जीवनशैली में बदलाव से बढ़ रहा डिप्रेशन, 25 दिन में 16 ने की खुदकशी
लॉकडाउन में लोगों ने काफी नई चीजें सीखीं। बच्चों व बुजुर्गों के साथ खूब मस्ती की और संस्कारों का रोपण किया लेकिन कुछ लोग घर में रहने को बोझ समझ बैठे और डिप्रेशन का शिकार हो गए
जोगेंद्र दूहन, जींद
लॉकडाउन में लोगों ने काफी नई चीजें सीखीं। बच्चों व बुजुर्गों के साथ खूब मस्ती की और संस्कारों का रोपण किया लेकिन कुछ लोग घर में रहने को बोझ समझ बैठे और डिप्रेशन का शिकार हो गए। बाद में यही डिप्रेशन उनके लिए जानलेवा बन गया। यही कारण है कि बीते 25 दिन में जिले में 16 लोगों ने खुदकुशी कर ली। यहां आंकड़ों की बात करें तो पिछले साल मई में मात्र में 11 लोगों ने खुदकुशी की थी।
जीवनशैली में आए बदलाव, काम के बढ़ते दबाव, धैर्य और सहनशीलता की कमी से लोगों में डिप्रेशन बढ़ रहा है। इस कारण जिले में आत्महत्या ग्राफ बढ़ गया है। मई में अब तक जो 16 आत्महत्या के मामले सामने आए हैं, उनमें सबसे ज्यादा युवा पीढ़ी ने जीवन लीला खत्म की है। लॉकडाउन में ढील के बाद तो प्रतिदिन एक व्यक्ति आत्महत्या कर रहा है। मई के प्रथम पखवाड़े में आत्महत्या के चार मामले सामने आए थे, लेकिन पिछले दस दिन 12 लोग आत्महत्या कर चुके हैं। इसका मुख्य कारण छोटी-छोटी बातों को मन में रख लेने के कारण यह स्थिति बढ़ रही है। नागरिक अस्पताल में मानसिक रोगियों की संख्या बढ़ गई है और ओपीडी भी बढ़ गई है। आत्महत्या के ज्यादातर मामलों में देखा जा रहा है कि आत्महत्या करने वालों को आर्थिक परेशानियां, पारिवारिक कलह और अकेलापन मौत की वजह रही है। जिले के आंकड़ों को देखा जाए तो आत्महत्या के अधिकतर मामले ग्रामीण क्षेत्रों में आए हैं।
जीवनलीला करने वालों में सबसे ज्यादा युवा
मई माह में अब तक 16 लोग आत्महत्या कर चुके हैं। आत्महत्या करने वालों में सबसे ज्यादा आठ युवक है। जबकि घरेलू विवाद के चलते पांच महिलाओं ने आत्महत्या की है। आत्महत्या करने वाली महिलाओं की आयु भी 22 से 32 साल के बीच में है। जबकि 45 वर्ष से ज्यादा के चार लोगों ने आत्महत्या की है। युवाओं के आत्महत्या के अधिकतर मामलों में स्वजनों ने मानसिक रूप से परेशान होना बताया है।
अकेलेपन से बढ़ा डिप्रेशन
मनोवैज्ञानिक नरेश जागलान ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कमजोर जीवनशैली व अकेलापन से डिप्रेशन बढ़ा है। घर परिवार में भी रहकर व्यक्ति का मन उस स्थान पर न रहकर दूसरे स्थान पर रहता है। वह अपने अंदर चल रही बातों को किसी को बता नहीं पता है। ऐसे में उसके मन में हीन भावना अपने प्रति बढ़ते जाती है। जिससे वह आत्महत्या जैसे कदम उठाता है। इसके अलावा परिवार की जरूरत और उनकी अपेक्षाओं के अनुसार पूर्ति नहीं करने पर घर-परिवारों में बढ़ रही कलह भी डिप्रेशन का बढ़ा कारण है। जिसके कारण लोग अपने आपको अकेला महसूस करता है। जब वह अकेलापन महसूस करता है तो उसे ऐसा लगता है कि उसका साथ देने वाला अब कोई नहीं। इसी के चलते वह अपने आपको खत्म कर लेते हैं। ऐसे लोगों को एक अच्छे मित्र व परिवार के सदस्य की जरूरत होती है जिससे वह अपनी बात शेयर कर सके और उसे अकेलापन महसूस न हो।
मई माह में आत्महत्या के आंकड़े
7 मई गांव बिशनपुरा के निकट युवक ने मालगाड़ी के आगे कूदकर की आत्महत्या
8 मई उचाना में सोशल मीडिया पर फोटो वायरल करने पर युवती ने की आत्महत्या
9 मई गांव हंसडैहर में युवक ने फांसी लगाकर की आत्महत्या
11 मई गांव घसो के निकट दमकल विभाग के कर्मचारी ने मालगाड़ी के आगे कूदकर की आत्महत्या
12 मई में गांव ढिगाना में महिला ने फांसी लगाकर की आत्महत्या
14 मई गांव रामकली में युवक ने फांसी लगाकर की आत्महत्या
16 मई गांव जैजैवंती के मंदिर में साधु ने फांसी लगाकर की आत्महत्या
18 मई गांव खेड़ाखेमावती में आढ़ती द्वारा प्लाट पर कब्जा करने से परेशान किसान ने जहरीला पदार्थ निगला
20 मई सफीदों के नागक्षेत्र सरोवर में चौकीदार ने कूदकर की आत्महत्या
21 मई नरवाना की इंदिरा कॉलोनी में युवक ने चोरी के आरोप लगने से आहत होकर जहरीला पदार्थ निगला
22 मई गांव संगतपुरा निवासी सीमा ने महिला थाने के बाहर जहरीला पदार्थ निगला
22 मई गांव खोखरी का पूर्व सरपंच संदिग्ध परिस्थितियों में जहरीले पदार्थ के प्रभाव में आया
22 मई उचाना में युवक ने अपने पिता की लाइसेंसी रिवाल्वर से खुद को गोली मारकर की आत्महत्या
22 मई गांव निर्जन में महिला का शव फांसी पर लटका हुआ मिला
22 मई सफीदों में हांसी ब्रांच नहर में संदिग्ध परिस्थितियों में बुजुर्ग महिला की मौत
25 मई गांव धनखड़ी में महिला ने फांसी लगाकर की आत्महत्या