रावण को जलाने के बजाय अंदर की बुराइयां खत्म करें: आचार्य आत्मप्रकाश
विजयादशमी पर्व पर श्रुतिधाम भिड़ताना में सामूहिक यज्ञ हुआ
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जागरण संवाददाता, जींद: विजयादशमी पर्व पर श्रुतिधाम भिड़ताना में सामूहिक यज्ञ हुआ, जिसमें आश्रम के संचालक आचार्य आत्मप्रकाश ने दशहरे की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पर्व बुराइयों पर अच्छाइयों की विजय का त्योहार है। सभी पर्व पवित्र करने वाले होते हैं। इसलिए इस त्योहार पर भी हमें अपने अंदर की बुराइयों को समाप्त करने का संकल्प लेना चाहिए। आज के दिन रावण के पुतले दहन करने की होड़ सी लगी है, लेकिन अपने अंदर की बुराइयों को कोई नहीं जला रहा। पुतले जलाने से सिर्फ समाज में दुर्घटनाएं व प्रदूषण बढ़ रहा है। हमें समाज में व्याप्त बुराइयों व कुप्रथाओं को समाप्त करने का संकल्प लेना चाहिए। बच्चों ने यज्ञ में आहुति डालकर दशहरे व दीपावली पर पटाखे आदि न छोड़कर प्रदूषण मुक्त त्योहार मनाने का संकल्प लिया। आचार्य आत्मप्रकाश ने वैदिक संस्कृति पर प्रकाश डालते हुए आदर्श महापुरुषों जैसे श्रीराम, कृष्ण व स्वामी दयानंद आदि के जीवन पथ पर चलकर सभ्य नागरिक बनने की प्रेरणा भी दी।