उचाना में दुष्यंत चौटाला और चंद्रशेखर आजाद के काफिले पर हमला करने वाला आरोपी गिरफ्तार
उचाना कलां में चुनाव प्रचार के लिए गए पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और सांसद चंद्रशेखर आजाद के काफिले में शामिल गाड़ियों पर हमले के मामले में नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन इंद्र सिंह को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है। इस घटना के बाद दुष्यंत चौटाला ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उचाना थाना प्रभारी को हटाने की मांग की थी
जागरण संवाददाता, जींद। गांव उचाना कलां में दो दिन पहले चुनाव प्रचार के लिए गए पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला व एएसपी प्रमुख एवं सांसद चंद्रशेखर आजाद के काफिले में शामिल गाड़ियों से तोड़फोड़ करने के मामले में उचाना थाना पुलिस ने नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन इंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
दूसरे आरोपियों को लेकर पूछताछ जारी
इंद्र सिंह से हमला करने में शामिल दूसरे आरोपियों के बारे में पूछताछ की जा रही है। पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उचाना थाना प्रभारी पवन कुमार को हटाने की मांग की थी, उस पर कार्रवाई करते हुए एसपी सुमित कुमार ने उचाना थाना प्रभारी को बदल दिया।
उचाना कलां में कर रहे थे चुनाव प्रचार
ज्ञात रहे कि रोहतक जिले के गांव चिड़ी निवासी सतीश कुमार ने उचाना थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 30 सितंबर रात को पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला व एएसपी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद चुनाव प्रचार के लिए उचाना कलां में पहुंचे थे। जब उनका काफिला रविदास चौपाल के सामने पहुंचा तो वहां पर नगर पालिका उचाना के पूर्व चेयरमैन इंद्र सिंह सात-आठ लोगों के साथ वहां पर आए।
जहां पर जनसभा के बीच में ही गाली गलौज व जान से मारने की धमकी देने लगे। इसी दौरान काफिले में शामिल उनकी गाड़ियों पर पथराव करके तोड़फोड़ की। हमला होते ही जनसभा में मौजूद लोगों में हड़कंप मच गया और तुरंत ही पुलिस को सूचित किया, लेकिन तब तक आरोपित वहां से फरार हो चुके थे।
उस समय थाना प्रभार और एसपी भी थे तैनात
पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा था कि लोकसभा चुनाव के दौरान भी उन पर उचाना हलके में हमला हुआ था। उस समय भी यही थाना प्रभारी व एसपी तैनात थे और अब भी यहीं हैं। सांसद चंद्रशेखर आजाद को वाई श्रेणी की सुरक्षा उपलब्ध है, उसके बावजूद पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध नहीं करवाई गई। उचाना विधानसभा की अन्य आइपीएस से निगरानी करवाने की मांग की थी।