कॉलेजों में सालाना फीस में दो से तीन हजार की बढ़ोतरी, छात्र संगठन कर रहे विरोध
सरकारी कॉलेजों में फीस बढ़ोतरी का छात्र संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं। कॉलेज और विश्वविद्यालय प्रबंधन को ज्ञापन देकर बढ़ी हुई फीस को वापस करने की मांग की जा रही है। छात्र नेताओं का कहना है कि प्रत्येक छात्र पर सालाना ढाई से तीन हजार रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा।
जागरण संवाददाता, जींद : सरकारी कॉलेजों में फीस बढ़ोतरी का छात्र संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं। कॉलेज और विश्वविद्यालय प्रबंधन को ज्ञापन देकर बढ़ी हुई फीस को वापस करने की मांग की जा रही है। छात्र नेताओं का कहना है कि प्रत्येक छात्र पर सालाना ढाई से तीन हजार रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा। बीकॉम प्रथम वर्ष में 4608 रुपये से बढ़ा कर 6249 रुपये, बीए प्रथम वर्ष में 3432 रुपये से बढ़ा कर 6769 रुपये, बीएससी मेडिकल प्रथम वर्ष में 4608 रुपये से बढ़ा कर 7069 रुपये, नॉन मेडिकल प्रथम वर्ष में 4536 रुपये से बढ़ा कर 7069 रुपये फीस कर दी गई है। इसी तरह बाकी विषयों में भी फीस बढ़ाई गई है। बताया जा रहा है कि पिछले कई सालों से फीस में बढ़ोतरी नहीं हुई थी। विषय अनुसार प्रेक्टिकल व अन्य चीजों पर काफी खर्च आता है, जिसके चलते उच्चतर शिक्षा विभाग ने फीस में बढ़ोतरी की है।
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इनसो ने तालाबंदी कर जताया विरोध
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जींद : इनसो ने जिला चेयरमैन दीपक देशवाल के नेतृत्व में फीस वृद्धि के विरोध में प्रदर्शन करते हुए राजकीय कॉलेज के मेन गेट पर ताला जड़ा। दीपक देशवाल ने बताया कि इस सत्र से सरकार द्वारा 50 से 60 फीसदी फीस बढ़ाना गलत है। इससे विद्यार्थियों पर काफी आर्थिक बोझ पड़ा है। गरीब परिवार के बच्चे पढ़ाई बीच में छोड़ने को मजबूर हो गये हैं। सरकार नहीं चाहती कि गरीब किसान और आम परिवार के बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त करके बड़े पदों पर पहुंचें। इसलिए फीस बढ़ाकर उच्च शिक्षा को गरीब की पहुंच से बाहर करने का प्रयास किया जा रहा है। इनसो इसे किसी सूरत में सहन नहीं करेगी। इस अवसर पर मोनू मलिक, सौरभ पहल, गोलू नगूरां, विक्की मोर, अंकित सिहाग, अनूप झांझ, देवेंद्र पाजू उपस्थित रहे।
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केवाइएस ने फीस बढ़ोतरी, सीट कटौती के विरोध में वीसी को सौंपा ज्ञापन
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जींद : केवाइएस (क्रांतिकारी युवा संगठन) ने चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय के वीसी प्रो. आरबी सोलंकी को फीस बढ़ोतरी और सीट कटौती के विरोध में ज्ञापन सौंपा। संगठन के सदस्य कुलदीप ने कहा कि सरकार के इस छात्र विरोधी कदम का संगठन विरोध करता है। इस कदम से ज्यादातर वे छात्र प्रभावित होंगे, जो गरीब तबके से संबंध रखते हैं और सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। फीस बढ़ोतरी के लिए सरकार की तरफ से कोई उचित कारण नहीं दिया गया है। पहले ही कट ऑफ की दीवार होने के कारण सरकारी स्कूल के छात्र अच्छे सरकारी कॉलेजों में दाखिला नहीं ले पाते और मजबूरन उन्हें प्राइवेट कॉलेजों में जाना पड़ता है। सीटों में कटौती होने से वे एडमिशन नहीं ले पाएंगे और उन्हें प्राइवेट कॉलेज या घर बैठना पड़ेगा। इस मौके पर कुलदीप, जनित, प्रवीन, विक्रम, विरेंद्र, महावीर मौजूद रहे।