खेत में गेहूं की फसल में लगी आग, बुझाने के प्रयास में जिंदा जल गया किसान
जींद के अलेवा क्षेत्र के गांव बधाना में एक खेत में गेहूं की फसल में आग लग गई। इसे बुझाने के प्रयास में एक किसान जिंदा जल गया।
अलेवा (जींद), जेएनएन। जिले के गांव बधाना में खेत में गेहूं की फसल में आग लग जाने से एक किसान की मौत हो गई। फसल को धू-धू कर जलता देख 48 साल के किसान रामेश्वर ने आग को बुझाने का प्रयास किया। इस दौरान वह आग की चपेट में आ गया और जिंदा जल गया। इससे गांव व आसपास के क्षेत्र में मातम छा गया।
जानकारी के अनुसार, बधाना निवासी 48 वर्षीय रामेश्वर मंगलवार रात खेत में ट्यूबवेल से सिंचाई करने के लिए गया हुआ था। देर रात को रामेश्वर के भाई सत्यवान के खेत में कटे हुए गेहूं के बंडलों में आग लग गई। रामेश्वर ने जब यह देखा तो आग को बुझाने का प्रयास किया, लेकिन इसने देखते-देखते विकराल रूप धारण कर लिया। उसे रोकने के लिए रामेश्वर आगे आया तो तेज हवा चलने के कारण आग की लपटों की चपेट में आ गया। वह बेसुध होकर पास पड़े लकडियों के ढ़ेर पर गिर गया।
खेत में आग लगने से जिंदा जेल रामेश्वर का फाइल फोटो। दाएं- अस्पताल में परिजन।
आग लगने का पता चलते ही दमकल विभाग की गाड़ी मौके पर पहुंची। जब आग को बुझाया जा रहा था, तो लकडि़यों की ढ़ेर में एक रामेशवर का शव मिला। उसके शव को नागरिक अस्पताल में लाया गया। चिकित्सकों ने शव को शत-प्रतिशत जला होने के चलते पोस्टमार्टम के लिए रोहतक पीजीआइ भेज दिया।
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भाई के गेहूं के बंडलों को बचाने में गई रामेश्वर की जान
रामेश्वर की जान अपने छोटे भाई सत्यवान के डेढ़ एकड़ के गेहूं की फसल के बंडलों को बचाने के दौरान गई। जिस समय खेत में आग लगी उस समय रामेश्वर का बेटा भी खेत में बनाए गए ट्यूबवेल के कमरे की छत पर सो रहा था। जब खेत में आग लगी उस समय रामेश्वर जाग रहा था और पास के खेत में गेहूं के फानों में लगी आग को अपने भाई के गेहूं के बंडलों के तरफ बढ़ती देखकर उसको बुझाने लगा। इसी दौरान तेज हवा चलने के कारण आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और गेहूं के बंडलों को भी अपनी चपेट में ले लिया।
इस दौरान आग से उठ रहे धुएं से बेसुध हो गया और गेहूं के बंडलों के पास ही लगाए गए लकडिय़ों के ढेर पर गिर गया। रामेश्वर के बेटे संदीप ने बताया कि जब उसकी नींद खुली तो उस समय चारों तरफ आग ही आग थी। इसी दौरान आग लगने का पता चलते ही ग्रामीण भी खेतों में पहुंच गए, लेकिन इस दौरान किसी को रामेश्वर का ध्यान नहीं दिया। बाद में दमकल विभाग की गाड़ी ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू किया। जब आग बुझ गई तो इसी दौरान रामेश्वर का शव लकडिय़ों के ढ़ेर के पास झुलसी हुई हालात में मिला।
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अपनी गेहूं की कटाई पहले कर चुका था रामेश्वर
रामेश्वर की डेढ़ एकड़ की जमीन है। वह पिछले सप्ताह ही अपनी फसल को काटकर फ्री हो चुका था। उसके भाइयों ने फसल की कटाई कर उसके बंडलों को एक जगह पर इकट्ठा किया हुआ था। मंगलवार रात को वह पशुओं के चारे के लिए लगाई गई बरसीम में पड़ोसी राममेहर के ट्यूबवेल से पानी देने के लिया गया था। प्रतिदिन रात को 12 बजे बिजली की सप्लाई आती थी और वह बिजली आने का इंतजार कर रहा था। लेकिन इसी बीच आग लग गई।
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एक बेटे की पहले हो चुकी है मौत
परिजनों ने बताया कि रामेश्वर के दो बेटे संदीप व संजय थे। संजय का कई वर्ष पहले पुलिस में चयन हुआ था, लेकिन उसकी मौत हो गई थी। बड़े बेटे की मौत के बाद वह परेशान भी रहता था, लेकिन फिर भी डेढ़ एकड़ जमीन पर खेती करके अपने परिवार का भ्रण पोषण कर रहा था।
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बीड़ी पीने का आदी था रामेश्वर
रामेश्वर के बेटे संदीप ने बताया कि उसका पिता बीड़ी पीने का आदी था। उसने आशंका जताई कि रात को शायद उसके पिता रामेश्वर द्वारा बीड़ी पीते हुए गेहूं के फानों ने आग पकड़ ली और उसके बाद आग गेहूं के बंडलों तक पहुंच गई।
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'' खेत में आग लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा है। आग को काबू करने के दौरान किसान रामेश्वर की जान गई है। उसके बेटे के बयान दर्ज किए है और उसने किसी भी प्रकार के आरोप-प्रत्यारोप नहीं लगाए हैं।
- सुरेंद्र सिंह, थाना प्रभारी, अलेवा।