मेहरड़ा में किसान ने डेढ़ एकड़ में गेहूं की फसल पर चलाया ट्रैक्टर
गांव मेहरड़ा में किसान मन्नु ने कृषि कानूनों के विरोध में खेत में खड़ी डेढ़ एकड़ गेहूं की फसल को हैरो चलाकर नष्ट कर दिया। मन्नु ने कहा कि वह केवल अपने घर के खर्च के लिए ही गेहूं की फसल रखेगा। बाकी फसल को नष्ट करेगा।
संवाद सूत्र, जुलाना : गांव मेहरड़ा में किसान मन्नु ने कृषि कानूनों के विरोध में खेत में खड़ी डेढ़ एकड़ गेहूं की फसल को हैरो चलाकर नष्ट कर दिया। मन्नु ने कहा कि वह केवल अपने घर के खर्च के लिए ही गेहूं की फसल रखेगा। बाकी फसल को नष्ट करेगा। सरकार को एक दाना भी गेहूं की फसल का नहीं देगा।
मन्नु ने बताया कि उसने 40 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से जमीन ठेके पर ली है और तीस एकड़ में गेहूं की फसल की बिजाई की हुई है। वह केवल पांच एकड़ गेहूं की फसल को ही अपने घर के खर्च के लिए रखेगा, बाकी को नष्ट कर देगा। मन्नु ने कहा कि सरकार अपनी हठधर्मिता को अपनाकर किसानों के हितों के साथ खिलवाड़ कर रही है। किसानों को रोकने के लिए सरकार अनेकों हथकंडे अपना रही है, लेकिन किसान सरकार के मंसूबों को कभी भी कामयाब नहीं होने देंगे। सरकार को एक दाना भी अपनी फसल का नहीं देंगे। सरकार तानाशाही रवैया अपनाकर किसान आंदोलन को कुचलना चाहती है, लेकिन किसान आंदोलन पहले के मुकाबले और अधिक मजबूत हो रहा है। ढिगाना में दो एकड़ में गेहूं की फसल नष्ट
संवाद सूत्र, जुलाना : कृषि कानूनों के विरोध में ढिगाना के किसान जगत सिंह ने भी गेहूं की खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलाकर उसे नष्ट कर दिया। जगत सिंह ने बताया कि केंद्र की सरकार तीनों कृषि बिलों पर अडिग है। वे भी सरकार को गेहूं का एक दाना न देने के लिए अडिग हैं, चाहे उन्हें अपनी फसल नष्ट क्यों न करनी पड़े। जगत सिंह ने बताया कि उन्होंने ढाई एकड़ जमीन में गेहूं की बिजाई की हुई थी। कृषि कानूनों के विरोध में दो एकड़ में गेहूं की खड़ी फसल को नष्ट कर दिया है। अब आधा एकड़ ही फसल बची है।