शिक्षा विभाग में झूठी शिकायत कर ब्लैकमेल करने का गोरखधंधा हुआ शुरू
जागरण संवाददाता, जींद : शिक्षा विभाग में अधिकारियों और शिक्षा विभाग में अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ झूठी शिकायतें लगाकर ब्लैकमेल करने का गोरखधंधा शुरू हो गया है। फर्जी नाम और पते लिखकर अधिकारियों के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई जा रही हैं। ताजा मामले में सर्व शिक्षा अभियान से जुड़े एक अधिकारी के खिलाफ झूठी शिकायत की गई है, जिसमें प्राथमिक जांच में शिकायतकर्ता का नाम और पता फर्जी पाया गया है। इसमें जिला शिक्षा अधिकारी को शिकायत दी गई है कि सर्व शिक्षा अभियान से जुड़े एक अधिकारी ने अपने चहेतों को कांट्रेक्ट बेस पर 50 से 60 हजार रुपये लेकर नौकरी दी। स्कूलों में मिड डे मील और बि¨ल्डग कंस्ट्रक्शन में कमीशन ऐंठा जा रहा है। इसके अलावा छात्राओं और अध्यापिकाओं के शोषण का भी आरोप लगाया गया है।
जागरण संवाददाता, जींद : शिक्षा विभाग में अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ झूठी शिकायतें लगाकर ब्लैकमेल करने का गोरखधंधा शुरू हो गया है। फर्जी नाम और पते लिखकर अधिकारियों के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई जा रही हैं। ताजा मामले में सर्व शिक्षा अभियान से जुड़े एक अधिकारी के खिलाफ झूठी शिकायत की गई है, जिसमें प्राथमिक जांच में शिकायतकर्ता का नाम और पता फर्जी पाया गया है।
इसमें जिला शिक्षा अधिकारी को शिकायत दी गई है कि सर्व शिक्षा अभियान से जुड़े एक अधिकारी ने अपने चहेतों को कांट्रेक्ट बेस पर 50 से 60 हजार रुपये लेकर नौकरी दी। स्कूलों में मिड डे मील और बि¨ल्डग कंस्ट्रक्शन में कमीशन ऐंठा जा रहा है। इसके अलावा छात्राओं और अध्यापिकाओं के शोषण का भी आरोप लगाया गया है।
इस शिकायत की जांच कर रही जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सत्यवती नांदल ने बताया कि प्राथमिक जांच में यह शिकायत पूरी तरह फर्जी है। शिकायतकर्ता ने खुद को ¨हदी अध्यापिका बताते हुए नाम के साथ जो पता लिखा है, उस नाम की जिले में मात्र तीन ¨हदी अध्यापिका हैं और एमआइएस पोर्टल में दर्ज उनका पता शिकायत से मेल नहीं खाता। इसलिए गलत नाम और पते के साथ फर्जी शिकायत लग रही है। दूसरा जिस अधिकारी पर नौकरी देने के आरोप लगे हैं, उसके पास इतनी पावर ही नहीं है कि वह किसी को नौकरी पर लगा सके। आरोपित अधिकारी चतुर्थ श्रेणी कर्मी की छुट्टी भी मंजूर नहीं कर सकता।
सर्व शिक्षा अभियान का चेयरमैन एडीसी होता है, नौकरी लगाने की पावर उसके पास होती हैं। उसके पास दो हजार रुपये से ज्यादा खर्च करने की पावर ही नहीं है। बि¨ल्डग कंस्ट्रक्शन और मिड डे मील के पैसे स्कूलों में गठित एसएमसी करती है। उसके पास कोई सामान खरीदने और खर्च करने की पावर नहीं है।
आरोपित अधिकारी का शिक्षिकाओं और छात्राओं से सीधा कोई इंटरेक्शन भी नहीं होता। डीईईओ नांदल ने कहा कि प्राथमिक जांच में झूठी पाई गई इस शिकायत की गंभीरता से जांच की जाएगी।
¨हदी अध्यापिका के पत्र में गलतियां
डीईओ को दी शिकायत में खुद को ¨हदी अध्यापिका बताया है, जबकि शिकायत पत्र में शब्दों की गलतियों की भरमार है। इसलिए पत्र लिखने वाली ¨हदी अध्यापिका हो नहीं सकती। शिकायत में झूठा को झुठा, में को मैं, मिड डे मील को मिड डे मिल, हूं को हुं, कांट्रेक्ट बेस को कौन्ड्रेक बैस आदि लिखा गया है। डीईईओ ने बताया कि पत्र की अशुद्धियां देखने पर लगता ही नहीं कि किसी ¨हदी अध्यापिका का लिखा हुआ है। झूठी शिकायतों की जांच के लिए एसएसपी से मिलेंगे
सत्यवती नांदल ने बताया कि पहले भी विभाग के कुछ अधिकारियों और शिक्षकों के खिलाफ ऐसी शिकायतें आई हैं, जिनका कोई आधार नहीं था। कुछ दिन पहले भी एक कर्मचारी के खिलाफ भी ऐसी शिकायत आई थी। पहले विभाग अपने स्तर पर इस शिकायत की जांच करेगा। इसके बाद अधिकारियों को बदनाम करने के लिए झूठी शिकायतें करने वाले गिरोह की जांच-पड़ताल के लिए जल्द एसएसपी डॉ. अरुण ¨सह से मुलाकात की जाएगी। आरोपी पूरी तरह बेबुनियाद
दैनिक जागरण ने आरोपित अधिकारी से बात की तो उन्होंने आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि शिकायत में जिस तरह के आरोप लगाए गए हैं, वे उनके अधिकार क्षेत्र में ही नहीं हैं। उन्हें बदनाम करने के लिए झूठी शिकायत लगाई गई है। वे किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं।