बड़ा आदमी बनकर महंगे सामान को सस्ते में बेचने का झांसा देकर की जा रही ठगी
ऑनलाइन ठगों ने अपना जाल फैला रखा हैं। ठग अब इंटरनेट पर लोगों को धोखा देने के लिए नए तरीके खोज लिए हैं। नया माध्यम ऑनलाइन वेबसाइड ओएलएक्स को बनाया है।
जागरण संवाददाता, जींद : ऑनलाइन ठगों ने अपना जाल फैला रखा हैं। ठग अब इंटरनेट पर लोगों को धोखा देने के लिए नए तरीके खोज लिए हैं। नया माध्यम ऑनलाइन वेबसाइड ओएलएक्स को बनाया है। यह वही कंपनी जहां पर लोग अपना सामान बेचते या दूसरे से खरीदते हैं। इस वेबसाइट पर एड डालकर धोखेबाज लोगों को ठग रहे हैं। हाल में दो मामले पुलिस के सामने आए हैं। समस्या यह है कि पुलिस को सारी जानकारी देने के बावजूद ठग कानून के हाथों से दूर हैं। पुलिस ने माना है कि इस वेबसाइट पर कुछ एड ठगों के भी हो सकते हैं, इसलिए लोगों को सतर्क रहना होगा। ठग जिस सामान को बेचने का विज्ञापन डालते हैं, उसकी कीमत कम रखते हैं। जब खरीदार संपर्क करता है, तब ठग खुद को बड़ा आदमी या सैनिक बताकर कहता है कि वह इसे बेचकर दूसरा खरीदेगा। फिर वह कुछ पैसे अकाउंट में डालने को कहते हैं। पैसे डालने पर फोन कर कहा जाता है कि सामान भेज दिया है। थोड़ा और पैसे डालिए तो कोरियर से आपके घर पहुंच जाएगा। उधर, खरीदार को या तो सामान नहीं मिलता या फिर पैकेट में कुछ और सामान रखकर भेज दिया जाता है।
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खरीदने और बेचने दोनों तरीके से हो रही ठगी
ठग गिरोह के लोग आम लोगों की जेब काट कर उनकी मेहनत की कमाई को हड़प रहे हैं। ओएलएक्स पर ठगी के दो तरीके अपनाए हुए हैं। जहां गिरोह के लोग महंगे सामान को सस्ता डालकर लोगों को उसकी तरफ आकर्षित करते हैं, जबकि दूसरा तरीके में आम लोगों द्वारा डाले गए सामान को खरीदने के लिए सैनिक बनकर फोन करते हैं। इसमें सामान बेचने वाले के पास फोन करते हैं और आर्मी में होने के कारण वहां पर न आने की बात कहकर ट्रांसपोर्ट से सामान भेजने की कहते हैं और पेमेंट ऑनलाइन खाते में लेने की कहते हैं। बाद में पेमेंट न होने की बात कहकर उनके पास एक रिक्वेस्ट भेज देते हैं। इससे पेमेंट ट्रांसफर हो जाएगा। ठग के भेजे गए लिक पर क्लिक करते ही बैंक खाते से पैसे निकल जाते हैं।
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पहला मामला
स्कूटी बेचना पड़ा महंगा
शिव कालोनी के एक युवक ने अपनी स्कूटी बेचने के लिए ओएलएक्स पर डाला था। जहां पर एक व्यक्ति का फोन आया और उसने कहा कि वह सैनिक है और उसे घर के लिए स्कूटी की जरूरत है। जहां पर युवक के साथ आरोपित का 23 हजार रुपये में स्कूटी का सौदा तय हो गया और पेमेंट को गुगल पे एप से भेजने की कहीं और युवक का नंबर ले लिया। थोड़ी देर के बाद आरोपित का युवक के पास फिर फोन आया कि खाते से पैसे ट्रांसफर नहीं हो रहे हैं, इसलिए उसने एक लिक भेजा है, उस पर क्लिक करते ही खाते में पैसे आ जाएंगे। युवक ने जैसे ही उस लिक पर क्लिक किया तो उसके खाते से 20 हजार रुपये निकलने का मैसेज आया और उसके बाद ठगी करने वाले ने फोन उठाना ही बंद कर दिया।
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दूसरा मामला
बाइक खरीदने के नाम पर ठगी
गुप्ता कालोनी निवासी श्रीकांत ने ओएलएक्स पर बाइक बेचने के लिए डाला था। जहां पर 19 अप्रैल उसके पास गिरोह के लोगों का फोन आया और बाइक की पूरी जानकारी लेकर खरीदने की इच्छा जताई। सौदा तय होने के बाद गिरोह के लोगों ने पेमेंट भेजने की बात कहकर लिक भेज दिया। इस पर क्लिक करते ही उसके खाते से 20 हजार रुपये की नकदी गायब हो गई। उसके बाद गिरोह के सदस्य कई दिन तक बात करते रहे और पेमेंट वापस करने के लिए कहते रहे, लेकिन बाद में मना कर दिया। इसमें आरोपित ने अपनी पहचान आशुतोष के तौर पर बताई थी।
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लोगों को ठगी से बेचने के लिए जागरूक रहने की जरूरत है। अगर कोई व्यक्ति किसी प्रकार का लिक या खाते से संबंधित ओटीपी मांगता है, तो उसकी जानकारी नहीं देनी चाहिए। आरोपितों का सुराग लगाने के लिए उनकी टीम लगी हुई है।
अश्वनी शैणवी, एसएसपी जींद।
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