57 सरकारी और 110 निजी अस्पताल बंद, भटकते रहे मरीज
पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों पर हमला करने के विरोध में सरकारी और निजी अस्पतालों के चिकित्सक सोमवार को हड़ताल पर रहे। इससे जिले में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से ठप रहीं।
जागरण संवाददाता, जींद : पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों पर हमला करने के विरोध में सरकारी और निजी अस्पतालों के चिकित्सक सोमवार को हड़ताल पर रहे। इससे जिले में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से ठप रहीं। सरकारी और निजी अस्पतालों में केवल इमरजेंसी सेवाएं खुली रहीं। रविवार को छुट्टी होने के कारण सोमवार को मरीज इलाज कराने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों से जिला मुख्यालय पर पहुंचे। जब मरीज निजी अस्पतालों में गए तो वहां पर नर्सिग स्टाफ तो मौजूद था, लेकिन चेकअप करने के लिए चिकित्सक नहीं थे। निजी अस्पतालों के बाद मरीजों ने सरकारी अस्पताल की तरफ रुख किया तो वहां पर पता चला कि अस्पताल तो खुला है, लेकिन न तो ओपीडी की पर्ची बन रही है और न ही चिकित्सक अपनी सीट पर हैं। इस कारण मरीज मेडिकल स्टोर से बिना चिकित्सक की सलाह के दवाई लेते हुए नजर आए। हालांकि नागरिक अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में सामान्य दिनों की तरफ खुली रही, लेकिन वहां पर केवल गंभीर मरीजों को ही इलाज मिला।
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डॉक्टर अस्पताल पहुंचे पर नहीं देखा रोगियों को
जिले में नागरिक अस्पताल में स्वीकृत 210 पदों में से 57 डॉक्टर ही तैनात हैं। प्राइवेट अस्पतालों के हड़ताल के आह्वान को देखते हुए डीजी हेल्थ ने पत्र जारी कर सोमवार को कबीर जयंती के अवकाश के दिन नागरिक अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों की छुट्टी को रद कर ओपीडी करने के आदेश दिए थे। सोमवार को नागरिक अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर अस्पताल में तो पहुंचे, लेकिन उन्होंने ओपीडी में रोगियों का इलाज नहीं किया और बैठक कर रोष जताया। इसके कारण जिले में तैनात 57 डॉक्टर हड़ताल पर रहे, लेकिन इस दौरान जींद, सफीदों नरवाना और उचाना के नागरिक अस्पतालों में आपातकालीन कक्ष में डॉक्टर तैनात रहे।
गेट पर लगाई थी सूचना
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर जिले के 75 निजी अस्पताल और इंडियन डेंटर एसोसिएशन के आह्वान पर 35 दंत अस्पताल के चिकित्सक हड़ताल पर रहे। इस दौरान अधिकतर निजी अस्पतालों के शटर बंद रहे, अगर किसी के खुले थे तो उनके बाहर चिकित्सक के हड़ताल पर होने का नोटिस चस्पा हुआ था।
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चिकित्सक असुरक्षित : डॉ. भोला
हड़ताल पर चल रहे हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसिज एसोसिएशन के आह्वान पर हड़ताल कर रोष जताया। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के महासचिव डॉ. राजेश भोला ने कहा कि चिकित्सकों पर इस तरह के हमले सिस्टम की पोल खोल रहे हैं। इससे साफ है कि चिकित्सक आज सुरक्षित नहीं हैं। चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए पुलिस को पुख्ता प्रबंध करने चाहिए, मारपीट करने वाले असमाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिला जींद की एसोसिएशन बंगाल में चिकित्सकों के साथ हुई मारपीट का विरोध करती है और हड़ताल पर रहकर कोलकता पश्चिम बंगाल के एनआरएस मेडिकल कालेज के चिकित्सकों का समर्थन करती है। इस मौके पर डॉ. गोपाल गोयल, डॉ. आरएस पूनिया, डॉ. राजेंद्र, डॉ. जेके मान, डॉ. रमेश पांचाल, डॉ. विशाल आदि मौजूद थे।
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डीसी को सौंपा ज्ञापन
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और इंडियन डेंटल एसोसिएशन के आह्वान पर निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने एक निजी होटल में बैठक की। जहां पर डाक्टरों ने पश्चिम बंगाल की घटना पर रोष जताया। इसके बाद सभी चिकित्सक आइएमए के प्रधान डॉ. अजय गोयल के नेतृत्व में डीसी कार्यालय में पहुंचे। जहां पर चिकित्सकों ने डीसी को ज्ञापन सौंपा। डॉ. अजय गोयल ने कहा कि पिछले कई वर्ष से चिकित्सकों के साथ हिसक घटनाएं आम हो गई हैं। इसके कारण चिकित्सकों में असुरक्षा का भाव पैदा हो रहा है और आम चिकित्सक गंभीर मरीजों के इलाज करने से कतरने लगे हैं। महासचिव डॉ. सुशील मंगला ने कहा कि डॉक्टरों के साथ मारपीट के मामलों में सख्त कानून बनाया जाए। अस्पतालों में हिसक घटना को अंजाम देने पर कम से कम सात साल की सजा का प्रावधान किया जाए। इस अवसर पर डॉ. धर्मपाल खर्ब, डॉ. सुरेश जैन, डॉ. नरेश शर्मा, डॉ. एमएल गैरा, डॉ. प्रवीन गुप्ता, डॉ. चमनलाल गर्ग, डॉ. जगदीप, डॉ. मनोज कुमार, डॉ. विवेक सिगला, डॉ. गौरव गर्ग, डॉ. ज्ञानचंद, डॉ. साहिल मौजूद थे।
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नहीं मिला इलाज
सरकारी और निजी अस्पतालों की हड़ताल के चलते मरीज इलाज के लिए भटकते रहे। नागरिक अस्पताल में पहुंचे गांव सिधवीखेड़ा निवासी वजीर सिंह ने बताया कि उसके कंधे में दर्द रहता है। डॉक्टर को दिखाने के लिए पहले निजी अस्पताल में गया तो वहां पर डाक्टर नहीं मिले। अब सरकारी अस्पताल में आया तो यहां पर पता चला कि यहां भी डॉक्टर हड़ताल पर हैं। अब इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है। भटनागर कालोनी निवासी सुरजमल ने बताया कि उसके कुत्ते ने काट लिया और उसके इंजेक्शन लगाने के लिए आया था। यहां पर पता चला कि डॉक्टर हड़ताल पर हैं। अब इंजेक्शन लगवाने के लिए मंगलवार को आना पड़ेगा।
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