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पथराव करके किसानों ने बैरिकैड्स तोड़े, दो कर्मचारियों को आई चोट

किसानों ने पुलिस द्वारा मार्ग पर किए गए बैरिकेड्स को उखाड़ दिया। जब पुलिस ने वाटर कैनन का प्रयोग करके किसानों को रोकना चाहा तो उन्होंने पथराव शुरू कर दिया। किसान के उग्र तेवर को देखते हुए प्रशासनिक अमला पीछे हट गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 06:25 AM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 06:25 AM (IST)
पथराव करके किसानों ने बैरिकैड्स तोड़े, दो कर्मचारियों को आई चोट
पथराव करके किसानों ने बैरिकैड्स तोड़े, दो कर्मचारियों को आई चोट

संवाद सूत्र, नरवाना : दिल्ली-पटियाला मार्ग पर दातासिंहवाला बॉर्डर पर दो दिन से डेरा जमाए बैठे पंजाब के किसान वीरवार दोपहर को उग्र हो गए है। किसानों ने पुलिस द्वारा मार्ग पर किए गए बैरिकेड्स को उखाड़ दिया। जब पुलिस ने वाटर कैनन का प्रयोग करके किसानों को रोकना चाहा तो उन्होंने पथराव शुरू कर दिया। किसान के उग्र तेवर को देखते हुए प्रशासनिक अमला पीछे हट गया। पुलिस के पीछे हटने के बाद किसान शांत हो गए। किसानों ने ट्रैक्टरों के माध्यम से बैरिकेड्स व मार्ग पर डाले गए भारी पत्थरों व मिट्टी को हटाकर रास्ता साफ किया और बैरिकैड्स हटाकर उसकी जगह पर धरने पर बैठ गए

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इसके बाद प्रदर्शन में शामिल युवाओं ने प्रशासनिक अमले का पीछा करना शुरू कर दिया। हालांकि आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान नेता लगातार युवाओं से आगे नहीं बढ़ने का अनुरोध करते रहे। युवाओं ने इस दौरान अधिकारियों के लिए रखी गई कुर्सी व मेजों को भी तोड़ दिया। पथराव के दौरान दो एंबुलेंस, नायब तहसीलदार की गाड़ी, पुलिस की पीसीआर व दो दूसरे गाड़ियों के शीशे तोड़े गए हैं।

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हाथों से मिट्टी हटाकर पत्थरों को हटाया

पंजाब के किसानों को सीमा में घुसने से रोकने के लिए पुलिस द्वारा फोर लेयर सिक्योरिटी की गई थी। जहां पर प्रशासन ने पहले बैरिकेड्स लगाकर उनको लोहे की चेन से बांधा था। इसके बाद उनके ऊपर कांटेदार तार लगाए गए। क्रेन के माध्यम से भारी पत्थरों को मार्ग पर डाला गया था। पत्थरों को क्रेन के माध्यम से किसान न उठा सके इसके लिए उनके ऊपर ट्रैक्टर ट्राली के माध्यम से मिट्टी डाली गई थी। किसानों ने कुछ ही मिनटों में मिट्टी को हटाकर पत्थरों को अलग कर दिया। बाद में किसानों ने लोहे की चैन का प्रयोग करके पत्थरों को खेतों की तरफ डाल दिया।

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माल से भरे ट्रक फंसे आंदोलन में

दूसरे राज्यों से माल भरकर पंजाब की तरफ जाने वाले करीब 200 ट्रक दिल्ली-पटियाला मार्ग पर फंस गए हैं। इन ट्रकों को प्रशासन ने सड़क किनारे रुकवा दिया। अब यह ट्रक चालक मार्ग को खुलने का इंतजार कर रहे है, लेकिन पंजाब की तरफ कोई भारी वाहन जाने की व्यवस्था नहीं होने के कारण वह फंसकर रह गए हैं। जाम में फंसे काफी ट्रक ऐसे हैं जिनमें पेट्रोल व केमिकल्स भरा हुआ है। हालांकि पुलिस ने इन ट्रकों को रोड की बजाए पास के ढाबों के परिसर में खड़ा करवा दिया है।

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ढाबों पर ट्रक चालकों से वसूले जा रहे हैं अधिक दाम

पंजाब की ओर जाने वाले ट्रक चालकों को अपने वाहन मजबूरीवश ढाबे पर रोकने पड़े हैं, लेकिन उनके ढाबे पर ट्रक खड़े होने से ढाबा के मालिक मनमाने रेट वसूल कर रहे हैं। ट्रक चालक गुरबचन, शमशेर ने बताया कि जहां एक पराठा 30 रुपये में मिलता है तो उनसे 50 से 70 रुपये तक वसूल किए जा रहे हैं। वहीं एक थाली का दाम 70 रुपये हैं, तो उनसे 100 रुपये तक लिए जा रहे हैं। यही नहीं चाय का दाम जहां 10 रुपये गिलास है तो 15 रुपये तक लिए जा रहे हैं। जब पुलिस के संज्ञान में मामला आया तो ढाबों संचालकों पर कार्रवाई करने की बात कही।

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फिलहाल दिल्ली कूच से किसानों ने किया मना

धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन (एकता) उगराहां के प्रदेशाध्यक्ष जोगेंद्र सिंह ने कहा कि उनकी जत्थेबंदी सरकार से टकराव नहीं लेना चाहती है। वे दो-तीन महीने से शांतिप्रिय धरने दे रहे हैं और आगे भी शांतिप्रिय धरना देंगे। इसके लिए वे पक्का मोर्चा लगाकर धरने पर सात दिन तक बैठेंगे। इसके बाद ही वे आगे बढ़ेंगे। अगर आगे भी प्रशासन द्वारा उनको रोका जाएगा, वे वहीं धरना देंगे। उन्होंने कहा कि वे ये दिखाना चाहते हैं कि किसान कितना सहनशील है। वे सरकार से टकराव नहीं लेना चाहते, वे तो केवल तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की बात कह रहे हैं। अगर उनको कोई उकसाएगा तो वे उग्र होने वाले नहीं है। वहीं पंजाब के गायक कलाकार हरजीत हरमन ने किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि किसान जिन कानूनों का विरोध कर रहा है, वे सही कर रहे हैं। क्योंकि किसानों को आज तक एमएसपी रेट नहीं मिल पाया है, वहीं कोई गांरटी नहीं है कि किसानों का शोषण नहीं होने दिया जाएगा।

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प्रशासन द्वारा जगह-जगह की नाकेबंदी

पंजाब के किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए प्रशासन द्वारा जगह-जगह नाकेबंदी की गई थी। जिसके तहत छोटी गाडि़यों के चालकों से पूछताछ कर रही आगे जाने दिया जा रहा था। वहीं बड़ी गाड़ियों को आगे बढ़ने से रोका जा रहा था। एक नाकेबंदी गढ़ी व उझाना के बीच में की गई थी, तो दूसरी नाकेबंदी नरवाना नहर पुल के पास की थी।

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किसान नेताओं को पुलिस ने लिया हिरासत में

कृषि कानूनों के विरोध में गढ़ी धरना पर बैठे किसान भारतीय किसान यूनियन व किसान सभा के बैनर तले जब दो ट्रैक्टर-ट्रालियों में धरने पर जा रहे थे, तो गांव उझाना व बेलरखां के बीच में उनको रुकवाया गया। इसके बाद उनको ट्रैक्टर-ट्रॉलियों सहित सदर थाना ले गए। जिसमें भारतीय किसान यूनियन के महासचिव जियालाल ढुंढवा, किसान सभा के मास्टर बलबीर सिंह, ब्लॉक प्रधान होशियार सिंह सहित काफी संख्या में किसान शामिल थे।

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पथराव की होगी जांच

डीआइजी ओपी नरवाल ने कहा कि किसानों ने बैरिकैड्स को तोड़ दिया है। हल्का पथराव भी हुआ है और इसमें गाड़ियों के शीशे भी टूटे हैं। पथराव की जांच की जाएगी और उसके बाद कार्रवाई की जाएगी। किसानों को आगे नहीं बढ़ने दिया। इसके बाद भी जिले में तीन-चार जगह पर बैरिकैड्स लगाए गए हैं। कानून व्यवस्था न बिगड़े इसके लिए पंजाब प्रशासन से भी लगातार संपर्क में हैं।


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