राफेल डील में प्रधानसेवक की भागीदारी से भाजपा बनी डूबता जहाज : अशोक तंवर
संवाद सूत्र, सफीदों। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर ने कहा कि भाजपा के भिवानी के
संवाद सूत्र, सफीदों। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर ने कहा कि भाजपा के भिवानी के सांसद धर्मबीर ¨सह, सोनीपत के सांसद रमेश कौशिक, कुरुक्षेत्र के सांसद राजकुमार सैनी के बाद अब केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज भी अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। राफेल डील में प्रधानसेवक की भागीदारी का मामला उजागर होने के बाद भाजपा की हालत डूबते जहाज के समान हो गई है। लोगों का भाजपा सरकार और मोदी से विश्वास उठ गया है। इसलिए सभी नेता चुनाव से दूर भाग रहे हैं।
बुधवार को सफीदों हलके के गांव डिडवाड़ा में सरपंच संजीव द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे डॉ. तंवर ने भाजपा पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया व सीबीआइ सहित तमाम संवैधानिक संस्थानों की स्वायतता पर प्रधानसेवक के कार्यालय की सीधी भागीदारी से जिस प्रकार हमले हो रहे हैं, उससे देश में लोकतंत्र को खतरा हो रहा है। सत्ताधारी दल के अहंकार का असर पार्टी के भीतर बढ़ते असंतोष से भी जाहिर हो रहा है। पहले पंजाब और अब छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्यप्रदेश में बीजेपी बड़ी हार की ओर बढ़ रही है। समारोह में जुलाना के कांग्रेस नेता रोहित दलाल, नरेश जांगड़ा, संदीप बूरा, चत्तर ¨सह, मस्तराम बागड़ू, दुष्यंत राणा, रघुबीर शर्मा सहित भारी संख्या में गांवासियों व पार्टी कार्यकत्र्ता ने भाग लिया। अपने आपको क्षेत्र से जोड़ लेते हैं पीएम
डॉ. तंवर ने कहा कि मोदी जी देश के किसी भी हिस्से में जाते हैं तो अपने आपको उसी क्षेत्र से जोड़ लेते हैं। हरियाणा आने पर भी उन्होंने ऐसा ही कुछ कहा था और किसानों, सैनिकों, पूर्व सैनिकों, युवाओं, व्यापारियों, कर्मचारियों से बड़े-बड़े वादे किए थे, परंतु वो सब एक छलावा ही निकले। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं का काम केवल धर्म, जाति और क्षेत्र के नाम पर लोगों में फूट डालना और दंगे करवाना है, ऐसे में हरियाणा के लोगों को भी अब बांटने की राजनीति करने वालों के प्रति सजग रहना होगा। हरियाणा रोडवेज को लगी बीजेपी सरकार की नजर
केंद्र के साथ राज्य की खट्टर सरकार पर भी सीधा प्रहार करते हुए तंवर ने कहा कि देश में सबसे सुरक्षित व आरामदेह हरियाणा रोडवेज को भी बीजेपी सरकार की नजर लग गई है। हरियाणा रोडवेज की नो प्रोफिट नो लॉस पर चलने वाली व्यवस्था का दीवाला निकालने के लिए किलोमीटर स्कीम की ऐसी व्यवस्था की जा रही है जोकि दिल्ली सहित देश के अलग-अलग राज्यों में वर्षों पहले विफल हो चुकी है।