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यज्ञ से भावना व कर्म उन्नत होते हैं: आचार्य राजेंद्र

जींद के गुरुकुल कालवा के आचार्य राजेंद्र ने कहा कि यज्ञ एक पवित्र कर्म है जिसके करने से भावना और कर्म दोनों उन्नत होते हैं। इसीलिए ऋषियों ने वेदों में यज्ञ करने का विधान किया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Mar 2021 07:20 AM (IST)Updated: Mon, 01 Mar 2021 07:20 AM (IST)
यज्ञ से भावना व कर्म उन्नत होते हैं: आचार्य राजेंद्र
यज्ञ से भावना व कर्म उन्नत होते हैं: आचार्य राजेंद्र

जागरण संवाददाता, जींद: गुरुकुल कालवा के आचार्य राजेंद्र ने कहा कि यज्ञ एक पवित्र कर्म है, जिसके करने से भावना और कर्म दोनों उन्नत होते हैं। इसीलिए ऋषियों ने वेदों में यज्ञ करने का विधान किया है। रविवार को डीएवी स्कूल में डा. धर्मदेव विद्यार्थी की ओर से आयोजित सर्वकल्याणक कोरोना नाशक महायज्ञ के उद्घाटन पर आचार्य राजेंद्र ने कहा कि वह व्यक्ति श्रेष्ठ होते हैं, जो यज्ञ करते हैं। यज्ञ कोरोना जैसी बीमारी के विरुद्ध लोगों ने हिम्मत और हौसला बढ़ाने के लिए किया जा रहा है, इसलिए यह धार्मिक के साथ सामाजिक कर्म भी है।

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डीएवी संस्थाओं के निदेशक डा. धर्मदेव विद्यार्थी ने कहा कि यज्ञ के लिए विशेष प्रकार से सामग्री तैयार की गई है, जो कीटाणु नाशक है। जब यह सामग्री आग में जलेगी तो वातावरण में बीमारियों के कीटाणु नष्ट होंगे तथा ऑक्सीजन की वृद्धि होकर मानव मात्र के लिए स्वास्थ्य कार्य होगा। यज्ञ का संचालन गुरुकुल कालवा के ब्रह्मचारियों की ओर से किया जा रहा है। यज्ञ में वीरेंद्र लाठर वकील, महिला कल्याण समिति के पंडित राम निवास शर्मा सहित ईश्वर अत्री, वेदपाल शर्मा, बजरंग गर्ग, महिद्र अत्री, राम भगत गौतम, सतपाल आर्य, जोरा सिंह आर्य, सुभाष बैरागी, महावीर बैरागी, सुरेंद्र सैनी, इंद्र जांगड़ा के अलावा अजय शर्मा, प्रवीन शर्मा, महेश गोयल, पंकज बत्रा, मनोज शर्मा व गगन शर्मा उपस्थित रहे।


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