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हर संस्कृति मूल्यों का करती है सृजन : प्रो. गिरिश्वर

जागरण संवाददाता, जींद : सीआरएसयू में स्वास्थ्य, प्रसन्नता और समरसता के लिए वैश्विक माननीय मूल्य और समग्र शिक्षा विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया। इसमें मुख्य वक्ता महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय ¨हदी विश्वविद्यालय वर्धा महाराष्ट्र के कुलपति प्रो. गिरिश्वर मिश्रा ने कहा कि

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 Jan 2019 12:17 AM (IST)Updated: Sun, 06 Jan 2019 12:17 AM (IST)
हर संस्कृति मूल्यों का करती है सृजन : प्रो. गिरिश्वर
हर संस्कृति मूल्यों का करती है सृजन : प्रो. गिरिश्वर

जागरण संवाददाता, जींद : सीआरएसयू में स्वास्थ्य, प्रसन्नता और समरसता के लिए वैश्विक माननीय मूल्य और समग्र शिक्षा विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया। इसमें मुख्य वक्ता महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय ¨हदी विश्वविद्यालय वर्धा महाराष्ट्र के कुलपति प्रो. गिरिश्वर मिश्रा ने कहा कि मानवीय मूल्य पर पाठ्यक्रम न केवल कक्षा पाठ, बल्कि शिक्षा एवं वैश्विक माननीय मूल्यों को विचारों एवं कार्यो में प्रस्तुत करेगा। आज समाज में अनेक प्रकार की अवंदनीय स्थितियां एवं मुद्दे हैं, हम केवल आंखों से देखकर, ख्वाब बनकर, स्थितियों को नहीं बदल सकते, लेकिन हमें स्थितियों में भाग लेकर एवं अपने योगदान से सुधार करना होगा।

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उन्होंने कहा कि हमारी चेष्टा कैसी है। इसके लिए ही मूल्य है। प्रत्येक संस्कृति कुछ मूल्यों का सृजन करती है। इन मूल्यों से जीवन निर्वहन होता है। मनुष्य मूल्यों का सृजन और पालन करता है, मनुष्य समाज में रहता है। अकेले इंसान को किसी प्रकार के मूल्यों की आवश्यकता नहीं है, ¨कतु जब हम आपस में मिलकर रहते हैं तो आपसी सद्भावना तथा भाईचारा बनाए रखने के लिए मूल्यों की आवश्यकता होती है। सभी ग्रंथों ने बताया है कि मानव का अन्य से रिश्ता कैसा हो एवं औरों का सुख कैसे बढ़ा सकते हैं। कार्यशाला के दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय के मनोवैज्ञानिक विभाग से डॉ. नवीन कुमार ने बताया कि आज के तकनीकी युग ने सूचना प्राप्ति सभी के लिए बहुत आसान कर दी है। ऐसे में अध्यापक केवल ओहदे मात्र से अध्यापक नहीं समझा जाएगा, अपितु उसे कक्षा में विद्यार्थियों को संपूर्ण ज्ञान देना होगा। नई दिल्ली के भारतीय चरित्र निर्माण संस्थान के प्रेसीडेंट रामकृष्ण गोस्वामी ने कहा कि ज्ञान रूपी उज्ज्वल प्रकाश से मनुष्य सब कुछ प्राप्त कर सकता है और ज्ञान हीनता से सब कुछ नष्ट कर सकता है। इस दौरान सीआरएसयू के कुलगुरु प्रो. आरबी सोलंकी ने कहा कि इस सात दिवसीय कार्यशाला में सभी अध्यापक उन सभी विषयों का गठन अध्ययन कर रहे हैं, जो आगामी स्तर में विद्यार्थियों को पढ़ाया जाएगा। इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य है विद्यार्थियों को संपूर्ण शिक्षा देना, जिससे विद्यार्थी शिक्षा के वास्तविक उद्देश्य का निर्वहन करें। इस अवसर पर र¨वद्र, प्रो. कृष्ण राम बिश्नोई आदि मौजूद थे।


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