रामायण का हर पात्र आदर्श और प्ररेणादायक : रमेश गर्ग
हुडा ग्राउंड में चल रही रामलीला के चौथे दिन राम-सीता विवाह का मनोहारी मंचन किया गया।
संवाद सूत्र, नरवाना : हुडा ग्राउंड में चल रही रामलीला के चौथे दिन राम-सीता विवाह का मनोहारी मंचन किया गया। श्रीरामा भारतीय कला केन्द्र प्रधान भारत भूषण गर्ग ने बताया कि समाज सेवियों रमेश गर्ग व ठेकेदार रामकुमार ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत करते हुए उद्घाटन की रस्म निभाई। रमेश गर्ग ने कहा कि रामायण के पात्र हर कालखंड मे प्रांसगिक है। वे समाज में आदर्श है और प्रेरणादायी हैं। रामलीला का कथानक बालकांड से अयोध्या कांड की ओर अग्रसर हुआ। लक्ष्मण-परशुराम संवाद, राम-सीता विवाह, जनक द्वारा बारात का स्वागत, बारात का आयोध्या लौटना, दशरथ द्वारा राम के राज्याभिषेक की घोषणा इत्यादि कथानको से सुसज्जित ²श्यों ने वातावरण को आनंदमय बना दिया। रामलीला में सीता के दिव्य मिलन के समय इंद्र आदि देवगणों के साथ ब्रह्मा, विष्णु और महेश आकाश से सुंदर छवि देखकर हर्षित हो रहे थे। भूवासियों के आनंद की तो कोई सीमा ही नहीं थी। मिथलेश शास्त्री द्वारा वैदिक विधान से विवाह संपन्न करवाया गया। विशाल शर्मा, मेहरचंद पुजारी, जनक, प्रताप, कमल मोयल, रमेश मोर का अभिनय दर्शकों को यथार्थ मे ले गया। सीता की भूमिका में श्रवण गुप्ता ने गहरी छाप छोड़ी, रामनिवास जैन का मंच संचालन लाजवाब था। इस अवसर पर लक्ष्मण देव आर्य, भारतभूषण गर्ग, अचल मित्तल, जयदेव बंसल, कपूर चंद, महावीर जैन, कुलदीप, राजेश, श्याम सुंदर, विनोद चितारा, मनु छाबड़ा लोग मौजूद थे।