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तीन सौ गाड़ियों की चे¨कग, 28.5 लाख जुर्माना

देशभर में 1 अप्रैल से इंटरस्टेट ई-वे बिल लागू हो चुका है। प्रदेश में भी 20 अप्रैल से इंट्रा-स्टेट ई-वे अमल में लाया जा चुका है। बावजूद इसके बड़ी संख्या में व्यापारी ई-वे बिल नहीं काट रहे हैं, जिन पर आबकारी और कराधान विभाग ने सख्ती कर दी है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Apr 2018 10:39 PM (IST)Updated: Sun, 29 Apr 2018 10:39 PM (IST)
तीन सौ गाड़ियों की चे¨कग, 28.5 लाख जुर्माना
तीन सौ गाड़ियों की चे¨कग, 28.5 लाख जुर्माना

जागरण संवाददाता, जींद : देशभर में 1 अप्रैल से इंटरस्टेट ई-वे बिल लागू हो चुका है। प्रदेश में भी 20 अप्रैल से इंट्रा-स्टेट ई-वे अमल में लाया जा चुका है। बावजूद इसके बड़ी संख्या में व्यापारी ई-वे बिल नहीं काट रहे हैं, जिन पर आबकारी और कराधान विभाग ने सख्ती कर दी है। जिले में 1 से 25 अप्रैल तक ई-वे बिल न काटने वाले व्यापारियों से 28 लाख पांच हजार 938 रुपये जुर्माना वसूला जा चुका है।

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केंद्र सरकार के गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) कानून के तहत एक राज्य से दूसरे राज्य में माल भेजने के लिए ई-वे बिल लागू किया गया है, जिसे इंटर स्टेट ई-वे बिल कहते हैं। जबकि एक ही राज्य के अंदर एक जगह से दूसरी जगह माल भेजने पर इंट्रा स्टेट ई-वे बिल काटना होता है। प्रदेश में यह 20 अप्रैल से लागू हो चुका है। आबकारी व कराधान विभाग सेल्स टैक्स के उप आबकारी व कराधान आयुक्त सुरेंद्र कुमार कहते हैं कि पहले माल परिवहन के लिए कागज पर बिल बनता था, जिसे रोड परमिट कहते थे। अब इसे इलेक्ट्रॉनिक कर दिया है। यानि कोई भी माल एक जगह से दूसरी जगह के लिए रवाना करने से पहले ऑनलाइन ई-वे बिल काटना होता है। लेकिन बहुत सारे व्यापारी अब भी टैक्स चोरी करने के लिए ई-वे बिल नहीं काट रहे हैं, इसलिए विभाग ने जिलेभर में मुख्य मार्गों और चौराहों पर गाड़ियों की चे¨कग बढ़ा दी है। जींद सहित जुलाना, नरवाना, उचाना, सफीदों में मुख्य मार्गो पर लगातार चे¨कग की जा रही है। 1 अप्रैल से अब तक तीन सौ से ज्यादा ई-वे बिल चेक किए गए हैं, जिनमें से खुद डीईटीसी ने 81 गाड़ियों की चे¨कग की है। बड़ी संख्या में माल से भरी गाड़ियां पाई गई, जिनके पास ई-वे बिल नहीं था। ऐसे व्यापारियों पर 28 लाख 5 हजार 938 रुपये टैक्स व जुर्माना लगाकर वसूल कर लिया गया है।

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डीईटीसी सुरेंद्र कुमार ने बताया कि विभाग का ई-वे बिलों का चे¨कग अभियान लगातार जारी रहेगा। सभी व्यापारियों से अपील है कि माल भेजने से पहले ई-वे बिल जरूर जेनरेट करें ताकि उन्हें परेशानी न हो। ई-वे बिल न होने पर कोई बहाना नहीं सुना जाएगा।

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व्यापार मंडल के जिला प्रधान महावीर कंप्यूटर ने कहा कि भाजपा सरकार ने टैक्सों से व्यापारियों की कमर तोड़ दी है। जीएसटी और ई-वे बिल का सरलीकरण होना चाहिए। ई-वे बिल न होने पर बहुत ज्यादा पेनाल्टी लगाई जा रही है। सरकार इसे कम करे।


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