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डीसी साहब! सेक्टरों की टूटी सड़कों का हाल देख लीजिए, बोले: जल्द ब्लॉक से बनवाएंगे

डीसी साहब! हम हुडा सेक्टरों में रहते हैं। यह शहर का पॉश इलाका है। हमने महंगे दाम प्लाट खरीद कर मकान बनवाए हैं, लेकिन सड़कों की हालत गांवों से भी बदतर है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Mar 2018 12:29 AM (IST)Updated: Fri, 23 Mar 2018 12:29 AM (IST)
डीसी साहब! सेक्टरों की टूटी सड़कों का हाल देख लीजिए, बोले: जल्द ब्लॉक से बनवाएंगे
डीसी साहब! सेक्टरों की टूटी सड़कों का हाल देख लीजिए, बोले: जल्द ब्लॉक से बनवाएंगे

जागरण संवाददाता, जींद : डीसी साहब! हम हुडा सेक्टरों में रहते हैं। यह शहर का पॉश इलाका है। हमने महंगे दामों पर प्लॉट खरीदकर मकान बनाए हैं। अब यहां की सड़कों की हालत गांवों से भी बदतर हो चुकी है। एक भी सड़क ठीक नहीं है। जगह-जगह गड्ढे हो चुके हैं। एक बार सेक्टरों की विजिट कर लिए। इस पर डीसी ने कहा कि उन्हें सब मालूम है। बहुत जल्द सेक्टरों में ब्लॉक से सड़कों का निर्माण शुरू करवा दिया जाएगा।

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डीसी से मिलने पहुंचे सेक्टर निवासी राजेंद्र सहवाग, एडवोकेट सुखबीर बूरा, बारूराम चहल, विकास पोड़िया, श्रीभगवान कौशिक, रमेश मोर, रामधारी, सौरभ भटनागर, अजमेर रेढू, ¨पका जागलान, मास्टर सूरजभान, शिवांक कौशिक, जितेंद्र कुहाड़, सूरज, मयंक गर्ग, हन्नी जैन व अन्य ने कहा कि साल 2016 में सेक्टर 10, 11 व एक्सटेंशन 11 नगर परिषद को स्थानांतरित किए गए थे। उसके बाद से सेक्टरों में नगर परिषद द्वारा एक भी काम नहीं कराया गया है। सड़कें टूट चुकी हैं और उनमें गहरे गड्ढे बन चुके हैं। इन सड़कों को दोबारा बनाना तो दूर, मेंटीनेंस तक नहीं की गई है। बारिश के सीजन में तो हालत और भी गंभीर हो जाते हैं। इन गड्ढों में बारिश का पानी भर जाता है, जिसमें यहां से गुजरने वाले मोटरसाइकिल और साइकिल सवार गिर कर घायल हो जाते हैं। सेक्टरों में गांवों से भी बुरा हाल है। गांवों में कम से कम गलियां तो पक्की हैं। सेक्टरों में भारी-भरकम टैक्स पेय करने के बावजूद वे सुविधाओं से वंचित हैं। इस दौरान उन्होंने डीसी सेक्टरों का दौरा कर उनकी परेशानी जानने की मांग की।

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बजट की चल रही लड़ाई

सेक्टरों के लोग हुडा व नगर परिषद की लड़ाई का खामियाजा भुगत रहे हैं। नगर परिषद अधिकारियों के अनुसार जब तीनों सेक्टर उन्हें सौंपे गए थे। उस समय इन सेक्टरों को विकसित करने के लिए इनसे विभिन्न मदों से प्राप्त होने वाली आमदनी का 50 से 75 प्रतिशत उन्हें मिलना था। यह हिस्सा हुडा नहीं दे रहा है। वहीं हुडा अधिकारियों का कहना है कि यह मामला उनके स्तर का नहीं है। उच्चाधिकारियों के लेवल पर बजट से संबंधित फैसला होना है। बजट की इस लड़ाई में सेक्टर लावारिस बनकर रह गए हैं।

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सीएम के आने पर हुआ था पैचवर्क

पिछले साल मुख्यमंत्री जाट धर्मशाला में आए थे। तब चक्की मोड़ से लेकर धर्मशाला तक के गड्ढे मूंदे गए थे। इसके अलावा सारे सेक्टरों में एक बार भी पैचवर्क नहीं किया गया है। करीब आठ महीने पहले डीसी से भी मिले थे। सेक्टरों के लोग धरना भी दे चुके हैं, लेकिन सरकार बजट जारी नहीं कर रही है।

प्रवीन बैनीवाल, पार्षद, वार्ड-17

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--मंजूरी के लिए भेजा है एस्टीमेट

वे सेक्टरों का पहले दौरा कर चुके हैं। वहां की स्थिति से पूरी तरह से वाकिफ हैं। सड़कों के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। सड़कें बार-बार न टूटे, इसके लिए ब्लॉक की ईंटों से सड़क बनवाई जाएंगी, जिसके लिए नगर परिषद ने एस्टीमेट मंजूरी के लिए मुख्यालय को भेजा हुआ है।

अमित खत्री, डीसी, जींद।


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