5953 में से 3078 अभ्यर्थी मूल्यांकन परीक्षा में फेल
सरकारी स्कूलों के बच्चों समेत 4246 ने 134ए के तहत निजी स्कूलों में दाखिले के लिए क्वालिफाई किया है। मुख्यालय से जारी इस लिस्ट में काफी खामियां भी हैं।
जागरण संवाददाता, जींद : 134ए के तहत 14 अप्रैल को हुई मूल्यांकन परीक्षा का शुक्रवार को परिणाम जारी किया गया। परीक्षा में बैठे आधे से ज्यादा बच्चे दाखिले के लिए क्वालिफाई नहीं कर सके। 5953 विद्यार्थियों में 3078 फेल हुए हैं। वहीं सरकारी स्कूलों के बच्चों समेत 4246 ने 134ए के तहत निजी स्कूलों में दाखिले के लिए क्वालिफाई किया है। मुख्यालय से जारी इस लिस्ट में काफी खामियां भी हैं। सरकारी स्कूलों के कई बच्चों के रिजल्ट में शून्य अंक दिखाए गए हैं।
आवेदन करने वाले जो बच्चे पिछले कक्षा में निजी स्कूलों में पढ़ रहे थे, उनके लिए मूल्यांकन परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में 55 प्रतिशत अंक लेने वाले बच्चे क्वालिफाई हुए हैं। वहीं सरकारी स्कूल में पढ़ रहे बच्चे के पिछली कक्षा में 55 प्रतिशत अंक हैं, उसे इसके लिए क्वालिफाई माना गया है। जिलेभर से करीब 1400 सरकारी स्कूल के बच्चों ने आवेदन किया था, जिनके नाम भी मुख्यालय को भेजे गए थे। जिसके बाद मुख्यालय से निजी व सरकारी स्कूलों के क्वालिफाई बच्चों की लिस्ट जारी की गई। जिसमें कुल 4246 बच्चे दाखिले के लिए क्वालिफाई मिले।
सीटें ज्यादा और बच्चे कम
मूल्यांकन परीक्षा में आधे से ज्यादा बच्चे फेल होने की वजह से रिक्त सीटों की संख्या ज्यादा है और उन पर दाखिले के लिए बच्चे कम हैं। जींद ब्लॉक में 1789 बच्चे क्वालिफाई हुए हैं, जबकि रिक्त सीटें 2272 हैं। जिससे काफी सीटें रिक्त रहेंगी। बृहस्पतिवार को परिणाम जारी नहीं होने से बच्चों के साथ आए अभिभावक मायूस होकर वापस लौटे थे। शुक्रवार को बीइओ कार्यालय में रिजल्ट की सूची चस्पा की गई, जिसे देखने के लिए दिनभर भीड़ लगी रही।
पहली बार मुख्यालय से स्कूल होंगे अलॉट
पहले तय किए गए शेड्यूल के अनुसार 19 अप्रैल को पहला ड्रॉ जारी कर दाखिले के लिए स्कूल अलॉट किये जाने थे, लेकिन 18 अप्रैल को तय समय पर रिजल्ट जारी नहीं हुआ। काफी निजी स्कूलों द्वारा रिक्त सीटों की जानकारी नहीं देना इसकी वजह रही। अब 23 अप्रैल को सीधे मुख्यालय से बच्चों को मेरिट के आधार पर स्कूल अलॉट किए जाएंगे। इससे पहले ब्लॉक स्तर पर ही स्कूल अलॉट किए जाते थे।
गलत जानकारी भरी, दाखिले से वंचित
जींद ब्लॉक में सात बच्चे ऐसे थे, जिन्होंने उत्तर पुस्तिका में रजिस्ट्रेशन की जगह मोबाइल नंबर लिखा हुआ था। रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं होने के कारण उनका नाम मुख्यालय से जारी क्वालिफाई बच्चों की सूची में नहीं आया। 55 प्रतिशत से कम अंक आने पर कुछ बच्चों ने दोबारा मूल्यांकन कराने की मांग की। बीइओ कार्यालय में इस तरह की 13 शिकायतें आई।