यातायात की कमी की वजह से डिग्री बीच में नहीं छोड़ेंगी लाडो
कॉलेज में आने-जाने में होने वाली परेशानी की वजह से अब लाडो को अपनी डिग्री बीच में ही नहीं छोड़नी पड़ेगी। प्रदेश सरकार द्वारा कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियों के घर से कॉलेज तक आने और जाने के लिए स्पेशल बस की सुविधा मुहैया करवाई जाएगी।
प्रदीप घोघड़ियां, जींद
कॉलेज में आने-जाने में होने वाली परेशानी की वजह से अब लाडो को अपनी डिग्री बीच में ही नहीं छोड़नी पड़ेगी। प्रदेश सरकार द्वारा कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियों के घर से कॉलेज तक आने और जाने के लिए स्पेशल बस की सुविधा मुहैया करवाई जाएगी। इसके लिए पिछले सप्ताह हायर एजुकेशन द्वारा जिले के सभी कॉलेजों से ग्रामीण एरिया के किस रूट से कितनी छात्राएं कॉलेज में आती हैं, इसकी डिटेल मांगी गई थी, जो कॉलेज प्रबंधन ने मुख्यालय को भेज दी है।
यहां बताते चलें कि रोडवेज के जींद डिपो में इस समय लगभग 165 बसें हैं तथा 64 बसें परिवहन समिति की चल रही हैं, जो हर रोज छात्राओं और दूसरे यात्रियों को ढोने का काम करती हैं। जींद के राजकीय पीजी कॉलेज, राजकीय महिला कॉलेज, हिदू कन्या कॉलेज, जाट कॉलेज में 5 हजार से ज्यादा छात्राएं शिक्षा ग्रहण करने के लिए आती हैं। बसों की कमी के चलते इन छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण एरिया से छात्राओं को कॉलेज तक पहुंचने के लिए काफी परेशानी आती हैं। इस परेशानी के आगे हिम्मत हार कई छात्राएं कॉलेज की पढ़ाई बीच में ही छोड़ देती हैं।
कॉलेजों ने बनाई लिस्ट
यातायात में परेशानी की वजह से लाडो अपनी पढ़ाई बीच में ही नहीं छोड़ें और उनकी दिलचस्पी पढ़ाई में और बढ़े, इसके लिए सरकार ने फैसला लिया है कि कॉलेज में आने और जाने के लिए लड़कियों की स्पेशल बसें चलाई जाएं। इस दिशा में सरकार ने अपने कदम आग बढ़ा दिए हैं। हायर एजुकेशन विभाग के निर्देशानुसार कॉलेज प्रबंधन द्वारा किस गांव से कितनी छात्राएं कॉलेज में पढ़ने के लिए आती हैं और यह गांव किस रूट पर स्थित है तथा इस गांव में फिलहाल यातायात की क्या व्यवस्था है, इस बारे डिटेल दी गई है।
लड़कियों के लिए कम से कम 10 स्पेशल बसों की दरकार
जिले के विभिन्न रूटों पर लड़कियों को यातायात की बेहतर सुविधा देनी है तो कम से कम 10 स्पेशल बसों की जरूरत पड़ेगी। इस समय जींद से छात्तर और जींद से जीतगढ़ दो ही रूटों पर लड़कियों की स्पेशल बसें चलाई जा रही हैं। कॉलेजों में पढ़ने वाली लड़कियों से बात की गई तो ग्रामीण एरिया के रूटों पर लड़कियों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इन रूटों पर लड़कियों की स्पेशल बसों की दरकार है। जींद-छात्तर रूट की बात की जाए तो छात्तर से जींद तक 10 गांवों से 150 से ज्यादा लड़कियों पढ़ने के लिए आती हैं, जिनके लिए 2 स्पेशल बसें हर हाल में लगनी चाहिएं लेकिन एक ही बस चल रही है।
किस रूट से कितनी छात्राएं आ रही पढ़ने, मुख्यालय को भेजा रूट चार्ट
जींद के राजकीय पीजी कॉलेज की प्राचार्या शीला दहिया और राजकीय महिला कॉलेज की प्राचार्या राजेश्वरी कौशिक ने बताया कि मुख्यालय के निर्देशानुसार किस रूट से कितनी छात्राएं कॉलेज में आ रही हैं, इसका रूट चार्ट मुख्यालय को भेज दिया गया है। सरकार का प्रयास है कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत लड़कियों की शिक्षा के अनुपात में सुधार लाया जा सके।