दूर तक जाएगा बांगर बेल्ट से निकला अमित शाह का संदेश
जींद रैली में शाह ने मोदी-मनोहर के रिपोर्ट कार्ड से विरोधियों पर हमला किया। कहा कि एजेंडागत राजनीति कर तमाम वादों को भाजपा पूरा करेगी।
जींद [अनुराग अग्रवाल]। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की जींद रैली पार्टी के लिए चुनावी माहौल तैयार करने में कारगर रही। जाट बांगर बेल्ट से निकला शाह का राजनीतिक संदेश न केवल हरियाणा और चुनाव वाले राज्यों के लिए अहम रहेगा। साथ में दिल्ली से सटे प्रदेश से मिशन-2019 का आगाज कर भाजपा ने स्पष्ट कर दिया कि हरियाणा उसके लिए खास है। शाह ने जिस तरह मुख्यमंत्री मनोहर के साथ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला को पूरे नंबर दिए, उसका मतलब साफ है कि दोनों के राजनीतिक विरोधियों को उनकी मुखालफत करने के बजाय अपनी सत्ता बचाने पर अधिक जोर देना पड़ेगा।
जाटलैंड के केंद्र जींद में अमित शाह के तेवर में थे। युवाओं के भारी उत्साह से गदगद शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अब तक के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए विरोधियों पर कड़ा प्रहार किया। यह संदेश भी दिया कि आने वाले सालों में भाजपा एक एजेंडागत राजनीति करते हुए अपने तमाम उन वादों को पूरा करने की तरफ अग्रसर है, जो उसने चुनाव से पहले कर रखे हैं। भाजपा का मुख्य लक्ष्य भ्रष्टाचार की जड़ पर किए हमले का राजनीतिक लाभ हासिल करने पर भी रहा।
हरियाणा दिल्ली से सटा है। यहां किसी भी राजनीतिक हलचल का दूर तक संदेश जाता है। हरियाणा के 22 जिलों में से एक दर्जन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में पड़ते हैं। जींद भी एनसीआर का ही हिस्सा है। यह ठीक है कि पहली बार हरियाणा में पूर्ण बहुमत वाली भाजपा की सरकार ने गैर जाट सीएम दिया है, लेकिन अगले चुनाव फतह करने के लिए भाजपा जाटों का सहयोग लेने से कतई परहेज नहीं करना चाहती। ऐसे में रोहतक के बाद जींद को रैली के लिए चुनकर अमित शाह ने जाटों को यह खुला संदेश देने की कोशिश की है कि यदि एक कदम वे आगे बढ़ेंगे तो भाजपा उन्हें गले लगाने के लिए दो कदम बढऩे को तैयार है।
हरियाणा में लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव का माहौल तैयार किया जा रहा है। अगले कुछ दिनों में दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनाव होने हैं। सुदूर राज्यों में भी हालांकि शाह लगातार दौरा कर रहे हैं, लेकिन वहां के मुद्दे और राजनीतिक संदेश उत्तर भारत के राज्यों से जुदा हैं।
शाह का मूलमंत्र भूले तो सांसद-मंत्री का कट जाएगा टिकट
शाह के साथ-साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी इस रैली के माहौल और फिजां से उत्साहित नजर आए। शाह मनोहर सरकार के मंत्रियों को जनता में रह कर उन्हें अपना बनाने का जो मूलमंत्र देकर गए हैं, उस पर अगर अमल नहीं किया गया तो फिर शाह ही उनके टिकट कटने का प्रमुख कारण बनते नजर आएंगे। शाह के निशाने पर कई सांसद, मंत्री और विधायक पहले से हैं।
कार्यकर्ताओं को रास आएगा शाह का मंत्र
भाजपा की जींद रैली में कार्यकर्ताओं के उत्साह में शाह इस कदर डूबे कि उन्होंने बार-बार नारे लगवाए। कई बार गदा हाथ मेें उठाई और विरोधियों को खुलकर ललकारा। उत्साहित मंत्री रामबिलास शर्मा और कर्णदेव कांबोज ने तो ठुमके तक लगाए। मतलब साफ है कि शाह का मूलमंत्र कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी को भी पूरी तरह से रास आ रहा है।
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