हाउसिग बोर्ड कालोनी में सांड़ों का उत्पात, गाड़ियां भी आई चपेट में
शहर की हाउसिग बोर्ड कॉलोनी में शुक्रवार सुबह सांड़ों ने खूब उत्पात मचाया। सांड़ों की लड़ाई से गली में खड़ी गाड़ियां चपेट में आ गई। उसमें तीन-चार गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई।
जागरण संवाददाता, जींद : शहर की हाउसिग बोर्ड कॉलोनी में शुक्रवार सुबह सांड़ों ने खूब उत्पात मचाया। सांड़ों की लड़ाई से गली में खड़ी गाड़ियां चपेट में आ गई। उसमें तीन-चार गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई। शहर में बेसहारा गोवंशों की संख्या लगातार बढ़ रही है। नगर परिषद ने गोवंश को पकड़ने के लिए ठेका भी दिया हुआ है। इसके बावजूद ये हालात हैं।
गाड़ी मालिक आशीष शर्मा और दूसरे लोगों ने बताया कि सुबह ज्यादातर लोग अपने घरों के अंदर थे। उसको बाहर ड्यूटी पर जाना था और वे नहा कर तैयार हो रहा थे और बाकी लोग अपने कामों में व्यस्त थे। इसी दौरान सांड़ों ने लड़ते हुए उनकी गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया। गनीमत यह रही कि उस दौरान कोई बच्चा नहीं था। हिसक सांड़ उनको चोट पहुंचा सकते थे। उससे बड़ा हादसा हो सकता था। कॉलोनी में बड़ी संख्या में गोवंश घूमते रहते हैं। इस मामले में कॉलोनी निवासी एडीसी सत्येंद्र दुहन से भी मिले और बाहर घूम रहे बेसहारा गोवंश को नंदीशाला में भिजवाने की मांग की।
आशीष शर्मा ने बताया कि इस मामले में नगर परिषद प्रधान से भी बात की थी। उनका कहना है कि गोवंश को पकड़ कर नंदीशाला में छोड़ने के लिए ठेका दिया हुआ है, लेकिन नंदीशाला वाले गोवंश लेने से इन्कार कर रहे थे, जिसके कारण दिक्कत आ रही है।
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धीमी गति से हो रहा काम
नंदीशाला संचालन कमेटी के प्रधान स्वामी राघवानंद महाराज का कहना है कि नंदीशाला में गाय और सांड़ों के लिए अलग-अलग व्यवस्था कर रहे थे। इसलिए केवल एक दिन के लिए मना किया था। उसके बाद से ठेकेदार गोवंश ला रहा है। उनका काम काफी धीमी गति से चल रहा है। एक दिन में केवल 20 से 25 गोवंश ही लाते हैं। अगर प्रतिदिन शहर के रोड के गोवंश को पकड़ने का काम किया जाए, तो सप्ताह से 10 दिन में सारे गोवंश को पकड़ा जा सकता है। नंदीशाला शहर में घूम रहे गोवंश को लेने को तैयार है। नगर परिषद बेवजह उन पर आरोप ना लगाए।
कई बार कर चुके हैं शिकायत
इस मामले में कई बार अधिकारियों को शिकायत दी जा चुकी है। गली में बड़ी संख्या में में सांड़ और गाय बैठे रहते हैं। अकसर वे लड़ते रहते हैं। बच्चों को चोट पहुंचा सकते हैं।
तिलक जैन, कॉलोनी निवासी
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गोवंशों नंदीशाला में छोड़ा जाए
शहर में नंदीशाला भी है, वहां गोवंश को रखा जाना चाहिए। बेसहारा गोवंश के लिए ही नंदीशाला बनाई गई थी। उसके लिए शहरवासियों और आसपास के लोग आर्थिक सहयोग भी देते हैं।
राकेश एडवोकेट, कॉलोनी निवासी।