अपना लिया है लेकिन अभी तक जिला आबकारी एवं कराधान विभाग के पास नई गाइडलाइन नहीं भेजी है। इधर जिले में शराबबंदी के प्रति पंचायतों में भी बेरुखी ही नजर आ रही है। 10 प्रतिशत मतदाता की सहमति या ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित कर भेजने के नए नियम के मुताबिक अभी तक किसी भी पंचायत ने आबकारी एवं कराधान विभाग के पास शराबबंदी का प्रस्ताव नहीं भेजा है। केवल 5 ग्राम पंचायतों के शराबबंदी के प्रस्ताव ही विभाग के पास आए हैं, जो 31 अक्टूबर से पहले ही भेजे जा चुके हैं।
आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों के अनुसार प्रदेश सरकार हर साल शराब बिक्री को लेकर गाइडलाइन जारी करती है। आगामी वित्त वर्ष के लिए शराब ठेकों के लिए अभी तक कोई गाइडलाइन नहीं आई है। इसी गाइडलाइन के मुताबिक शराब बंदी का नया प्रारूप भी आएगा। पुरानी पॉलिसी के अनुसार तो शराबबंदी के लिए प्रस्ताव भेजने का समय 31 अक्टूबर ही था। उस समय तक 5 ग्राम पंचायतों ने प्रस्ताव पारित कर कहा था कि उन्हें गांव में शराब ठेका नहीं चाहिए। सरकार ने तो घोषणा कर दी है कि ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित कर 31 दिसंबर तक भेजें लेकिन गाइडलाइन अभी तक जारी नहीं की गई।
सरकार ने यह की है घोषणा
पंचायती राज एक्ट के अनुसार अगर कोई पंचायत नहीं चाहती की उनके गांव में शराब का ठेका खुले तो उस पंचायत को अपना प्रस्ताव 31 अक्टूबर से पहले आबकारी एवं कराधान विभाग के पास जमा करवाना होता है लेकिन भाजपा ने दोबारा सत्ता में आते ही नई घोषणा कर दी कि जो भी ग्राम पंचायत अपने 10 प्रतिशत मतदाताओं की सहमति के साथ प्रस्ताव पारित कर विभाग को भेजेगी, उस गांव में शराब का ठेका नहीं खुलेगा। इसके लिए ग्राम पंचायतों को प्रस्ताव भेजने का 31 दिसंबर तक का समय दिया गया है।
इन पंचायतों ने ही भेजा है पुरानी पॉलिसी के अनुसार शराब बंदी का प्रस्ताव
शराबबंदी की पुरानी पॉलिसी के अनुसार 2020-21 के सेशन में गांव में शराब ठेका नहीं खोले जाने को लेकर जिन पंचायतों ने अपने प्रस्ताव भेजे हैं, उनमें भिखेवाला, कहसून, होशियारपुरा और कमाचखेड़ा, रायचंदवाला गांवों के नाम शामिल हैं। नई पॉलिसी के मुताबिक किसी भी पंचायत ने ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित कर आबकारी एवं कराधान विभाग के पास नहीं भेजा है। इससे पंचायतों की बेरुखी साफ नजर आ रही है।
नई गाइडलाइन में शर्तें पुरानी रहेंगी या नहीं, इस बारे भी नहीं पता
आबकारी विभाग के नियमों के अनुसार जिस भी गांव में पिछले 2 साल में एक बार भी अवैध शराब की बिक्री का मामला पकड़ा गया तो शराब ठेका बंद करने की अनुमति नहीं मिलेगी। अगर गांव में गुरुकुल होगा, तो उस गांव में शराब का ठेका नहीं खुलेगा। इसके अलावा स्कूल और मंदिर से लगभग 75 मीटर क्षेत्र में शराब ठेका नहीं खोले जान का नियम है। अब सवाल यह है कि नई पॉलिसी में यह शर्तें लागू होती हैं या नहीं।
वर्जन
प्रदेश सरकार ने घोषणा तो कर दी है, लेकिन अभी तक आबकारी विभाग के पास आधिकारिक तौर पर नोटिफिकेशन नहीं आया है। इसके अलावा नई गाइडलाइन के मुताबिक भी किसी पंचायत ने ग्राम सभा द्वारा पारित प्रस्ताव विभाग के पास नहीं भेजा है। जिस भी पंचायत का प्रस्ताव उन्हें मिलेगा, उसे स्वीकार कर लिया जाएगा।
--सुनील दहिया, एईटीओ, आबकारी विभाग, जींद