श्रीमदभागवत की महिमा अनंत, जो श्रीकृष्ण का स्वरूप : त्रिपाठी
बाबा गैबी साहिब मंदिर में चल रही श्रीमदभागवत कथा के दूसरे दिन मुख्य यजमान के रूप में मुकेश यादगार समिति के संरक्षक डॉ. एसके सिगला पहुंचे।
संवाद सूत्र, नरवाना : बाबा गैबी साहिब मंदिर में चल रही श्रीमदभागवत कथा के दूसरे दिन मुख्य यजमान के रूप में मुकेश यादगार समिति के संरक्षक डॉ. एसके सिगला पहुंचे। कथावाचक संतोष कृष्ण त्रिपाठी ने भगवान सुखदेव के जन्मोत्सव का वर्णन करते हुए राजा परीक्षित के जन्म-कर्म की व्यथा का बखान किया। उन्होंने राजा परिक्षत को कलयुग का मिलन व ऋषि के श्राप का वर्णन करते हुए कहा कि सुखदेव भगवान शुक्रताल पर आकर श्रीभद्भागवत कथा का श्रवण करवाते हैं। राजा परीक्षित भी श्रीमद्भागवत कथा के प्रभाव से मुक्त हो जाते हैं। श्री मदभागवत की महिमा अनंत है, जो भगवान श्रीकृष्ण का अवतार माना जाती है। संतोष कृष्ण त्रिपाठी ने कहा कि मनुष्य को मंदिरों में जाने की आवश्यकता नहीं है। उसे सच्चा ज्ञान प्राप्त करना है, तो मन की संतुष्टि ही सबसे बड़ा धन है। इसलिए व्यक्ति को मोह-माया का त्याग कर अपना जीवन को समाज सेवा में जगा देना चाहिए, तभी उसके जीवन जीने का मनोरथ सफल हो सकता है। इस मौके पर महंत अजय गिरी, भारत भूषण गर्ग, अचल मित्तल, तरसेम शर्मा, दिलबाग मोर, रामचंद्र मिर्धा, सुभाष चहल, राजू प्रजापत, रोशलाल वेदपाठी, कृष्ण मोर, मनजीत मिर्धा मौजूद रहे।