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गाय और गो¨वद की पूजा से मिलता लाभ : शांडिल्य

कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को गोपाष्टमी के रूप में मनाया गया। रेलवे स्टेशन के पास चौधरी प्रभु दयाल धर्मशाला में श्रद्धालुओं को पं. सत्यनारायण शांडिल्य ने कहा कि इस दिन गाय, भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना करने से अन्न, धन, धान्य और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 01:01 AM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 01:01 AM (IST)
गाय और गो¨वद की पूजा से मिलता लाभ : शांडिल्य
गाय और गो¨वद की पूजा से मिलता लाभ : शांडिल्य

संसू, उचाना : कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को गोपाष्टमी के रूप में मनाया गया। रेलवे स्टेशन के पास चौधरी प्रभु दयाल धर्मशाला में श्रद्धालुओं को पं. सत्यनारायण शांडिल्य ने कहा कि इस दिन गाय, भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना करने से अन्न, धन, धान्य और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने पहली बार गाय चराई थी। गाय की महिमा हमारे वेद, पुराण, ग्रंथ, शास्त्र में खूब कही गई हैं। संपूर्ण सृष्टि में एक गाय को छोड़कर किसी भी प्राणी का मल मूत्र पवित्र नहीं है। हम इसी से अनुमान लगा सकते हैं कि जिसका मल मूत्र इतना पावन हैं वह स्वयं कितनी पवित्र होगी।

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जुलाना में गाय की पूजा कर मनाई गोपाष्टमी

जुलाना : स्वामी गोरक्षानंद गोशाला में गाय की पूजा कर गोपाष्टमी मनाई गई। इस अवसर पर सैकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण भी किया। गोशाला के संचालक वजीरानंद की अध्यक्षता में शुक्रवार को कार्यक्रम किया गया। वजीरनंद ने कहा कि आज गाय की दशादनीय है। लोगों ने अपने घर में एक गाय अवश्य पालनी चाहिए। गाय का दूध तो उत्तम होता ही साथ में गाय सौभाग्यशाली भी है। लोगों को गोशाला में बढ़-चढ़कर दान देना चाहिए, ताकि गाय की देखभाल सही ढंग से हो सके। सचिव कैलाश व दिलबाग ने बताया कि गाय को सही ढंग से पाला जाए तो यह हमें अच्छी आमदनी भी मिल सकती है।


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