तनाव सहने की क्षमता होती जा रही खत्म
जागरण संवाददाता, जींद : भारत में युवा व व्यस्कों में मौत का सबसे आम कारण मानसिक बीमारी है
जागरण संवाददाता, जींद : भारत में युवा व व्यस्कों में मौत का सबसे आम कारण मानसिक बीमारी है और हर साल भारत में लगभग 10 लाख व्यक्तियों के हानि के लिए जिम्मेदार है, लेकिन इसका समय पर इलाज नहीं किया जाए तो अवसाद, दविध्रुवी विकार, मानसिक असंतुलन, व्यसन या व्यक्तित्व विकार की तरह अनिर्हित मनोरोग कठिनाइयां आत्महत्या के लिए जिम्मेवार हो सकती हैं।
जिले में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें लोग आर्थिक हानि, निराशा की भावना, शैक्षिक व रिश्तों की कठिनाइयां के चलते आत्महत्या जैसे कदम उठा चुके हैं। कई किसान तो फसल नुकसान की वजह से कुछ समय पहले आत्महत्या भी कर चुके हैं जबकि आए दिन दहेज के मामलों में भी आत्महत्या के लिए मजबूर करने के मामले सामने आते हैं। जिले में औसतन हर माह दो से चार से लोग आत्महत्या करते हैं। इनमें अधिकतर मामले घरेलू सामने आए हैं।
बाक्स बाक्स बाक्स
आत्महत्या आमतौर पर 30 साल की उम्र से कम के लोग ज्यादा करते हैं। 90 प्रतिशत आत्महत्या के रोगी मानसिक विकार से ग्रस्त होते हैं। आम तौर आदमी महिलाओं से ज्यादा आत्महत्या करते हैं। हर साल लगभग 10 लाख लोग भारत में आत्महत्या करते हैं। लगभग 8 प्रतिशत लोग एक तरह के पागलपन में आत्महत्या करते हैं। 30 से 50 फीसद पुरुष शराब के प्रभाव के कारण आत्महत्या करते हैं।
आत्महत्या दिवस पर सेमिनार आयोजित
आशीर्वाद मस्तिष्क व मनोरोग अस्पताल में वर्ल्ड सुसाइड डे का आयोजन किया गया। इस मौके पर वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. विकास फौगाट ने बताया कि आत्महत्याएं व्यवहारिक बदलाव, हाल में जीवन आघात, मन बदलाव के बाद, अचानक शांति, आत्महत्या के बारे में बात करना व तैयारी, आत्महत्या के संभावित खतरों के अहम संकेत हैं। यदि परिवार के सदस्य व रिश्तेदार इस तरह के संकेत नोट कर रहे हों तो उन्हें हस्तक्षेप करना चाहिए।
24 घंटे हेल्पलाइन
आत्महत्या निवारण दिवस के अवसर पर डॉ. विकास फौगाट की ओर से 24 घंटे हेल्पलाइन नंबर शुरू किया है जोकि 9416551145 है। इस नंबर पर मार्गदर्शन के लिए मनोचिकित्सक परामर्श उपलब्ध रहेगा।