अचल मुनि ने पेश किया मुनाफे का बजट
संवाद सूत्र, उचाना : एसएस जैन सभा द्वारा स्थानक में पति-पत्नी दिवस मनाया गया। चातुर्मास में तपस्या करन
संवाद सूत्र, उचाना : एसएस जैन सभा द्वारा स्थानक में पति-पत्नी दिवस मनाया गया। चातुर्मास में तपस्या करने वाले विभिन्न श्रद्धालुओं को कार्यक्रम के दौरान सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु पहुंचे। अचल मुनि महाराज ने मुनाफे का बजट पेश करने से पहले फरमाया कि संत किसी से बदला लेने नहीं आपको बदल देने के लिए आए है। संतों को ईष्र्या नहीं ईश्वर चाहिए। संत प्रसिद्धि के लिए अपनी शुद्धि नहीं खोना चाहते। संत शल्य में नहीं वात्सल्य में जीते है।
जैन संत ने मुनाफे का बजट पेश करते हुए कहा कि काम करो ऐसा वक्त लगे न पैसा। अर्थात ऐसा काम करो जिसमें समय भी न लगे और पैसा भी जाया न हो। ऐस कार्य है जीवन में जो ऐब है, व्यसन है उन्हें एक संकल्प के द्वारा दूर कर डालो। ¨जदगी में हम जितना पैसा कमाते है उसे ज्यादातर शराब, ऐबों में जाया कर देते है। पैसा हो तो खराब होता ही है साथ में शरीर भी। अगर मुनाफे में रहना चाहते हो तो संतों का गुरुओं का आशीर्वाद भी जरूर लेते रहो। अपने कर कमलों के द्वारा दान पुण्य अवश्य करते रहो। यह सच है, बंधी मुट्ठी में ताकत होती है लेकिन उसके लिए उसके लिए सभी अंगुलियों को करीब आना होता है। कहते है बंधी मुट्ठी लाख की, खुल गई तो खाक की। ये सच है मगर अधूरा। पूरा सच तो यह है कि संत की बंधी मुट्ठी लाख की होती है और खुली मुट्ठी सवा लाख की। संत की बंधी मुट्ठी में आर्शीवाद होता है। जब भी वह खुलती है तो किसी पुण्यात्मा को आशीर्वाद मिलता है। बस ध्यान रहे दान बंद मुट्ठी से करें और ध्यान बंद दृष्टि से करें। कभी भी रातों-रात अमीर बनने की चाह रखने वाले इंटरनेट, क्रिकेट पर सट्टा न लगाएं रातों रात करोड़पति बनने की चाह करोड़पति की बजाय रोड़पति बन जाते है।