बिना बताए उपभोक्ताओं के खाते से काटी राशि, बैंक के खिलाफ नारे
बिना बताए उपभोक्ताओं के खाते से एचडीएफसी बैंक ने क्रेडिट कार्ड व पॉलिसी के नाम से रुपये काट लिए।
संवाद सूत्र, जुलाना : बिना बताए उपभोक्ताओं के खाते से एचडीएफसी बैंक ने क्रेडिट कार्ड व पॉलिसी के नाम से रुपये काट लिए। इससे नाराज उपभोक्ताओं ने बैंक कर्मचारियों के खिलाफ नारेबाजी की और रुपये वापस देने की मांग की। 19 बैंक उपभोक्ताओं के 89923 रुपये काटे गए हैं। बैंक उपभोक्ताओं ने कहा कि उनकी राशि वापस नहीं दी गई तो वह उपभोक्ता फोरम की शरण लेंगे और बैंक से अपने खाते भी बंद करवा लेंगे।
एमआरसीआर जुलाना के स्टाफ ने सेलरी के लिए एचडीएफसी बैंक में कई वर्ष पहले बैंक खाते खुलवाए थे। बैंक ने उपभोक्ताओं को बिना बताए क्रेडिट व पॉलिसी की सुविधा चालू कर दी और 89923 रुपये खाते से काट लिए। ज्योति देवी के 35112, कर्मबीर के 16248, नीलम के 4802, शांति के 5253, गीता के 450, कविता देवी के 634, कर्मबीर के 624, महाबीर के 1712, सोनिया के 2501, रविद्र के 2869, राजेश के 773, उर्मिला के 1805, सुनील के 2790, पूजा के 2045, सुनिता सिधु के 5295, रेनू जिदल के 702, दिनेश कुमार के 809, सविता के 4719 व कविता के 790 रुपये काट लिए। इन उपभोक्ताओं ने बताया कि उन्हें यह स्कीम चालू करने के लिए नहीं कहा। अपना इंसेंटिव बनाने के चक्कर में कर्मचारियों ने यह स्कीम उन पर थोपी गई है। बैंक उपभोक्ताओं ने इसकी शिकायत बैंक मैनेजर को की और उच्च अधिकारियों को मेल भी डाली। बार-बार शिकायत करने के बाद भी उपभोक्ताओं के रुपये बैंक ने वापस नहीं किए। स्कूल संचालक अरुण सिघल ने कहा कि कई बार शिकायत करने के बाद भी बैंक ने रुपये वापस नहीं किए हैं।
वर्जन
एमआरसीआर पब्लिक स्कूल स्टाफ के क्रेडिट कार्ड बनाए गए थे। कस्टमर केयर द्वारा की गई कॉल से सर्विस देने की एवज में चार्जेज लगाए गए हैं। चार्जेज को रिफंड करवाने के लिए उच्च अधिकारियों को लिखा गया है।
-संजय दहिया, मैनेजर, एचडीएफसी बैंक, जुलाना