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जीएसटी के बाद चार्टर्ड अकाउंटेंट की डिमांड बढ़ी

देश के एक जुलाई 2017 से जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) लागू हो चुका है। इसके बाद पूरे देश में सीए की डिमांड में बहुत ज्यादा बढ़ गई है। सीए के पास पहले से काम भी कई गुणा बढ़ गया है। अच्छी बात यह है कि काम के बाद सीए की आमदनी में भी इजाफा हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Jul 2019 07:50 AM (IST)Updated: Mon, 01 Jul 2019 07:50 AM (IST)
जीएसटी के बाद चार्टर्ड अकाउंटेंट की डिमांड बढ़ी
जीएसटी के बाद चार्टर्ड अकाउंटेंट की डिमांड बढ़ी

जागरण संवाददाता, जींद : देश के एक जुलाई 2017 से जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) लागू हो चुका है। इसके बाद पूरे देश में सीए की डिमांड में बहुत ज्यादा बढ़ गई है। सीए के पास पहले से काम भी कई गुणा बढ़ गया है। अच्छी बात यह है कि काम के बाद सीए की आमदनी में भी इजाफा हुआ है।

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एक जुलाई को चार्टर्ड अकाउंटेंट डे मनाया जाता है। इसलिए दैनिक जागरण ने सीए के फील्ड को लेकर जानकारी जुटाई। जींद जिले की बात करें तो करीब 15 फर्म सीए की प्रैक्टिस कर रही हैं। जींद शहर में करीब 10 फर्म ही काम कर रही हैं। जीएसटी लागू होने के बाद इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए युवाओं की संख्या में इजाफा हुआ है। अब बड़ी संख्या में युवा बारहवीं पास करने के बाद सीए के फील्ड में आगे आ रहे हैं। जींद की बात करें तो बीते सालों से चार से पांच गुणा ज्यादा युवा सीए का कोर्स कर रहे हैं। सीए के इंटर्न की परीक्षा पास करने के लिए कोचिग लेने वाले युवाआं की संख्या भी बढ़ी है। शहर के सीनियर चार्टर्ड अकाउंटेंट नरेश सिगला बताते हैं कि सीए के पास काम तो बढ़ा ही है, साथ में आमदनी भी बढ़ी है। सीए अशोक गुप्ता कहते हैं कि पहले से क्लेरिकल काम भी काफी बढ़ गया है। साथ में रिटर्न भी बढ़ गई है। अशोक गुप्ता कहते हैं कि चार्टर्ड अकाउंटेंट में बहुत बढि़या करियर है। युवाओं के पास काम करने के खूब अवसर हैं।

बदलाव: बेटियां भी बन रही सीए

जींद जिले में अब सीए करने वाली बेटियों की संख्या भी बढ़ रही है। जींद में अभी छह-सात लड़कियां की सीए की प्रैक्टिस कर रही हैं। अर्बन एस्टेट निवासी मीनू गुप्ता को जींद की पहली सीए होने का गौरव हासिल है। उनकी बहन अल्पा गुप्ता भी सीए हैं। इनके अलावा दिव्या जैन, वैशाली भी सीए का काम कर रही हैं। डीएवी स्कूल की छात्रा गरिमा भी हिसार से सीए कर रही हैं। एक परिवार में चार सीए

शहर के सीनियर चार्टर्ड अकाउंटेंट अशोक गुप्ता के परिवार में चार सीए हैं। खुद अशोक 1998 में सीए बने थे, तब जींद जिले में मात्र पांच सीए थे। इसके बाद 2010 उनकी भतीजी मीनू, 2017 में अल्पा व 2018 में भतीजा अनुज गुप्ता भी सीए बन गए। जींद की पहली सीए मीनू गुप्ता की शादी भी नरवाना में सीए श्याम गुप्ता के साथ हुई है। मीनू ने तीन साल तक जींद की अशोक राम एंड कंपनी के पास ट्रेनिग प्रैक्टिस की थी। अब वह दिल्ली में प्रैक्टिस कर रही है। अशोक गुप्ता की भांजी प्रीति गुप्ता भी सीए है। पिता व भाई के बाद गरिमा भी बनेगी सीए

डीएवी स्कूल में 12वीं कॉमर्स में टॉपर रही गरिमा ने सीए में दाखिला ले लिया है। वह हिसार से सीए की ट्रेनिग ले रही है। गरिमा के पापा दुर्गा प्रसाद और भाई भी सीए हैं। अब गरिमा परिवार से तीसरी सदस्य होगी, जो सीए बनेगी। गरिमा की मां भी वकील हैं। हालांकि वह प्रैक्टिस नहीं कर रही हैं। ऐसे करें सीए का कोर्स

बारहवीं की परीक्षा पास करने के बाद सीए का कोर्स करना होता है। सबसे पहले फाउंडेशन कोर्स है, जिसमें चार पेपर देने होते हैं। ये पेपर पास करने के लिए सीए में दाखिला हो जाता है। इसके बाद चार ग्रुप में पेपर होते हैं। हर ग्रुप को कम से कम 50 फीसदी नंबरों के साथ पास होना पड़ता है। पिछले कुछ साल से सीए का रिजल्ट ठीक आ रहा है। करीब चार साल के कोर्स के दौरान तीन साल तक सीए के पास प्रेक्टिकल ट्रेनिग करनी होती है। देश में सीए का कोर्स कराने के लिए आईसीएआई (इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया) ही एकमात्र संस्था है।


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