हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से बनेगी बिजली, बड़ौदा के अजय ने किया शोध
जागरण संवाददाता, जींद : उचाना के गांव बड़ौदा निवासी अजय कुमार चहल ने ऑक्सीडेशन ऑ़फ मेटल्स नामक अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान जर्नल में फ्यूल सेल टेक्नोलॉजी पर आधारित एक शोध प्रस्तुत किया है। फ्यूल सेल एक ऐसा इलेक्ट्रो-केमिकल डिवाइस है, जो हाइड्रोजन (या अन्य ईंधन गैसों) और ऑक्सीजन को सीधे विद्युत में परिवर्तित करता है। फ्यूल सेल प्रदूषण मुक्त डिवाइस है। इसमें से केवल शुद्ध जल ही निकास के रूप में निकलता है और यह विद्युत शक्ति का उत्पादन करने के लिए सबसे अधिक कुशल प्रणाली है। फ्यूल सेल निकट भविष्य में घरों और वाहनों को बिजली प्रदान करने के लिए इस्तेमाल किये जा सकते हैं। अजय ने
जागरण संवाददाता, जींद : उचाना के गांव बड़ौदा निवासी अजय कुमार चहल ने ऑक्सीडेशन ऑ़फ मेटल्स नामक अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान जर्नल में फ्यूल सेल टेक्नोलॉजी पर आधारित एक शोध प्रस्तुत किया है। फ्यूल सेल एक ऐसा इलेक्ट्रो-केमिकल डिवाइस है, जो हाइड्रोजन (या अन्य ईंधन गैसों) और ऑक्सीजन को सीधे विद्युत में परिवर्तित करता है।
फ्यूल सेल प्रदूषण मुक्त डिवाइस है। इसमें से केवल शुद्ध जल ही निकास के रूप में निकलता है और यह विद्युत शक्ति का उत्पादन करने के लिए सबसे अधिक कुशल प्रणाली है। फ्यूल सेल निकट भविष्य में घरों और वाहनों को बिजली प्रदान करने के लिए इस्तेमाल किये जा सकते हैं। अजय ने बताया कि यह उनका अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान जर्नल में पाचवां शोध पत्र है। अजय भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास, चेन्नई में पदार्थ विज्ञान एवं इंजीनिय¨रग विभाग में पीएचडी शोधार्थी हैं। पिछले साल इस शोध कार्य का एक अंश उन्होंने इटली में आयोजित अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान सम्मेलन, यूरोपियन फ्यूल सेल टेक्नोलॉजी एंड एप्लीकेशन पिएरो लुंघी कॉन्फ्रेंस (ईएफसी) में भी प्रस्तुत किया था।