हर स्कूल में देंगे कंप्यूटर व आपरेटर
जागरण संवाददाता, जींद : निदेशक मौलिक शिक्षा हरियाणा आरएस खर्ब ने कहा कि सभी स्कूलों में
जागरण संवाददाता, जींद : निदेशक मौलिक शिक्षा हरियाणा आरएस खर्ब ने कहा कि सभी स्कूलों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी लगाए जाएंगे। 250 बच्चों तक एक, 250 से 500 तक दो व इससे ज्यादा पर तीन कर्मचारी लगेंगे। अध्यापकों से किसी प्रकार कि कोई सूचना नहीं मांगी जाएगी। कोई लिस्ट नहीं मांगी जाएगी, हर कक्षा को एक टीचर उपलब्ध करवाया जाएगा। वह शनिवार को हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ संबंद्ध सर्व कर्मचारी संघ एवं एसटीएफआइ कीओर से स्कूल टीचर्ज फेडरेशन ऑफ इंडिया के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में डीआरडीए में आयोजित शैक्षणिक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नवचयनित जेबीटी की नियुक्ति की पूरी तैयारी है। कोर्ट केस का निपटान होते ही ज्वाइ¨नग दे दी जाएगी। हर स्कूल में एक कम्प्यूटर व एक ऑपरेटर दिया जाएगा। आगे से अध्यापकों से गैर शैक्षणिक कार्य नहीं लिए जाएंगे। अंर्तिजला तबादले हुए टीचर्ज को साथ में ही स्टेशन दिए जाएंगे। अध्यापकों के पुरस्कार की प्रक्रिया में अगली बार सुधार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्री प्राइमरी कक्षाओं का अभी कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन इसकी जरूरत है। दो हजार वाले टीचर्ज को र्सिवस बैनिफिट दिए जाएंगे। लोन इत्यादि पर कोई रोक नहीं है। रिवर्ट होने वाले टीचर्ज की बहाली का फैसला लिया जा रहा है। प्रमोट हुए बाकी पीजीटी को टीचर्ज को दूसरे चरण में स्टेशन मिलेंगे। नए स्कूल खोलने के लिए सर्वे करवाया है। स्कूल जल्द खुलवाए जाएंगे। आगे से तीन प्रतिशत टीचर्ज की अतिरिक्त र्भितयां होंगी।
संगोष्ठी में पूरे प्रदेश से अध्यापक संघ के कार्यकर्ता व पदाधिकारियों ने इसमें भाग लिया। संगोष्ठी में समतामूलक व गुणवत्तापरक शिक्षा पर विस्तार से विचार-विमर्श हुआ। इस विमर्श में शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को भी सम्मिलित किया गया। निदेशक मौलिक शिक्षा आरएस खर्ब के अलावा जिला शिक्षा अधिकारी वंदना गुप्ता व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सत्यवती नांदल विभाग की और से संगोष्ठी में शामिल रहे। अध्यापक संघ की ओर से सर्च के पूर्व निदेशक प्रमोद गौरी, अध्यापक संघ के पूर्व प्रधान सत्यपाल सिवाच, राज्य प्रधान वजीर ¨सह मुख्य वक्ता रहे। पूर्व राज्य प्रधान सत्यपाल सिवाच ने कहा कि सरकारी स्कूलों की हालत सुधारे बिना सबके लिए शिक्षा की बिल्कुल भी संभावना नहीं हो सकती। भारत में 93 करोड़ आबादी केवल 50 रुपये से भी कम रोजाना पर गुजारा कर रही है। ऐसे परिवेश में सार्वजनिक शिक्षा के ढांचे को मजबूत किए बिना सबको शिक्षा की कल्पना बेकार है। सरकार को चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा नए सरकारी विद्यालय खोले व उनमें पर्याप्त संख्या में अध्यापक व ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध करवाए। राज्य प्रधान वजीर ¨सह ने कहा कि अध्यापक संघ केवल अध्यापकों की मांगों के लिए ही संघर्ष नहीं करता अपितु हर बच्चे को सस्ती, सुलभ व गुणवत्तापरक शिक्षा मिले इसके लिए भी संघर्षरत रहता है। सरकार को भी इस ढांचे के विस्तार के लिए नए विद्यालय खोलने व हर बच्चे को अध्यापक उपलब्ध करवाने हेतु प्रयास करना चाहिए। इस अवसर पर पूर्व राज्य प्रधान बलबीर ¨सह, बुटा ¨सह, कृष्ण नैन, राज्य महासचिव सीएन भारती, महताब मलिक, भूप ¨सह वर्मा मौजूद थे।