हर क्षण प्रभु का स्मरण करने के लिए अनुकूल : आचार्य पवन
प्रभु भजन के लिए अनुकूल समय की प्रतीक्षा मत करो। हर क्षण उनका स्मरण करने के लिए अनुकूल है। कोई परेशानी नहीं रहेगी तब ईश्वर भजन करूंगा ऐसा सोचना केवल नादानी है।
जागरण संवाददाता, जींद : प्रभु भजन के लिए अनुकूल समय की प्रतीक्षा मत करो। हर क्षण उनका स्मरण करने के लिए अनुकूल है। कोई परेशानी नहीं रहेगी, तब ईश्वर भजन करूंगा, ऐसा सोचना केवल नादानी है। उक्त वचन आचार्य पवन शर्मा ने माता वैष्णवी धाम में आयोजित मां वैष्णवी के सत्संग व मासिक भंडारे के अवसर पर उपस्थित मातृभक्तों के समक्ष अपने संबोधन में कहे। श्री राधे चरण पादुका सेवा समिति ने जोड़ों की सेवा की। आचार्य ने कहा कि संसार एक सागर की भांति है, जिसमें असुविधारूपी तरंगे तो आती ही रहेंगी। इसलिए कोई यदि यह कहे कि जीवन में सब प्रकार की अनुकूलता होने पर ही मैं भगवान का भजन करूंगा तो वैसी सर्वांगी अनुकूलता तो किसी के भी जीवन में आने वाली नहीं है। अत: जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयां आएं किन्तु इस लक्ष्य को कभी मत भूलना कि मुझे अपने प्रियतम प्रभु से मिलना है, उनसे एक होना है, यही भक्ति योग है और यही जीवन जीने की सर्वश्रेष्ठ कला है।