साइबर क्राइम में पुलिस सिर्फ केस दर्ज करने तक ही सीमित, एक भी अपराधी नहीं गिरफ्तार
???? ????? ????? ?? ??? ????? ???? ?? ???? ??????? ?? ?????? ???? ??? ??? ??? ?????? ?? ??? ?? ????? ????? ? ??? ???? ????? ?????? ?? ?? ?????? ??? ????? ?? ??? ???? ?? एटीएम कार्ड बदलकर या पिन जानकर खाते से पैसे निकालने की घटनाएं नहीं रूक रही है। लगातार इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। सायबर क्राइम के इन मामलों में पुलिस भी केस दर्ज कर लेती है लेकिन कोई भी आरोपित पकड़ में नहीं आता
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : एटीएम कार्ड बदलकर या पिन जानकर खाते से पैसे निकालने की घटनाएं नहीं रूक रही है। लगातार इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। सायबर क्राइम के इन मामलों में पुलिस भी केस दर्ज कर लेती है, लेकिन कोई भी आरोपित पकड़ में नहीं आता। गत दिनों में इस तरह के पांच मामले सामने आ चुके हैं। शनिवार को जगाधरी के बडवाली निवासी सुशील कुमार का एटीएम कार्ड बदलकर 61 हजार 692 रुपये निकाल लिए गए। सुशील कुमार इंद्रा कॉलोनी में कैनरा बैंक के एटीएम से पैसे निकालने के लिए गए थे। इस दौरान उनका कार्ड बदल लिया गया। बैंक से जब वह आए, तो उनके मोबाइल पर मैसेज आने लगे। थोड़ी ही देर में उनके खाते से 61 हजार 692 रुपये निकाल लिए गए। वह बैंक में पहुंचे, तो उनका एटीएम कार्ड ब्लॉक किया गया। मामले में बूडिया गेट चौकी में शिकायत दी गई है। ठगी से इस तरह से बचे
किसी को भी एटीएम कार्ड से संबंधित डिटेल न दें। बैंक से कॉल आता है, तो खुद जाकर वैरिफाई करें।
गंदे दिखने वाले या रिपयेर हो रहे एटीएम से दूर रहे।
पिन नंबर डालते समय किसी को न दिखाएं।
एटीएम कार्ड का इस्तेमाल करते समय किसी दूसरे व्यक्ति की मदद न लें।
ई शॉपिग के लिए ट्रस्टेड साइट पर ही लॉगिन करें।
ओटीपी व पिन कोड किसी को न बताएं। पहले भी आ चुके एटीएम कार्ड से ठगी के मामले
25 सितंबर - अंबाला के सिरसागढ़ के रहने वाले रामनारायण का एटीएम बदलकर 65 हजार रुपये की ठगी कर ली गई। मोबाइल पर मैसेज आने के बाद उसे पता लगा। मामले की पुलिस को शिाकयत की गई। जांच के बाद पुलिस ने पंचकूला निवासी बहादुर सिंह व पंजाब के मनसा निवासी हरजिद्र कौर के खिलाफ केस दर्ज किया है। 23 दिसंबर - हाउसिग बोर्ड सेक्टर 17 निवासी धर्मपाल का पीएनबी में अकाउंट है। 23 दिसंबर को उन्होंने डीएवी गर्ल्स कॉलेज के पास वाले एसबीआइ एटीएम से दस हजार रुपये निकलवाए। इसके अगले ही दिन उनके खाते से अलग-अलग छह बार 65 हजार रुपये निकाल लिए गए। 26 दिसंबर को बैंक खुला, तो उन्हें धोखाधड़ी का पता लगा। जब बैंक में जाकर पता किया, तो जानकारी मिली कि उनके खाते से एक बार दस हजार, फिर दस हजार, पांच हजार, दस हजार और 25 हजार रुपये निकले हैं। 25 दिसंबर - आर्मी से रिटायर सूबेदार जसपाल के एटीएम का क्लोन तैयार कर 75 हजार रुपये निकाल लिए गए। मोबाइल पर मैसेज आने के बाद उन्हें पैसे निकलने का पता लगा। उन्होंने बैंक में पहुंचकर स्टेटमेंट निकलवाई, तो पता लगा कि यह कुलवंत सिंह निवासी गांव जोगीपुर जिला पटियाला के खाते में ट्रांसफर हुए हैं। उससे बात की गई, तो उन्होंने कोई भी पैसा होने से इंकार कर दिया। इस मामले में केस दर्ज हुआ, लेकिन आगे कोई कार्रवाई नहीं। 19 जनवरी- सढूरा गांव के हनी के बैंक खाते से अज्ञात व्यक्ति ने फर्जी एटीएम कार्ड के जरिये 40 हजार रुपये निकाल लिए। जबकि एटीएाम कार्ड उसके पास था। 22 जनवरी- मंधार गांव निवासी परमजीत सिंह को कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को बैंक अधिकारी बताया और एटीएम पिन जानकर 60 हजार रुपये निकाल लिए गए। 20 जनवरी- पेपर मिल में तैनात कर्मचारी 55 वर्षीय श्यामसुंदर को नशीला पदार्थ देकर दो युवकों ने उनका मोबाइल व एटीएम ले लिया। एटीएम के जरिए दोनों आरोपितों ने उनके खाते से 91 हजार रुपये निकाल लिए। श्यामसुंदर को जब होश आया, तो उन्होंने बैंक में जाकर पता किया। मामले की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया। सीसीटीवी फुटेज भी बैंक से मांगी गई है। 28 जनवरी - फोन पर एटीएम की डिटेल जानकर कमला नगर निवासी शिवकुमार के खाते से 15 हजार रुपये की शॉपिग की गई। जब उनके मोबाइल पर मैसेज आया, तो उन्होंने बैंक में जाकर पता किया। जहां 15 हजार रुपये की शॉपिग बैंक ऑफ इंडिया के खाते से की गई। शिवकुमार का कहना है कि मोबाइल के ट्रू कॉलर में कॉल करने वाले का नाम भी बैंक से आ रहा था। इसलिए उन्हें शक नहीं हुआ। जब उनसे एटीएम की डिटेल मांगी, तो उन्होंने दे दी थी। 31 जनवरी- सरस्वतीनगर निवासी अनीता को कॉल करने वाले ने बैंक अधिकारी बताया और ओटीपी जानकर उसके खाते से तीन बार में 59 हजार 979 रुपये निकाल लिए गए। 27 फरवरी : घेसपुर की एक महिला के खाते से 40 हजार रुपये निकाल लिए गए। एटीएम कार्ड उसके पास था। जांच में पता लगा कि हांसी से यह पैसा निकाला गया है।
15 मार्च : सुभाष नगर निवासी जगजीत के खाते से पिजोर, चंडीगढ़ व हरिद्वार एटीएम से 36 हजार रुपये निकाले गए। इसकी शिकायत एसपी को दी गई है। यह भी पुलिस के सामने दिक्कत
बैंकिग फ्रॉड से जुड़े मामलों में पुलिस की कार्रवाई भी अंजाम तक नहीं पहुंचती। इसका मुख्य कारण यही है कि पुलिस के पास इन सायबर अपराधियों को पकड़ने का मजबूत सिस्टम नहीं है। इसके साथ ही एटीएम कार्ड के जरिए ठगी करने वाले अपराधी दूर दराज बैठकर यह क्राइम करते हैं। थानों में तैनात पुलिसकर्मी तो इस ठगी को समझ ही नहीं पाते। एटीएम कार्ड के जरिए सायबर क्राइम हो रहा है। ऐसे मामलों में उपभोक्ता को खुद भी सचेत रहने की जरूरत है। बैंक की ओर से भी बार-बार यही कहा जाता है कि वह अपना गोपनीय पिन व एटीएम कार्ड की डिटेल किसी को न दें। फिर भी लोग गलती कर बैठते हैं। इसका फायदा ही क्राइम करने वाले उठाते हैं। पुलिस भी कार्रवाई करती है। गुरूग्राम में ऐसा गिरोह पकड़ा गया था।
-एसपी कुलदीप सिह