चार साल में 84 बसें कंडम, मिलीं सिर्फ 42, इस माह चार हो जाएंगी रूट से गायब
नंब¨रग 42 बसें नई मिली जींद डिपो को 114 बसें चल रहीं हैं अभी रूट पर हिमांशु गोयल, जी
नंब¨रग
42 बसें नई मिली जींद डिपो को
114 बसें चल रहीं हैं अभी रूट पर हिमांशु गोयल, जींद
बस से यात्रा करने वाले यात्रियों की परेशानी बढ़ने वाली है। क्योंकि जींद डिपो में बसों की संख्या लगातार घट रही है। पिछले चार साल में जींद डिपो में 84 बसें कंडम हो चुकी हैं। इनके बदले में मात्र 42 नई बसें ही मिली हैं। अभी नरवाना, सफीदों डिपो को छोड़कर अकेले जींद डिपो में 114 बसें चल रही हैं। इनमें से चार बसें कंडम हो चुकी हैं। जो इस माह रूट से गायब हो जाएंगी। वहीं दो अन्य बसें कंडम घोषित की जा चुकी हैं जो अगले माह के अंतिम सप्ताह में रूट से हटा दी जाएंगी। यानी छह बसें कंडम होने के कारण जींद डिपो में 108 बसें ही रह जाएंगी। बसों की संख्या घट जाने से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। ज्ञात हो कि जींद डिपो को वर्ष 2015 में 12 नई बसें मिली थी। अभी छह माह पहले जिले को 30 बसें मिली। 20 जींद डिपो, 5 नरवाना और 5 बसें सफीदों डिपो को मिली थी। लंबे रूट होंगे प्रभावित
बसों के कम होने के कारण ज्यादातर लंबे रूट प्रभावित होंगे। क्योंकि ग्रामीण इलाकों में बस सेवा प्रभावित न हो इसके लिए रोडवेज विभाग द्वारा लंबे रूटों की बसों के चक्करों को कम किया जाएगा। रोडवेज अधिकारियों के अनुसार जो चार बसें कंडम हुई हैं, उनमें 2 जुलाना रूट की और 2 बरवाला रूट की हैं।
-------------------
रोडवेज कर्मियों की हड़ताल भी रही कारण
प्राइवेट बसों को परमिट देने के विरोध में हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों ने हड़ताल कर 18 दिन बसों का चक्का जाम रखा। इस दौरान रोडवेज की बसों को चलाने के लिए विभाग ने ठेके पर कंडक्टर और चालक भर्ती किए थे। इनमें अधिकतर चालक अप्रेंटिशिप थे और उन्हें बस चलाने का अनुभव नहीं था। जिस कारण 17 बसें गड़बड़ी के कारण वर्कशॉप में खड़ी हैं। जिनमें कलच, ब्रैक, स्टेय¨रग और कुछ के इंजन तक में खराबी है। आठ साल बाद कंडम होती है बस
परिवहन विभाग की शर्तो के अनुसार कोई बस 8 साल चलने या सात लाख किलोमीटर पूरे करने पर कंडम घोषित की जाती है। इसके बाद इन बसों को बेच दिया जाता है। बसों की समय सीमा पूरी हो जाने के बाद इनको किसी भी हालात में रूटों पर नहीं उतारा जाता।
-------------
कब कितनी बसें कंडम
वर्ष कंडम बसें
2018-19 04
2017-18 12
2016-17 12
2015-16 45
2014-15 15
----------------
बेड़े में पहले ही बसों की संख्या कम है। इसकी वजह से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अब जो बसें कम हो रही हैं, उससे ज्यादा लंबे रूट ही प्रभावित होंगे। किसी भी गांव के रूट को बाधित नहीं किया जा सकता।
गजे ¨सह, डीआइ, रोडवेज, जींद