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हिदी दिवस पर स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का हुआ आयोजन

जींद में हिदी दिवस पर सरकारी व निजी स्कूलों में कार्यक्रमों का आयोजन किया। विद्यार्थियों ने कविता भाषण निबंध व प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के माध्यम से हिदी के महत्व पर प्रकाश डाला।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 04:55 AM (IST)Updated: Wed, 15 Sep 2021 04:55 AM (IST)
हिदी दिवस पर स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का हुआ आयोजन
हिदी दिवस पर स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का हुआ आयोजन

जागरण संवाददाता, जींद : हिदी दिवस पर मंगलवार को जिलेभर के सरकारी व निजी स्कूलों में कार्यक्रमों का आयोजन किया। जहां पर विद्यार्थियों ने कविता, भाषण, निबंध व प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के माध्यम से हिदी के महत्व पर प्रकाश डाला। पुलिस लाइन स्थित डीएवी पुलिस पब्लिक स्कूल में हिदी विभाग द्वारा हिदी पखवाड़े का आयोजन किया। जहां पर विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। शिक्षिका ममता ने कहा कि हिदी हिदुस्तान में जन-जन की भाषा है। हिदी हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृतिए सभ्यताएं संस्कार की संवांहिका है। सर्वप्रथम विद्यार्थियों ने कविता व भाषण के माध्यम से हिदी के महत्व पर प्रकाश डाला। मुख्याध्यापक राजेश कुमार ने हिदी दिवस की बधाई देते हुए कहा कि भाषा भावों विचारों की अभिव्यक्ति का माध्यम है। भाषा ही देश की सभ्यता व संस्कृति की सवाहिका होती है। किसी भी देश की वैचारिक एवं सामाजिक एकता का आधार ही भाषा होती है।

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महर्षि विद्या मंदिर में मनाया हिदी दिवस

जींद : महर्षि विद्या मंदिर में मंगलवार को हिदी दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, कविता, चार्ट व प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया। विद्यालय की प्राचार्या अनीता शर्मा ने बताया कि आठवीं कक्षा की छात्रा हर्षिता ने हिदी दिवस पर प्रश्नोत्तरी प्रस्तुत की। सातवीं कक्षा के छात्र सक्षम ने हिदी दिवस के बारे में जानकारी दी। हिदी अध्यापिका रेखा ने कहा कि साक्षात्कार हिदी में होने चाहिए, जिससे हिदी का संकोच व्यक्ति के मन में बाधा न बन सके।

हिदी प्राचीन संस्कृति का संवाहक : ढिल्लों

अलेवा : गांव डाहौला के न्यू प्रगति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्रांगण में हिदी दिवस धूमधाम से मनाया। विद्यालय में भाषण व काव्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। विद्यालय प्राचार्या लाजवंति ढिल्लों ने कहा कि हिदी भाषा हमारी राजभाषा होने के साथ-साथ हमारी प्राचीन संस्कृति की संवाहक भी है। बड़ी विडंबना कि बात है कि अंग्रेजी भाषा का नशा हमारे ऊपर ऐसा छाया कि हम अपनी मातृभाषा को निरंतर विलुप्त होते देख रहे हैं। इसलिए हमें दूसरी भाषाओं के प्रति प्यार को बनाए रखने के साथ-साथ हिदी भाषा के अस्तित्व को भी बचाए रखना आवश्यक है।

एकता के सूत्र में पिरोने का काम करती है हिदी : अत्री

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जींद : सुप्रीम सीनियर सेकेंडरी स्कूल में हिदी दिवस पर गीत, भाषण व कविता के माध्यम से हिदी भाषा की महत्व का गुणगान किया। मंच संचालन हिदी अध्यापिका मुकेश मलिक व करुणा शर्मा द्वारा निर्णायक मंडल की भूमिका अदा की गई। विद्यालय के प्राचार्य सतेंद्र त्रिपाठी ने सभी प्रतिभागियों को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया व कहा कि पूरी दुनिया में हमारा देश एक अलग प्रकार का देश है कई प्रकार की संस्कृतियां, कई प्रकार की कलाएं और कई प्रकार की भाषाओं का मेलजोल यहां दिखाई पड़ता है। यह हमारी बहुत बड़ी ताकत है। प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सरत अत्री ने कहा कि संस्कृति और विविधता से भरे इस गौरवशाली देश में पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण के बीच कई भाषाओं ने सदियों से संपर्क बनाए रखने का काम किया है।

हिदी दिवस पर निकाली जागरूकता रैली

जींद : राजकीय प्राथमिक पाठशाला गांव कर्मगढ़ में नेहरू युवा केंद्र जिला जींद की ओर से राष्ट्रीय हिदी दिवस पर स्कूली बच्चों के माध्यम से लेखन प्रतियोगिता करवाई गई। इस मौके पर आशीष व स्कूल प्रशासन के माध्यम से हिदी दिवस जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। इस लेखन प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य हमारी राष्ट्रीय भाषा हिदी को तवज्जो देनी है। कार्यक्रम के आयोजक राष्ट्रीय स्वयंसेवक आशीष सैनी ने बताया कि हर साल 14 सितंबर का दिन हिदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। लेखन प्रतियोगिता में पारुल प्रथम, चिराग द्वितीय व काजल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

आधारशिला स्कूल में हुआ सांस्कृतिक कार्यक्रम

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जींद : आधारशिला पब्लिक स्कूल में हिदी दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया। स्कूल की निर्देशिका अंजू सिहाग ने बताया कि बच्चों ने हिदी के प्रति अपने प्यार को व्यक्त किया। स्कूल की आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों ने समूह नृत्य कर अपनी मातृभाषा के प्रति विचार व्यक्त किए। स्कूल की निर्देशिका अंजू सिहाग ने कहा कि हिदी हमारी मातृभाषा है बोलचाल की भाषा है। जिसमें हम अपने भावों की अभिव्यक्ति करते हैं, लेकिन इसी के साथ-साथ अब भारत के संविधान में दर्ज अन्य भाषाओं का ज्ञान भी होना चाहिए, क्योंकि अंग्रेजी व अन्य भाषाओं का ज्ञान आज हमारे आधुनिक समय की जरूरत है।


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