::अपडेट : छातर गाव में सामाजिक बहिष्कार का मामला:::
गांव छातर में दो गुटों में झगड़े के बाद उपजे विवाद को निपटाने के लिए शनिवार को डीसी नरेश नरवाल एसपी वसीम अकरम के नेतृत्व में प्रशासनिक अमला गांव में पहुंचा। दिन में गांव के सीनियर सेकेंडरी स्कूल के बंद कमरे में ग्रामीणों से गांवों में शांति बनाए रखने व टकराव को खत्म करने को लेकर चर्चा की। समस्या के समाधान के लिए 35 सदस्यीय सदभावना कमेटी का गठन किया गया। साहब आंबेडकर भवन नरवाना के पदाधिकारियों के हस्तक्षेप से गुरमीत को अधिकारियों ने अपने समक्ष बुलाया। जहां पर गुरमीत आरोपितों पर कार्रवाई की मांग पर अड़ा रहा। लेकिन बाद में गाव में देर रात दूसरे दौर की बातचीत में दोनों पक्षों में सहमति बन गई। प्रशासन ने पीड़ित परिवारों की सभी मागें मान लीं। आरोपितों की गिरफ्तारी के मामले में प्रशासन ने कहा कि सीधे चालान टू कोर्ट पेश कर दिया जाएगा जो भी दोषी होगा अदालत उसे सजा देगी। कोर्ट में ही दोनों पक्ष अपना-अपना मुकदमा लड़ेंगे।
जागरण संवाददाता, जींद : गांव छातर में दो गुटों में झगड़े के बाद उपजे विवाद को निपटाने के लिए शनिवार को डीसी नरेश नरवाल, एसपी वसीम अकरम के नेतृत्व में प्रशासनिक अमला गांव में पहुंचा। दिन में गांव के सीनियर सेकेंडरी स्कूल के बंद कमरे में ग्रामीणों से गांवों में शांति बनाए रखने व टकराव को खत्म करने को लेकर चर्चा की। समस्या के समाधान के लिए 35 सदस्यीय सदभावना कमेटी का गठन किया गया। साहब आंबेडकर भवन नरवाना के पदाधिकारियों के हस्तक्षेप से गुरमीत को अधिकारियों ने अपने समक्ष बुलाया। जहां पर गुरमीत आरोपितों पर कार्रवाई की मांग पर अड़ा रहा। लेकिन बाद में गाव में देर रात दूसरे दौर की बातचीत में दोनों पक्षों में सहमति बन गई। प्रशासन ने पीड़ित परिवारों की सभी मागें मान लीं। आरोपितों की गिरफ्तारी के मामले में प्रशासन ने कहा कि सीधे चालान टू कोर्ट पेश कर दिया जाएगा, जो भी दोषी होगा अदालत उसे सजा देगी। कोर्ट में ही दोनों पक्ष अपना-अपना मुकदमा लड़ेंगे।
डीसी नरेश नरवाल व एसपी वसीम अकरम ने विवाद को सुलझाने में बड़ी भूमिका निभाई। दोनों अधिकारी आठ घटे तक गाव में डटे रहे और सभी पक्षों के लोगों से बातचीत की। दोनों अधिकारी उचाना के एसडीएम डा. राजेश कोथ, डीएसपी जितेंद्र के साथ पीड़ितों के घर भी पहुंचे और उन्हें हरसंभव कार्रवाई का आश्वासन दिया। बाद में गाव के स्कूल में 35 सदस्यीय सदभावना कमेटी के साथ पीड़ितों की मुलाकात करवाई गई। करीब तीन घटे की बातचीत के बाद दूसरे दौर की बैठक गाव की पीएचसी में हुई। इस बैठक में गाव की 36 बिरादरी के लोग शामिल हुए। यहा कई घटे चली बातचीत में दोनों पक्षों के गिले-शिकवे दूर करवाए गए। प्रशासन के सुझाव पर पीड़ित इस बात पर राजी हो गए कि सीधे कोर्ट में चालान पेश कर दिया जाएगा। दोनों पक्षों में सहमति बन जाने के बाद रात करीब सवा नौ बजे प्रशासनिक अमला लौट आया।
उधर, भीम आर्मी के राज्य कमेटी के सदस्य संदीप बराह ने इसकी पुष्टि की है, मगर उन्होंने बताया कि जींद में चल रहा बेमियादी धरना अभी जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि अभी खापड़ के पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाया है।
---------- बच्चे के जन्म से खुली बातचीत की राह
दूसरे दौर की बातचीत गाव की पीएचसी में चल रही थी। जिस कमरे में डीसी व एसपी की मौजूदगी में सभी जाति के लोगों से बात चल रही थी, उसके बगल वाले कमरे में एक बच्चे का जन्म हुआ। जब बच्चे की किलकारिया गूंजी तो मीटिंग में मौजूद सभी लोगों के चेहरों पर खुशी छा गई। प्रशासन ने प्रस्ताव रखा कि बच्चे के जन्म की खुशी में अभी सामूहिक भोज कर लिया जाए। बैठक में मौजूद गाव की सभी जातियों के लोगों और अधिकारियों ने मिलकर खाना खाया और उस दौरान सभी लोगों के गिले-शिकवे दूर होते चले गए। इससे आपसी तनाव कम हुआ और समाधान की राह खुल गई।