पांच अंक वेटेज लिए आवेदकों में हुई धक्का-मुक्की, तोड़े कार्यालय के शीशे
एचएसएससी द्वारा विभिन्न विभागों में निकली नौकरियों में आवेदन के लिए बिना नौकरी वाले परिवार के युवा को पांच अंक देने जिनके पिता की मृत्यु हो चुकी है उनको पांच नंबर देने संबंधी प्रमाणपत्र बनवाने के लिए जींद नरवाना उचाना और सफीदों तहसील में युवाओं की भीड़ उमड़ी।
जागरण संवाददाता, जींद : एचएसएससी द्वारा विभिन्न विभागों में निकली नौकरियों में आवेदन के लिए बिना नौकरी वाले परिवार के युवा को पांच अंक देने, जिनके पिता की मृत्यु हो चुकी है, उनको पांच नंबर देने संबंधी प्रमाणपत्र बनवाने के लिए जींद, नरवाना, उचाना और सफीदों तहसील में युवाओं की भीड़ उमड़ी। तहसील कार्यालयों में पूरे दिन धक्कामुक्की का माहौल रहा। इस दौरान काफी युवाओं का कई-कई घंटे इंतजार करने के बाद तहसीलदार के हस्ताक्षर हो सके। शपथ पत्र के लिए पहले तो युवाओं को राजस्व टिकट लेने के लिए लंबी लाइन से निकलना पड़ा। जहां पर 10 रुपये की राजस्व टिकट के बदले में स्टांप वेंडर मनमानी करते हुए नजर आए। जहां पर 10 रुपये के राजस्व टिकट के बदले में युवाओं से 15 से 20 रुपये वसूलते नजर आए। इस दौरान स्टांप वेंडर से ज्यादा पैसे लेने पर युवाओं की बहस होती रही। पहले जहां स्टांप वेंडर 20 रुपये वसूल रहे थे, लेकिन हंगामे के बाद 15 रुपये लेना शुरू कर दिया। ज्यादा पैसे लेने के बावजूद युवा टिकट लेने पर मजबूर थे। जहां पर स्टांप के लिए राजस्व टिकट लेने के बाद युवा तहसील कार्यालय में लाइन में लगे रहे। जहां पर धक्का-मुक्की का सिलसिला जारी रहा। सबसे ज्यादा परेशानी शपथपत्र बनवाने के लिए आई महिला-युवतियों को उठानी पड़ी। जींद तहसील कार्यालय में हालात ऐसे थे कि तहसीलदार कार्यालय के गेट के बाहर युवाओं की कई लाइन लगी हुई थी, लेकिन महिलाओं को अंदर नहीं जा पा रही थी। बाद में तहसील कार्यालय की तरफ से पुलिसकर्मियों को बुलाया और युवाओं शपथ पत्र लेकर तहसीलदार के पास हस्ताक्षर के लिए लेकर गए। तहसीलदार के हस्ताक्षर के बाद उनको बाहर ले जाकर वितरित किए।
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नरवाना में तोड़े शीशे
नरवाना तहसील कार्यालय में आवेदकों में प्रमाणपत्र बनवाने के लिए सुबह से लंबी लाइन लगी रही। यहीं नहीं फोटो स्टेट की दुकानों पर युवाओं की भीड़ को देखा जा सकता था। आवेदकों के प्रमाणपत्र बनाने के लिए एक खिड़की खोली गई थी, जिससे आवेदक आपस में धक्का-मुक्की करते नजर आ रहे थे। इसी धक्का-मुक्की में आवेदकों ने खिड़की पर लगा शीशा ही तोड़ दिया। जिसके बाद तहसील कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों ने तहसीलदार अजय कुमार को सूचना दी। तहसीलदार अजय कुमार ने डीएसपी जगत सिंह को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को भेजने को कहा। जब तक पुलिस वहां आती, तब तक आवेदकों में धक्का-मुक्की चलती रही। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला और आवेदकों की लाइन लगाई, लेकिन फिर भी स्थिति काबू से बाहर ही रही। नरवाना तहसीलदार अजय कुमार ने कहा कि आवेदकों के प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कर्मचारियों की विशेष तौर पर ही ड्यूटी लगाई थी। लेकिन आवेदकों में प्रमाण पत्र जल्दी बनवाने के लिए होड़ मची हुई थी, फिर भी प्रमाण पत्र बनाने का कार्य सुचारू रूप से चल रहा था।
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सुरक्षा के मद्देनजर तैनात रही उपमंडल परिसर में पुलिस पीसीआर
उचाना तहसील में युवाओं की भीड़ पूरे दिन रही। सुरक्षा की ²ष्टि से यहां पर पुलिस पीसीआर भी खड़ी रही। प्रमाण पत्र बनवाने के लिए काफी संख्या में पहुंचे युवाओं के चलते हर रोज होने वाले तहसील के कार्य भी प्रभावित हुए। नायब तहसीलदार नरेश सिंह ने बताया कि एक हजार के करीब प्रमाण पत्र बनवाने के लिए फार्म आ चुके है। युवाओं को किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
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स्टांप वेंडर वसूल रहे 20 रुपये
फोटो-15
गांव डाहौला निवासी श्रवण कुमार ने कहा कि शपथ पत्र बनवाने व आय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए राजस्व टिकट की जरूरत पड़ रही है। स्टांप वेंडर युवाओं की उमड़ रही भीड़ का फायदा उठा रहे हैं। जहां पर 10 रुपये की राजस्व टिकट के बदले में 20 रुपये वसूले जा रहे हैं। जब उसने विरोध किया तो वेंडर ने उसको टिकट देने से मना कर दिया।
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सुबह नौ बजे से कर रही इंतजार
फोटो-17
गांव बड़ौदी निवासी पूनम ने बताया कि उसके घर में कोई भी नौकरी नहीं इसके लिए शपथ पत्र बनवाना था। वह सुबह नौ बजे ही लघु सचिवालय में पहुंच गई थी। भीड़ ज्यादा होने के कारण कर्मचारी उनके फार्म को इकट्ठा करके लेकर गए थे, लेकिन तीन घंटे से हस्ताक्षर होकर वापस आने का इंतजार कर रही है। सरकार ने ज्वाइनिग के समय शपथ पत्र ले सकती थी। इतनी भीड़ में हर कोई परेशान है।
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फोटो-16
गांव ढिगाना निवासी सीमा ने बताया कि प्रमाण पत्र बनवाना मुश्किल हो गया है। युवकों की ज्यादा भीड़ लगने के कारण वह लाइन में भी नहीं लग पा रहे। सरकार को युवाओं की परेशानी को समझना चाहिए और इसके लिए दूसरा तरीका अपनाना चाहिए, ताकि युवाओं को परेशानी न हो।
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