कोरोना से बच जाएंगे, पर काले कानून कहीं का ना छोड़ेंगे: शीशपाल चहल
कोरोना से तो हम जैसे-तैसे बच जाएंगे पर भाजपा सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि काले कानून हमें कहीं का नहीं छोड़ेंगे।
संवाद सूत्र, नरवाना : कोरोना से तो हम जैसे-तैसे बच जाएंगे, पर भाजपा सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि काले कानून हमें कहीं का नहीं छोड़ेंगे। ये कानून किसान ही नहीं, हर आम जन मानस के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डालेंगे। यह कथन बद्दोवाल टोल धरने पर किसान नेता शीशपाल चहल ने आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए कहे।
उन्होंने कहा कि अपनी फसल और नस्ल बचाने के लिए किसान के पास आंदोलन के सिवाए कोई चारा नहीं है। हमें इन कानूनों के विरुद्ध आंदोलन भी करना है तथा कोरोना महामारी से भी सावधान रहना है। शांतिपूर्ण तरीके से तब तक डटे रहना है, जब तक ये कानून वापस नहीं ले लिए जाते। कार्यक्रम की अध्यक्षता भूला देवी धर्मगढ़ ने की तथा क्रमिक अनशन पर गांव खरल से मांगेराम, फग्गू, डूमरखां से राजपाल, कलौदा से धर्मपाल तथा दनौदा कलां से दलीप सिंह बैठे। होशियारा खरल ने मंच संचालन करते हुए कहा कि देश के लिए शर्म की बात है कि कोरोना के पहले दौर में जिस छोटी बच्ची ने गुल्लक फोड़कर प्रधानमंत्री रिलीफ फंड में पांच हजार का सहयोग किया था, दूसरे दौर में उस बेटी को ऑक्सीजन न मिलने के कारण जिदगी से हाथ धोना पड़ा। गायक कलाकारों वेदपाल शास्त्री, जयपाल दनौदा, बसाऊ सरपंच तथा कई महिलाओं ने अपने गीतों से किसानों को संगठित होकर संघर्ष करने पर बल दिया।
इस दौरान मुख्य रूप से किसान नेता मा. बलबीर सतबीर गुलाडी, महेंद्र गोयत, सतबीर खरक, नाथाराम, रामप्यारी, सुभाष लांबा, गंगा सिंह मोर, निहाला गुरुसर, राजेन्द्र सरपंच, कपूरा, राजेन्द्र नैन, बसाऊ सरपंच, जयवीर, सत्यवान, महावीर सुरजेवाला, रामसिंह, ओमपति, सीमा धर्मगढ़, बिमला बड़नपुर आदि उपस्थित रहे।