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नारी सशक्तीकरण.. बेटियों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर रहे ईएसआई बीरेंद्र सिंह

गांव डूमरखां खुर्द के राजकीय महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में कार्यरत ईएसआई (एम्प्लॉएबिलिटी स्किल इंस्ट्रक्टर) बीरेंद्र सिंह की चाहत है कि गांवों की बहू-बेटियां तकनीकी शिक्षा का ज्ञान हासिल करके अपने पैरों पर खड़ी हो सकें। इसके लिए वह लगातार ग्रामीणों से संपर्क करके बहू-बेटियों को आईटीआई में दाखिला दिलाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उनकी मेहनत को देखते हुए जिला प्रशासन व विभाग की तरफ से कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 09:25 AM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2020 09:25 AM (IST)
नारी सशक्तीकरण.. बेटियों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर रहे ईएसआई बीरेंद्र सिंह
नारी सशक्तीकरण.. बेटियों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर रहे ईएसआई बीरेंद्र सिंह

जागरण संवाददाता, जींद

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गांव डूमरखां खुर्द के राजकीय महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में कार्यरत ईएसआई (एम्प्लॉएबिलिटी स्किल इंस्ट्रक्टर) बीरेंद्र सिंह की चाहत है कि गांवों की बहू-बेटियां तकनीकी शिक्षा का ज्ञान हासिल करके अपने पैरों पर खड़ी हो सकें। इसके लिए वह लगातार ग्रामीणों से संपर्क करके बहू-बेटियों को आईटीआई में दाखिला दिलाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उनकी मेहनत को देखते हुए जिला प्रशासन व विभाग की तरफ से कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है।

बीरेंद्र सिंह बताते हैं कि अगस्त 2015 में जब डूमरखां खुर्द आईटीआई में ट्रांसफर हुई, तब वहां छह कोर्सेज में मात्र 60 लड़कियां थी। इन छह कोर्सेज में बेसिक कोस्मोपोलॉजी यानि ब्यूटी पार्लर, सेविग टेक्नोलॉजी यानि सिलाई-कढ़ाई, एंब्रॉयडरी यानि ऊन से कढ़ाई, ड्राफ्ट्समैन सिविल, कोपा-कंप्यूटर ऑपरेटर एवं प्रोग्रामिग असिस्टेंट और इलेक्ट्रोनिक मैकेनिक शामिल हैं। उन्होंने आईटीआई में बेटियों को सुविधाएं दिलाने के लिए मेहनत की और ग्रामीणों को भी जागरूक किया। इसका असर यह हुआ कि तीन साल में ही बेटियों की संख्या बढ़कर 200 हो गई। उनकी सक्रियता को देखकर प्रिसिपल विनोद बंसल ने उन्हें जेइपीओ (जूनियर एप्रेंटिश व प्लेसमेंट ऑफिसर) की जिम्मेदारी दी। इस पद पर रहते हुए छात्राओं को विभिन्न संस्थाओं में रोजगार दिलाने के लिए उनकी अप्रेंटिसशिप लगवाई व प्लेसमेंट की स्थापना करवाई। हर साल काफी छात्राओं की अप्रेंटिसशिप भी लगवाई। छात्राओं को स्वरोजगार शुरू करने के लिए लोन हेल्प डेस्क स्थापित करवाई और बैंकों से लोन भी दिलवाया। आईटीआई में बेटियों का दाखिला लेने को रुझान बढ़े, इसलिए प्रशिक्षण के लिए टूल व मशीनरी उपलब्ध करवाई। उनकी कार्यकुशलता को देखते हुए ग्राम पंचायत, जिला नोडल ऑफिसर, उचाना की तत्कालीन विधायक प्रेमलता व वर्ष 2018 में जिलास्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में मंत्री कर्णदेव कंबोज ने प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया। कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के डायरेक्टर जनरल ने भी बीरेंद्र सिंह को बेहतर कार्यों के लिए प्रशंसा पत्र दिया। --डूमरखां खुर्द आईटीआई की काया पलटी

बीरेंद्र सिंह ने डूमरखां खुर्द महिला आईटीआई में नियुक्ति के बाद प्रिसिपल विनोद बंसल के मार्गदर्शन में संस्थान की काया ही पलट दी। सबसे पहले संस्थान को हॉट लाइन से जुड़वाया, यह सुविधा वाली प्रदेश की पहली ग्रामीण आईटीआई बनी। संस्थान के चारों तरफ दीवार बनवाई। छात्राओं के लिए साइकिल स्टैंड बनवाया। पीने के पानी की व्यवस्था करवाई। संस्थान का मुख्य द्वार बनवाया और भवन तक सीमेंट की सड़क बनवाई। बिजली मीटर के लिए अलग कमरा बनवाया। सिक्योरिटी गार्ड के लिए मेन गेट पर गार्ड रूम बनवाया। संस्थान में चल रहे कोर्सों को एनसीवीटी से संबद्ध करवाया। समय-समय पर मेडिकल कैंप, मोटिवेशन कैंप, यूथ अवेयरनेस कैंप, योगा कैंप लगवाए।


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