सच्चा दोस्त ढूंढ़कर ठहाके लगाकर हंसिये : मलिक
मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी अनिल मलिक ने मनोवैज्ञानिक प्रेरणा द्वारा तनाव प्रबंधन विषय पर ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 के कारण हताशा निराशा व्यग्रता दुख गुस्सा चिता तनाव चिड़चिड़ापन व्यवस्था करोड़ों भारतीयों की जिदगी का हिस्सा है।
जागरण संवाददाता, जींद: मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी अनिल मलिक ने मनोवैज्ञानिक प्रेरणा द्वारा तनाव प्रबंधन विषय पर ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 के कारण हताशा, निराशा, व्यग्रता, दुख, गुस्सा, चिता, तनाव, चिड़चिड़ापन व्यवस्था करोड़ों भारतीयों की जिदगी का हिस्सा है। इनके समाधान के लिए खुलकर मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा करने की अति आवश्यकता है।
हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के साथ विशेष सहयोगी के तौर पर संपूर्ण मी एवं ब्लॉसम वेलफेयर सोसाइटी के तत्वावधान पर ऑनलाइन कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए अनिल मलिक ने कहा कि सबसे पहले लक्षण पहचानने होंगे तनाव ग्रसित व्यक्ति की दैनिक गतिविधियां प्रभावित होती हैं। एकाग्रता में कमी आ जाती है। भावनात्मक प्रतिक्रिया बढ़ने लगती है। कार्य क्षमता प्रभावित होती है। प्रेरणा, समर्पण और आत्मविश्वास भी कम होने लगता है। सबसे प्रमुख कारण है हमारी वर्तमान प्रौद्योगिकी तकनीकी भागदौड़ भरी जीवनशैली व तनाव प्रबंधन का समाधान सरल है, लेकिन खुद से पहले कारण और हालात जानने होंगे। इसके बाद अपनी दिनचर्या में आवश्यक सुधार करना होगा। पारस्परिक आपसी संबंधों में मधुरता कायम करनी होगी। तनावमुक्त रहने के लिए खुद के लिए समय निकालिए। एक सच्चा दोस्त ढूंढिये और ठहाके लगाकर हंसिये। कार्यक्रम के विशेष आयोजन में सुनील गुप्ता, नीरज कुमार, ज्ञान चंद भल्ला, इशिता मलिक साथ-साथ उदय चंद की विशेष सराहनीय भूमिका रही।