अजय चौटाला ने झगड़े में नहीं, आगे बढ़ने में देखा राजनीतिक फायदा
अजय चौटाला और उनके पुत्र दुष्यंत चौटाला ने इनेलो पर कब्जे की लड़ाई की जगह आगे बढ़ने में अपना राजनीतिक लाभ देखा। यही कारण है कि उन्होंने नई पार्टी बनाने का ऐलान किया।
जींद, [बिजेंद्र बंसल]। इनेलो के विवाद में अजय सिंह चौटाला ने पार्टी के लिए झगड़े की बजाय आगे बढ़ने में अपना और अपने पुत्रों दुष्यंत और दिग्विजय चौटाला का राजनीतिक फायदा देखा। यही कारण है कि उन्होंने इनेलाे पर दावा जताने की जगह अलग राह अपनान अौर नई पार्टी बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया।
अजय और दुष्यंत के रणनीतिकारों का मानना था कि उनके दबाव के आगे पार्टी सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला अपने पूर्व में लिये निष्कासन के आदेशों को वापस लेकर दुष्यंत को ही पार्टी की बागडोर दे देंगे। इससे इतर अभय चौटाला के रणनीतिकारों ने पार्टी विधायकों को अपने साथ जोड़े रखकर अजय खेमे के पार्टी पर कब्जा करने के मंसूबों पर पानी फेर दिया। अजय खेमे ने भी वक्त की नजाकत समझते हुए नई पार्टी बनाने का निर्णय ले लिया।
अजय चौटाला ने समर्थकों को दिए तीन विकल्प तो लगी नई पार्टी बनाने पर मुहर
अजय चौटाला ने चौधरी देवीलाल की संघर्ष स्थली में एकत्र अपने समर्थकों के बीच जाने से पहले प्रमुख पदाधिकारियों की बैठक में तीन विकल्प रखे। पहला, इनेलो पर ही कब्जा किया जाए मगर यह भी कहा कि झगड़े में कुछ मिलने वाला नहीं है। हालांकि समर्थक पार्टी पर कब्जा करने के लिए संघर्ष को तैयार थे। दूसरा विकल्प था, दुष्यंत किसी राष्ट्रीय पार्टी में चला जाए। समर्थकों ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। अब तीसरा विकल्प नई पार्टी बनाने का ही बचता था जिसे सर्वसम्मति से मान लिया गया।
----------------
ट्वीट वार
नई पार्टी की घोषणा के बाद सांसद दुष्यंत चौटाला ने ट्वीट करके एक बार फिर अपने चाचा अभय सिंह चौटाला पर यह कहते हुए निशाना साधा। उन्होंने लिखा-
' परिंदों का नया बसेरा होगा, उदय नया सवेरा होगा, जो बुझाते फिरते हैं जलते हुए चिराग, अब उनकी ही महफिल में अंधेरा होगा।'
--------
जींद उपचुनाव पर रहेगी दुष्यंत की नजर
अजय चौटाला के रणनीतिकार अपना वर्चस्व दिखाने के लिए बड़ा चमत्कार विधानसभा चुनाव से पहले करना चाहते हैं। उनका पहला लक्ष्य है जींद उपचुनाव जीतना। यही कारण है कि अजय चौटाला ने नई पार्टी का ऐलान करने के लिए जींद को ही चुना। अब 9 दिसंबर को जब नई पार्टी का विधिवत एेलान होगा तो वह भी जींद में ही होगा। दुष्यंत जींद में अपनी ताकत दिखा कर उपचुनाव जीतना चाहते हैं। इस क्रम में उन्होंने पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता का आशीर्वाद लिया था।