अहिरका गांव से शराब ठेके को हटाने की मांग
अहिरका की चंद्र खटकड़ जयभगवान हरिकिशन सुरेश पिरथी सुमित्रा धन्नो भरपाई ने बताया कि उनके गांव में शराब ठेका आबादी के साथ ही है। महिलाओं और बच्चों को ठेके के सामने से गुजरते परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सड़क से गांव में प्रवेश करते ही ठेका है। महिलाओं ने मांग की कि शराब ठेकों को यहां से उठाकर किसी दूसरी जगह रख दिया जाए।
जागरण संवाददाता, जींद : शराब ठेकों को बंद करवाने तथा आबादी से दूर स्थापित करवाने को लेकर ग्राम पंचायतों की आवाज बुलंद होने लगी है। लॉकडाउन में ढील के बाद अब ग्राम पंचायतें शराबबंदी की मांग को लेकर लघु सचिवालय पहुंचने लगी हैं। शुक्रवार देर शाम जलालपुरा गांव में शराब ठेका गांव से बाहर करवाने का लेकर ग्रामीणों और शराब ठेकेदारों के बीच विवाद हुआ तो अहिरका गांव की महिलाएं भी ठेका गांव से बाहर निकाले जाने की मांग को लेकर आबकारी विभाग के कार्यालय पहुंची।
अहिरका की चंद्र खटकड़, जयभगवान, हरिकिशन, सुरेश, पिरथी, सुमित्रा, धन्नो, भरपाई ने बताया कि उनके गांव में शराब ठेका आबादी के साथ ही है। महिलाओं और बच्चों को ठेके के सामने से गुजरते परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सड़क से गांव में प्रवेश करते ही ठेका है। महिलाओं ने मांग की कि शराब ठेकों को यहां से उठाकर किसी दूसरी जगह रख दिया जाए।
जलालपुरा में शराब ठेके को लेकर हुआ विवाद
जलालपुरा खुर्द गांव में भी शुक्रवार देर शाम शराब का ठेका गांव से बाहर रखवाने को लेकर ग्रामीणों और शराब ठेकेदार के बीच विवाद हो गया। सरपंच ज्ञानानंद ने बताया कि पंचायत ने ठेका गांव से बाहर करवाने को लेकर प्रशासन के पास मांगपत्र भेजा था। इसके बावजूद शराब ठेका गांव के अंदर ही खोला गया है।
-------------
डीईटीसी रणधीर सिंह ने बताया कि अहिरका गांव का शराब ठेका नियमानुसार ही रखा गया है। अगर फिर भी ग्रामीणों द्वारा मांग की जा रही है तो इस पर विचार किया जाएगा।