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सीएम साहब! अस्पताल में डॉक्टर नहीं, पीने के लिए नहरी पानी नहीं

जागरण संवाददाता, जींद हरियाणा गठन के साथ अस्तित्व में आया जींद जिला अब भी मूलभूत सुविधाओं के लिए त

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 May 2018 12:59 AM (IST)Updated: Sun, 27 May 2018 12:59 AM (IST)
सीएम साहब! अस्पताल में डॉक्टर नहीं, पीने के लिए नहरी पानी नहीं
सीएम साहब! अस्पताल में डॉक्टर नहीं, पीने के लिए नहरी पानी नहीं

जागरण संवाददाता, जींद

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हरियाणा गठन के साथ अस्तित्व में आया जींद जिला अब भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है। जींद शहर की जनता को पीने के लिए नहरी पानी नहीं मिल रहा है। अस्पताल में डॉक्टरों के आधे से ज्यादा पद खाली पड़े हुए हैं। शहर में रोड शो और राहगीरी में शामिल होने के लिए जींद आ रहे मुख्यमंत्री मनोहरलाल से जनता को आस है कि वे उनकी समस्याओं को समझकर उन्हें दूर करेंगे।

जींद जिला लंबे समय से विकास से अछूता रहा है। कांग्रेस समेत पिछली सरकारों ने जींद से विकास में भेदभाव किया। अब भाजपा की साढ़े तीन साल की सरकार में भी लोगों की उम्मीदों के मुताबिक काम नहीं हो पाए हैं। यह बात खुद भाजपाई भी मानते हैं। केंद्रीय मंत्री चौ. बीरेंद्र ¨सह और विधायक प्रेमलता भी मुख्यमंत्री के साथ हर मंच पर यह पीड़ा जाहिर करते हैं कि जींद अभी तक पिछड़ा हुआ है। यहां विकास के लिए रोहतक और करनाल की तरह खास ध्यान देने की जरूरत है। ग्राउंड पर देखें तो दोनों नेताओं की बात में दम है। जींद मुख्यालय पर नागरिक अस्पताल में नरवाना, जुलाना, सफीदों व उचाना के अस्पतालों में डॉक्टरों के ज्यादातर पद खाली पड़े हुए हैं। जींद अस्पताल में ओपीडी के कमरे खाली पड़े रहते हैं और मरीज भटकते रहते हैं। यहां एक फिजिशियन तक नहीं है, जिसकी सबसे ज्यादा ओपीडी होती है। डॉक्टर न होने के कारण मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में जेब कटवानी पड़ रही है। सरकारी अस्पताल में मरीजों के लिए अल्ट्रासाउंड की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है।

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--2000 से ज्यादा टीडीएस का पी रहे पानी

हुडा सेक्टरों के कुछ इलाके को छोड़ दिया जाए तो पूरा जींद शहर ट्यूबवेलों का पानी पीता है, जिसका टीडीएस बहुत ज्यादा है। कुछ इलाकों में टीडीएस 2000 है तो कहीं यह 2500 से भी अधिक है। इस कारण लोग बीमारियों के भी शिकार हो रहे हैं। जनता की मांग है कि उनके लिए भाखड़ा या हांसी ब्रांच नहर से पानी उपलब्ध करवाया जाए। --एकलव्य स्टेडियम नहीं हुआ हैंडओवर

अर्जुन स्टेडियम में जिलेभर के खिलाड़ी सुबह व शाम दोनों समय में विभिन्न खेलों की तैयारी करते हैं, लेकिन खिलाड़ियों के लिए सुविधाएं न के बराबर है। बरसात होने पर स्टेडियम पानी से इतना भर जाता है कि वह तालाब का रूप धारण कर लेता है। खिलाड़ी ग्राउंड सूखने के बाद ही खेल पाते हैं। सेक्टर-9 में बना एकलव्य स्टेडियम अभी तक खेल विभाग को हैंडओवर नहीं हुआ है, जिस कारण जिलेभर के खिलाड़ियों को यहां की सुविधाओं का लाभ नहीं रहा है। --सीआरएसयू को विस्तार के लिए चाहिए जमीन

महज 75 एकड़ में बने चौ. रणबीर ¨सह विश्वविद्यालय में भविष्य में जमीन का टोटा है। अब ब्वॉयज हॉस्टल और टी¨चग स्टाफ के लिए आवास बनने के बाद विश्वविद्यालय के पास नए भवन बनाने के लिए जमीन ही नहीं बचती है। भविष्य में विश्वविद्यालय में नए कोर्स शुरू होने हैं और छात्र संख्या भी बढ़ेगी, जिसके लिए करीब सौ एकड़ जमीन और विश्वविद्यालय को चाहिए। विश्वविद्यालय प्रबंधन साथ लगती हमेटी की 25 एकड़ जमीन की तलाश में है। इसके लिए कई बार सरकार के पास भी यह मामला जा चुका है।


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