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13 माह में लगाए 56 खुले दरबार, मलाल : सभी गांव नहीं पहुंच सका

कर्मपाल गिल, जींद हर अधिकारी के काम करने का तरीका अलग होता है। कुछ अधिकारी एसी कमरों से बाहर नहीं

By JagranEdited By: Published: Tue, 08 May 2018 01:52 AM (IST)Updated: Tue, 08 May 2018 01:52 AM (IST)
13 माह में लगाए 56 खुले दरबार, मलाल : सभी गांव नहीं पहुंच सका
13 माह में लगाए 56 खुले दरबार, मलाल : सभी गांव नहीं पहुंच सका

कर्मपाल गिल, जींद

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हर अधिकारी के काम करने का तरीका अलग होता है। कुछ अधिकारी एसी कमरों से बाहर नहीं निकलते, जबकि कुछ जनता के बीच रहकर अपने काम से उनका दिल जीत लेते हैं। सफीदों के एसडीएम विरेंद्र सांगवान ने भी 13 महीने के कार्यकाल में गांव-गांव खुले दरबार जनता को अपना मुरीद बना लिया। सरकार ने उनका तबादला नारायणगढ़ कर दिया है। मंगलवार को वह चार्ज छोड़ देंगे।

एचसीएस अधिकारी विरेंद्र सांगवान अगस्त महीने में रिटायरमेंट होने जा रहे हैं। इसलिए सर्विस के अंतिम दिनों में उन्होंने सफीदों में पूरा प्रशासनिक अनुभव झोंक दिया। गांव-गांव खुले दरबार लगाकर लोगों की समस्याओं का मौके पर निदान करवाया। स्कूलों और अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया और खामियों को दूर करने के तत्काल निर्देश दिए। पिछले साल सफीदों में ज्वाइन करने के कुछ दिन बाद ही 24 अप्रैल को अमरावली खेड़ा में पहला खुला दरबार लगाया था। मौके पर ही काफी समस्याओं का समाधान होने पर लोगों ने एसडीएम को बधाई दी तो उनका भी हौसला बढ़ गया और इसे मिशन के रूप में ले लिया। मात्र 13 महीने के कार्यकाल में 47 खुले दरबार लगा दिए। इस दौरान कुल 56 गांव कवर हुए। हलके के चार बड़े गांवों बूढ़ा खेड़ा, मलार, जामनी और मुआना में हेल्थ चेकअप कैंप भी लगाए, जिनका सैकड़ों लोगों ने फायदा उठाया। दैनिक जागरण से बातचीत में एसडीएम ने कहा कि खुले दरबार में वह पहले आधा घंटा तक गांव में भाईचारा बनाने, नशे से दूर रहने, नंदीशाला की मदद के लिए आगे आने और अन्य सामाजिक कुरीतियों पर बोलते थे। इसके बाद समस्याएं सुनते थे। उन्हें मलाल है कि सफीदों ब्लॉक के सभी 72 गांवों में खुले दरबार नहीं लगा सका। खुले दरबारों में बिजली, पानी, अतिक्रमण, चौपाल, बीपीएल कार्ड, बुढ़ापा पेंशन, आधार कार्ड, ब्रेकर बनवाने सहित हजारों समस्याओं का समाधान किया गया है। सांगवान कहते हैं कि लोगों ने भी उनका खूब सहयोग किया। सफीदों नंदीशाला में बड़ी मात्रा में चारे का स्ट्रॉक कर दिया है। हाट गांव को इकट्ठा करके गोशाला के लिए एकजुट किया।सांगवान ने बताया कि उन्होंने हर गांव की डिटेल बना रखी थी। अधिकारियों को साथ लेकर छोटी समस्याएं मौके पर निपटवाता था। बड़ी समस्याओं की बाद में खुद मॉनीट¨रग की। --3500 बुजुर्गों की पेंशन शुरू करवाई

एसडीएम विरेंद्र सांगवान ने बताया कि उन्हें खुशी है कि खुले दरबारों में हजारों लोगों की छोटी-बड़ी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। इन दरबारों के जरिए 3500 बुजुर्गों की बंद पेंशन शुरू करवाई। धड़ौली गांव में खुले दरबार में करीब 200 बुजुर्गों ने पेंशन बंद होने का मामला उठाया तो हफ्तेभर के अंदर उनकी पेंशन दोबारा शुरू करवाई। सांगवान ने बताया कि खुले दरबारों में बिजली-पानी की शिकायतें ज्यादा आती थी। --हाइकोर्ट से मिला था स्टे, बाद में किया विदड्रा

एचसीएस अधिकारी विरेंद्र सांगवान का पिछले महीने पहले प्रदेश सरकार ने तबादला कर दिया था, तब वे हाइकोर्ट चले गए थे। सांगवान ने याचिका में कहा था कि अगस्त में उनकी रिटायरमेंट है। इसलिए सर्विस रूल्स के हिसाब से आखिरी दिनों में उनका तबादला नहीं हो सकता। हाइकोर्ट से उन्हें स्टे भी मिल गया था, लेकिन बाद में उन्होंने विदड्रा कर लिया। इसके बाद ही सरकार ने अब उनका तबादला अंबाला जिले की नारायणगढ़ तहसील में कर दिया है। --आज मलार में खुला दरबार लगाकर चार्ज छोड़ेंगे

नारायणगढ़ तबादला होने के बाद मंगलवार दोपहर बाद एसडीएम विरेंद्र सांगवान चार्ज छोड़ देंगे। लेकिन इससे पहले वह सुबह 10 बजे गांव मलार के राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में दरबार लगाएंगे। इस दौरान नए वाहन चालकों की सुविधा के लिए लर्निंग ड्राई¨वग लाइसेंस बनाए जाएंगे। स्कूल में ही नि:शुल्क चिकित्सा कैम्प लगाया जाएगा।


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