14 पार्कों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम से लाखों लीटर पानी बचाएगी नगर परिषद, जलभराव की समस्या से भी मिलेगी राहत
जल संरक्षण के लिए कदम बढ़ाते हुए नगर परिषद ने पार्कों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम स्थापित करने शुरू कर दिए हैं। फिलहाल शहर के 14 पार्कों में इस पर काम चल रहा है। इन पार्कों में जमीन के अंदर बोर करके पाइप डाली जा चुकी हैं और केवल पिट बनाने का काम बाकी है। इसी बारिश के सीजन में ये सिस्टम शुरू हो जाएंगे। हर साल मानसून की बारिश में लाखों लीटर पानी शहर में सीवरों में व्यर्थ बह जाता है।
जागरण संवाददाता, जींद : जल संरक्षण के लिए कदम बढ़ाते हुए नगर परिषद ने पार्कों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम स्थापित करने शुरू कर दिए हैं। फिलहाल शहर के 14 पार्कों में इस पर काम चल रहा है। इन पार्कों में जमीन के अंदर बोर करके पाइप डाली जा चुकी हैं और केवल पिट बनाने का काम बाकी है। इसी बारिश के सीजन में ये सिस्टम शुरू हो जाएंगे। हर साल मानसून की बारिश में लाखों लीटर पानी शहर में सीवरों में व्यर्थ बह जाता है। भूमिगत पानी रिचार्ज नहीं होने से जहां जल स्तर लगातार गिर रहा है। जो पानी जमीन से ट्यूबवेल व सबमर्सिबलों के माध्यम से निकाल रहे हैं, उसमें टीडीएस की मात्रा ज्यादा होने से पीने लायक नहीं है। जिससे लगातार जल संकट बढ़ रहा है। मजबूरीवश लोगों ने घरों में कैंपर रखवाने शुरू कर दिए हैं या फिर आरओ सिस्टम लगवा रखे हैं। रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम से नगर परिषद लाखों लीटर पानी का संचय करेगी। जिससे भूमिगत पानी में भी9 सुधार होगा। जेई हवासिंह ने बताया कि डी प्लान के बजट से नगर परिषद ये काम करा रही है। फिलहाल नगर परिषद के पास डी प्लान के 20 लाख रुपये आए हुए हैं। एक पार्क में रेन वाटर सिस्टम पर दो लाख रुपये खर्च होंगे।
इन पार्कों में चल रहा काम
हाउसिग बोर्ड कॉलोनी 816, हाउसिग बोर्ड कॉलोनी 930, हाउसिग बोर्ड कॉलोनी 1013, अपना पार्क स्कीम नंबर पांच, बृजमोहन सिगला के मकान के सामने स्कीम नंबर छह पार्क, बाल उपवन, शहीदी स्मारक, कोठी नंबर 2199, सिविल लाइन थाना के सामने पार्क, 2553 मकान नंबर के सामने के पार्क में, कोठी नंबर 3642 3642 के सामने पार्क में, बड़ा पार्क स्कीम नंबर पांच, कोठी नंबर 3112 व कोठी नंबर 2923 के सामने वाले पार्क में।
निकासी में भी मिलेगी मदद
बारिश के सीजन में नगर परिषद के लिए निकासी भी बड़ी चुनौती रहती है। सेक्टरों व शहर की दूसरी कॉलोनियों में कई फीट तक पानी भर जाता है। वहीं पार्क भी तालाब का रूप ले लेते हैं। कई जगहों पर तो बारिश के दो दिन बाद भी पानी भरा रहता है। रिचार्ज सिस्टम से पानी जमीन के अंदर चला जाएगा, जिससे पार्कों के साथ-साथ आसपास के एरिया में भी जलभराव की समस्या से निजात मिल सकती है। सामाजिक संस्थाएं भी पार्कों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम बनाने की मांग कर रही हैं।
एनजीटी के भी हैं आदेश
लगातार गिरते जल स्तर को लेकर सरकार व एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) भी इसको लेकर गंभीर हैं। जिसके लिए जल शक्ति अभियान शुरू किया गया है। 17 जुलाई को नगर परिषद हाउस की मीटिग में भी इस प्रस्ताव पर चर्चा हुई थी। पार्षदों ने निकासी का मुद्दा उठाया था, जिस पर प्रधान पूनम सैनी ने पार्कों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम स्थापित करने की बात कही थी। ताकि बारिश के पानी की बर्बादी को रोकने साथ-साथ गलियों व पार्कों में भरने वाले पानी की निकासी हो सके।
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