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करोड़ों खर्च करने के बावजूद सड़कों पर हजारों बेसहारा पशु

सरकार ने पांच वर्षों में हरियाणा गोसेवा आयोग का बजट 45 लाख से 30 करोड़ कर दिया है। गत 1 जनवरी तक बेसहारा गोवंश को पकड़ने की समय सीमा भी समाप्त हो चुकी है। अब भी प्रदेश की सड़कों पर बेसहारा गोवंशों की भरमार है। केवल नूंह जिला ही इन पशुओं से मुक्त हो सका है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Aug 2019 06:30 AM (IST)Updated: Thu, 29 Aug 2019 06:30 AM (IST)
करोड़ों खर्च करने के बावजूद सड़कों पर हजारों बेसहारा पशु
करोड़ों खर्च करने के बावजूद सड़कों पर हजारों बेसहारा पशु

जागरण संवाददाता, समालखा :

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सरकार ने पांच वर्षों में हरियाणा गोसेवा आयोग का बजट 45 लाख से 30 करोड़ कर दिया है। गत 1 जनवरी तक बेसहारा गोवंश को पकड़ने की समय सीमा भी समाप्त हो चुकी है। अब भी प्रदेश की सड़कों पर बेसहारा गोवंशों की भरमार है। केवल नूंह जिला ही इन पशुओं से मुक्त हो सका है। गोरक्षा व सेवा दल के सदस्यों के अतिरिक्त हरियाणा पुलिस के दो डीएसपी 18 पुलिस निरीक्षकों सहित 332 पुलिस कर्मी गोसुरक्षा दस्ते में कार्यरत हैं। प्रदेश की 513 गोशालाओं में 3,61,068 गाय, बैल, बछड़े और बछड़ियां हैं। हिसार में सर्वाधिक 15,496 गोवंश पकड़े जा चुके हैं। आरटीआइ कार्यकर्ता पीपी कपूर की ओर से मांगी गई जानकारी यह तथ्य सामने आए हैं।

प्रदेश सरकार के आयोग और विभाग द्वारा दी गई सूचनाओं में भारी विषमता है। सरकार ने पहले 30 जून 2018 तक सभी जिलों को बेसहारा पशु फ्री करने का लक्ष्य रखा था, जिसे बाद में जनवरी 2019 कर दिया गया। एडीसी के नेतृत्व में बनी है कमेटी

हर जिले में एडीसी की अध्यक्षता में कमेटियां गठित है। उपनिदेशक पशुपालन, डीडीपीओ, सदस्य गोसेवा आयोग सहित नगरनिगम आयुक्त, पालिका के सचिव, डीएसपी, एसडीएम, डीआरओ इसके सदस्य हैं। कमेटी पर अभियान का खर्च वहन करने की जिम्मेदारी है। पशुओं के कानों पर लगाए जाने वाले टैग गोसेवा आयोग को उपलब्ध कराना है। फिर भी उपनिदेशक पशुपालन, नूंह की 23 मई 2019 की सूचना के अनुसार जिले के कुल 36 गोवंश को पकड़ जिला को बेसहारा पशु मुक्त किया गया है। सरकारी आंकड़ों में विरोधाभास

गोसेवा आयोग के अनुसार पानीपत में 22 गोशालाएं हैं। इनमें कुल 14,584 गोवंश हैं। वहीं यहां के पशुपालन उपनिदेशक ने जिले में 23 गोशालाएं और उनमें 17074 गोवंश होने की सूचना दी है। फतेहाबाद गो सेवा आयोग के अनुसार जिले की 54 गोशालाओं में 30, 259 गोवंश हैं।

गोवंश पकड़ने के खर्च में भी काफी अंतर

समालखा नपा सचिव व नगर निगम पानीपत के सहायक जन सूचना अधिकारी एवं दमकल केन्द्र अधिकारियों के अनुसार उनके पास बेसहारा पशुओं की संख्या और पकड़ने के बारे में सूचना उपलब्ध नहीं है। वहीं पशुपालन विभाग, पानीपत के अनुसार जिले में 5611 बेसहारा पशुओं को पकड़े जाने की सूचना है। नगर निगम हिसार के कार्यकारी अधिकारी के अनुसार जिले में 634 पशु पकड़े गए हैं, जिस पर 86,860 रुपये खर्च हुए हैं। वहीं यहां के पशुपालन उपनिदेशक के अनुसार जिले में 15496 पशु पकड़े जा चुके हैं और 1200 पकड़ने शेष हैं। नगरपालिका हेली मंडी, गुरुग्राम के सचिव के 1 अगस्त 2019 के पत्र के अनुसार 205 पशुओं को पकड़ने पर 2100 रुपये प्रति पशु की दर से 4,30,500 रुपये खर्च हुए हैं तो पशुपालन कैथल उपनिदेशक ने अपने 29 अप्रैल 2019 के पत्र में 1244 पशुओं को पकड़ने पर कुछ खर्च नहीं किया है। सोनीपत नगर निगम ने 1382 पशुओं को पकड़ने पर 900 रुपये प्रति पशु की दर से 12,43,800 रुपये खर्च किए। और इनकी देखभाल पर 25 लाख रुपये प्रति माह खर्च कर रहा है। पंचकूला नगर निगम के राज्य जन सूचना अधिकारी ने बताया कि गोशालाओं द्वारा पशुओं को नहीं लेने के कारण जिला बेसहारा पशुओं से मुक्त नहीं हो सका है।


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