Move to Jagran APP

नरवाना के मूकबधिर प्रदीप की कलाकृति विदेशों में भी मचा रही धूम

रवाना के बीरबल नगर निवासी मूकबधिर 42 वर्षीय प्रदीप कुमार की कला ने विदेशों में धूम मचा रखी है। प्रदीप माचिस की तीलियों को तराश कर उन पर देवताओं व पक्षियों की कलाकृतियां बनाते हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Jan 2020 08:39 AM (IST)Updated: Sat, 18 Jan 2020 08:39 AM (IST)
नरवाना के मूकबधिर प्रदीप की कलाकृति विदेशों में भी मचा रही धूम
नरवाना के मूकबधिर प्रदीप की कलाकृति विदेशों में भी मचा रही धूम

महा सिंह श्योरान, नरवाना

loksabha election banner

नरवाना के बीरबल नगर निवासी मूकबधिर 42 वर्षीय प्रदीप कुमार की कला ने विदेशों में धूम मचा रखी है। प्रदीप माचिस की तीलियों को तराश कर उन पर देवताओं व पक्षियों की कलाकृतियां बनाते हैं। उनकीकलाकृतियां इंग्लैंड, अमेरिका, डेनमार्क, फिनलैंड आदि देशों के संग्रहालय में धरोहर के तौर पर रखी गई हैं। 16 से 19 जनवरी तक न्यूयॉर्क शहर में लगने वाले आउटसाइडर आर्ट फेयर अंतरराष्ट्रीय मेले में भी उनकी कलाकृतियों को प्रदर्शित किया जाएगा।

इस अंतरराष्ट्रीय मेले में 9 देशों के 32 शहरों से 61 कला दीर्घाएं एवं संग्रहालय भाग ले रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय रॉ विजन पत्रिका ने अपने बूथ पर प्रदीप की सूक्ष्म कलाकृतियां को प्रदर्शन के लिए रखा है। मेले में पत्रिका के मुख्य संपादक जॉन मैजाइल्स स्वयं उपस्थित रहेंगे। इस मूक एवं बधिर कलाकार की कलाकृतियों को भारत ही नहीं, विदेशी कला-प्रेमियों ने भी खूब सराहा है। इसीलिए तो उसकी कलाकृतियों के प्रेमी विदेशों से नरवाना आकर प्रदीप कुमार से संपर्क कर रहे हैं।

पिछले दिनों वियाना आस्ट्रेलिया से विदेशी कलाकार महिला हन्ना रिगर इस कलाकार की कलाकृतियां अपने संग्रह में शामिल करने के लिए लेकर गई हैं। अप्रैल में प्रदीप कुमार की कलाकृतियां को पुर्तगाल में भी प्रदर्शित किया जा चुका है। प्रदीप कुमार को देश में मिले भारतीय दिव्यांग भूषण पुरस्कार के साथ-साथ कई अन्य देशों ने भी इस दिव्यांग कलाकार को प्रतिभा स्वरूप सम्मानित किया है। अनूठी प्रतिभा ने चढ़ाया कला के शिखर पर

बचपन से मूक-बधिर प्रदीप कुमार ने माचिस की तीलियों को तराश कर सूक्ष्म कलाकृति बनानी क्या शुरू की, उसकी इस प्रतिभा ने उसको कला के ऊंचे शिखर पर ला दिया है। उनकी कलाकृति इतनी सूक्ष्म होती हैं कि वह लैंस की सहायता से ही देखी व परखी जा सकती हैं। उनके पिता बालकिशन स्वामी का कहना है कि मूक-बधिर होने के कारण हमें चिता सताए रहती थी कि वह किस तरह अपना जीवन बसर कर पाएगा। यह कुदरत का करिश्मा कहिए या उसकी मेहनत, आज बेटे ने विदेशों में भी परिवार का नाम सुर्खियों में ला दिया है। वर्तमान में प्रदीप कुमार पंजाब नेशनल बैंक में नौकरी कर रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.