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दो घंटे हड़ताल पर रहे डॉक्टर, लाइनों में खड़े मरीज चक्कर आकर गिरे

जिलेभर के अस्पतालों में शुक्रवार सुबह डॉक्टर 8 से 10 बजे तक दो घंटे की हड़ताल पर रहे। इससे मरीजों को काफी परेशानी हुई। मरीज सुबह आठ बजे से पहले ही अस्पताल में पहुंचना शुरू हो गए थे। पहले पर्ची काउंटर पर लाइन में लगे। फिर डॉक्टरों के रूम में गए तो वहां पर कुर्सी खाली थी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Aug 2019 07:10 AM (IST)Updated: Sat, 31 Aug 2019 07:10 AM (IST)
दो घंटे हड़ताल पर रहे डॉक्टर, लाइनों में खड़े मरीज चक्कर आकर गिरे
दो घंटे हड़ताल पर रहे डॉक्टर, लाइनों में खड़े मरीज चक्कर आकर गिरे

जागरण संवाददाता, जींद : जिलेभर के अस्पतालों में शुक्रवार सुबह डॉक्टर 8 से 10 बजे तक दो घंटे की हड़ताल पर रहे। इससे मरीजों को काफी परेशानी हुई। मरीज सुबह आठ बजे से पहले ही अस्पताल में पहुंचना शुरू हो गए थे। पहले पर्ची काउंटर पर लाइन में लगे। फिर डॉक्टरों के रूम में गए तो वहां पर कुर्सी खाली थी। मरीज दस बजे तक डॉक्टरों के इंतजार में कमरों के बाहर लाइन में लगे रहे। कुछ तो थक हारकर लाइन में ही बैठ गए। काफी देर तक लाइन में खड़ा होने के कारण कई मरीज चक्कर आकर गिर गए। गर्भवती महिलाएं भी परेशान दिखीं। बीमार बच्चों को लाए अभिभावक भी डॉक्टरों की राह ताकते रहे। हालांकि आपातकालीन सेवाओं को सुचारु रखा गया।

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लाइव रिपोर्ट : सरकार इतनी तनखा देण लाग री, फेर बी इनकै सब्र कोनी

नागरिक अस्पताल की नई बिल्डिग। शुक्रवार सुबह के 8:30 बजे हैं। पर्ची बनवाने वाले काउंटर पर महिलाओं, पुरुषों और वरिष्ठ नागरिकों की भीड़ लगी है। जिन मरीजों की पर्ची बन रही है, वे ओपीडी के कमरों की तरफ जा रहे हैं। ज्यादातर ओपीडी बंद पड़ी हैं। एकाध खुली है, लेकिन उनमें डॉक्टर नहीं। पूछने पर पता लगता है कि डॉक्टर दो घंटे हड़ताल पर हैं। डॉक्टर के इंतजार में मरीज लाइन में लगने शुरू हो गए। साढ़े 9 बजे तक इंतजार के बाद जब थक गए तो काफी मरीज परेशान होकर कमरे के बाहर ही फर्श पर बैठ गए। पौने दस बजे तक डॉक्टर नहीं पहुंचे तो कुछ मरीज सरकार, प्रशासन व डॉक्टरों को कोसते ही लाइनों से हटकर वापस निकल पड़े हैं। मरीज भड़ास निकालते हुए कहते हैं कि सरकारी नौकरी लागदे तो सारे खसम बण जावैं सैं। सरकार इतनी तनखा देण लाग री, फेर बी इनकै सब्र कोनी। मरीजों की भड़ास के बीच 10 बजकर 10 मिनट पर डॉक्टर ओपीडी करने के लिए कमरों में पहुंचना शुरू होते हैं तो सभी कमरों के बाहर धक्का-मुक्की शुरू हो जाती है। वार्ड के बाहर तैनात हेल्परों के लिए भीड़ को संभालना मुश्किल हो जाता है। सुबह 8 बजे अस्पताल आने वाले मरीजों का 12 बजे तक नंबर नहीं आता है।

बुखार से आ रहे चक्कर

शीतलपुरी कालोनी निवासी अजय ने बताया कि वह सुबह सबसे पहले पर्ची बनवाने के लिए लाइन में लगा और अब ओपीडी के बाहर लाइन में 40 मिनट से खड़ा हूं। दो दिन से तेज बुखार आ रहा है और कई देर खड़ा रहने के कारण चक्कर आने शुरू हो गए है। वह भीड़ में खड़ा भी नहीं हो पा रहा।

दो घंटे से कर रहा इंतजार

कौशिक नगर निवासी संजय ने बताया कि वह सुबह आठ बजे से आया है, मगर डॉक्टर ओपीडी में नहीं है, ऐसे में बहुत परेशान है। ओपीडी नहीं होने के कारण मरीजों की संख्या बढ़ रही है।

चिकित्सकों को स्पेशलिस्ट का दर्जा व एसीपी का चार बार लाभ देने की मांग

हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के प्रधान डॉ. देवेंद्र कुमार बिदलिश व ज्वाइंट सेक्रेटरी डॉ. राजेश भोला ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी के बावजूद पूरी मेहनत से कार्य कर रहे हैं। एसोसिएशन लंबे समय से अस्पताल में कार्यरत डॉक्टरों को स्पेशलिस्ट का दर्जा व एसीपी का चार बार लाभ दिए जाने की मांग कर रहे हैं। नागरिक अस्पतालों में आए दिन डॉक्टरों के साथ हो रही मारपीट की घटनाओं के प्रति भी चिकित्सकों में रोष है। इस मौके पर डॉ. अरूण चालिया, डॉ. पालेराम, डॉ. प्रभु दयाल, डॉ. आरके शर्मा, डॉ. निशा शर्मा, डॉ. मंजू सिगला, डॉ. गीता, डॉ. मनोज जांगड़ा, डॉ. राजेंद्र मौजूद रहे।


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