अन्ना टीम ने मुर्गा बन शहर के लिए मांगा न्याय
विकास और मूलभूत सुविधाओं के मामले में बुरी तरह से पिछड़े जींद शहर के साथ न्याय की मांग को लेकर टीम अन्ना ने बुधवार को अजीब तरीके से अपना दर्द बयां किया।
जागरण संवाददाता, जींद : विकास और मूलभूत सुविधाओं के मामले में बुरी तरह से पिछड़े जींद शहर के साथ न्याय की मांग को लेकर टीम अन्ना ने बुधवार को अजीब तरीके से अपना दर्द बयां किया। टीम अन्ना ने मुर्गा बनते हुए कहा कि जिस तरह से जिला पोल्ट्री के लिए विख्यात है, शायद इसलिए जींद में अधिकारी और जन प्रतिनिधी उनके साथ मुर्गे समझ कर व्यवहार कर रहे हैं। शहर की प्रमुख सड़कें टूटी पड़ी हैं। सड़कों पर लावारिस पशुओं की भरमार है। हर जगह बंदरों का आतंक है। नागरिक अस्पताल में चिकित्सक तक नहीं हैं। विकास के लिए मिले थोड़े बहुत रुपयों का दुरूपयोग हो रहा है। सफीदों रोड इसका जीता-जागता उदाहरण है, जो सीएम की घोषणा पर साढ़े पांच करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। लेकिन इसके बनने के बाद यहां नरक जैसे हालात हो गए हैं। इसमें जगह-जगह मौत के कट बना दिए हैं।
सीएम विडो का धत्ता बता रहे अधिकारी
टीम अन्ना के सुनील वशिष्ठ ने बताया कि उन्होंने सीएम विडो पर जो शिकायत की थी, उन्हें भी बिना समाधान के ही खुर्द-बुर्द किया जा रहा है। सीएम विडो को यहां के अधिकारियों द्वारा धत्ता बताया जा रहा है। 4 सितंबर को जींद में पहुंचने पर सीएम मनोहर लाल से मिलकर समस्याओं के बारे में अवगत कराया जाएगा। इस दौरान अन्ना टीम के सदस्य प्रवीण भारतीय, महाबीर हिदू, सुशील, अमित भारतीय, धर्मपाल मित्तल, विजय कुमार, अमर अरोड़ा, अमित, सुरेंद्र, प्रवेश, इंद्रजीत, सोनू साथ थे।