ड्यूटी के साथ खिलाड़ियों की पौध तैयार कर रहे एएसआई नरेश संधू
हरियाणा पुलिस में एएसआइ के पद पर कार्यरत नरेश संधू अपने ड्यूटी के साथ खिलाड़ियों की पौध तैयार करने में लगे हुए है। नरेश संधू अपनी ड्यूटी से टाइम निकालकर सुबह व शाम पुलिस लाइन में बने ग्राउंड में चार खेलों के खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देकर उनकी पौध तैयार कर रहे है।
तंत्र के गण :: शहर के निजी व सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को चार खेलों का दे रहे प्रशिक्षण
उनसे प्रशिक्षण लिए हुए 14 खिलाड़ियों ने नेशनल स्तर की प्रतियोगिता में मनवाया अपना लोहा
फोटो-34
जोगेंद्र दूहन, जींद
हरियाणा पुलिस में एएसआइ के पद पर कार्यरत नरेश संधू अपने ड्यूटी के साथ खिलाड़ियों की पौध तैयार करने में लगे हुए है। नरेश संधू अपनी ड्यूटी से टाइम निकालकर सुबह व शाम पुलिस लाइन में बने ग्राउंड में चार खेलों के खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देकर उनकी पौध तैयार कर रहे है। खुद बास्केटबाल के नेशनल स्तर के खिलाड़ी रहे नरेश संधू प्रतिदिन 50 के करीब अंडर-17 व अंडर-19 के खिलाड़ियों को हैंडबाल, बास्केटबाल, नेटबाल व कोर्फबाल के खिलाड़ियों का प्रशिक्षण देते हैं और उनके पास प्रशिक्षण ले चुके खिलाड़ी नेशनल स्तर तक अपना परचम लहरा चुके हैं। वर्ष 2018 में उसने प्रशिक्षण ले चुके 14 खिलाड़ी नेशनल स्तर तक खेले और सिल्वर पदक जीता। इसके अलावा कोर्फबाल प्रतियोगिता में भी पांच खिलाड़ी नेशनल स्तर की प्रतियोगिता खेल चुके हैं। पुलिस विभाग ने नरेश संधू की खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के प्रति रुचि देखते हुए उन्हें पुलिस लाइन में स्थित डीएवी पुलिस पब्लिक स्कूल में कोच नियुक्त कर दिया।
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लड़कियों की टीम को अलग से दे रहे प्रशिक्षण
एएसआई नरेश संधू ने बताया कि उनके पास डीएवी पुलिस पब्लिक स्कूल के बच्चों के साथ शहर के सरकारी स्कूलों व निजी स्कूलों में पढ़ने वाले खिलाड़ी हैंडबाल, नेटबाल, बास्केटबाल व कोर्फबाल का प्रशिक्षण लेने के लिए आते है। इसमें वह लड़कों के साथ लड़कियों को भी प्रशिक्षण दे रहे हैं और उनके पास चारों ही खेलों की अलग-अलग टीमें बनाई हुई। हाल ही में उनकी लड़कियों की टीम छत्तीसगढ़ में नेशनल प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए गई हुई है। पिछले तीन साल से उनके पास प्रशिक्षण ले रहे खिलाड़ियों का चयन नेशनल स्तर की प्रतियोगिता के लिए हो रहे हैं।
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विभाग ने बहादुरी के लिए किया था सम्मानित
एएसआई नरेश संधू ने बताया कि वर्ष 2002 में सिपाही था और उसकी ड्यूटी जेल से कैदियों को लेकर अदालत में पेश करने के लिए लगी हुई थी। अगस्त 2002 वह एक बंदी को हिसार जेल से लेकर नरवाना अदालत में पेश करने के लिए लाए थे। जब बंदी को अदालत में पेश करके वापस हिसार जेल छोड़ने के लिए बस में लेकर जा रहे थे तो गांव सच्चाखेड़ा के निकट दो युवक आए और आते ही उनके साथ मौजूद पुलिस कर्मियों की आंखों में मिर्च झोंककर बंदी को छुड़वाकर खेतों के रास्ते भागने ले, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हार और जान जोखिम में डालकर बंदी व उसके दो साथियों का खेतों में पीछा किया और तीनों को काबू कर लिया। उसके बाद पुलिस विभाग ने उनको बहादुरी के लिए सम्मानित किया और उनको हवालदार के पद पर पदोन्नत कर दिया।
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शुरुआत से ही खेलों में रुचि
एएसआई नरेश संधू ने बताया कि उसका जन्म हिसार जिले के गांव कोथ कलां में हुआ था और बचपन से बास्केटबाल खेलने में रुचि थी और उसने नेशनल स्तर तक खेला।उसके बाद खेल कोटे से ही उसका हरियाणा पुलिस में चयन हुआ। पुलिस में चयन होने के बाद भी उसने खेलों को नहीं छोड़ा और खिलाड़ियों को पुलिस लाइन में ही प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया।